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bihar board 10th Results 2020: शिक्षकों के हड़ताल के चलते कॉपियां जांचने में हो रही है देरी, जानें कब आएंगे 10वीं बोर्ड के नतीजे

By निखिल वर्मा | Updated: March 17, 2020 11:16 IST

bihar board 10th Results 2020: बिहार बोर्ड 10वीं के नतीजे आने में पिछले साल की तुलना में कुछ देरी हो सकती है. शिक्षकों के हड़ताल के चलते कॉपी जांचने का कार्य धीमे चल रहा है.

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ठळक मुद्देपटना में 120 शिक्षकों पर कार्रवाई हुई है, करीब 1000 शिक्षकों ने कॉपी मूल्यांकन में भाग नहीं लिया है.समान वेतन समान काम को लेकर मिडिल स्कूल के 40 हजार शिक्षक हड़ताल पर चले गए हैं.

बिहार में जारी मिडिल और प्राइमरी के शिक्षकों के हड़ताल का असर 10वीं बोर्ड की कॉपियों के जांचने पर भी पड़ रहा है। पिछले एक महीने से बिहार में हजारों शिक्षक हड़ताल पर हैं। 'समान काम समान वेतन' के मुद्दे पर हड़ताल कर रहे शिक्षकों के चलते राजधानी पटना में अब तक सिर्फ एक तिहाई कॉपियां जांच हो पाई हैं।

शिक्षक नहीं दे रहे हैं कॉपी जांच में योगदान

बिहार में 10वीं बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन का काम 6 मार्च से शुरू हुआ। सिर्फ पटना जिले में ही आठ लाख कॉपियों को जांचने का शिक्षकों पर था। अब तक सिर्फ 2.5 लाख कॉपियां ही चेक हुई है। पटना जिले में 2600 शिक्षकों को मूल्यांकन के कार्य में लगाया था लेकिन सिर्फ 1481 शिक्षकों ने ही मूल्यांकन कार्य में हिस्सा लिया। पटना शिक्षा कार्याकल अब तक 120 शिक्षकों पर कार्रवाई कर चुका है।

मिडिल-प्राइमरी स्कूल के शिक्षक हड़ताल पर

बिहार में प्राइमरी स्कूल के शिक्षक करीब एक महीने से हड़ताल पर हैं जबकि मिडिल स्कूल के शिक्षक भी 20 दिनों से हड़ताल पर हैं।  समान काम समान वेतन व सेवा शर्त को लेकर प्रारंभिक शिक्षक 17 फरवरी से, जबकि वेतन विसंगति दूर करने और और सेवा शर्त की मांग को लेकर 40 हजार माध्यमिक शिक्षक हड़ताल पर हैं।  इतने दिन बीतने के बाद भी हड़ताली शिक्षक और बिहार सरकार के बीच वार्ता ठप्प है। दोनों पक्षों फिलहाल बातचीत नहीं हो रही है और इसके लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। वार्ता की कहीं से कोई पहल नहीं हो रही है। इसके लिए दोनों पक्ष एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

सक्षी पक्षों ने एक-दूसरे को ठहराया जिम्मेदार

समान वेतन का बोझ उठाने की स्थिति में सरकार खुद को सक्षम नहीं मान रही। इसके अलावा शिक्षक सुप्रीम कोर्ट तक से फीस बढ़ोत्तरी की यह लड़ाई हार चुके हैं, जहां सरकार ने 20 फीसदी बढ़ोत्तरी का शपथ पत्र जमा किया था। हड़ताल पर शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने कहा कि वार्ता से ही समाधान निकलता है। मैंने तो कई बार अपील की, सदन और मीडिया के माध्यम से भी बातचीत की पहल की, लेकिन शिक्षक संगठनों ने उनकी अपील ठुकरा दी।

वहीं बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक ब्रजनंदन शर्मा ने कहा कि हमने हड़ताल पर जाने का अल्टीमेटम दिया तब भी वार्ता की पहल शिक्षा विभाग ने नहीं की। प्रेस में बयान देने से थोड़े होता है। उधर पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि हड़ताल के लिए सरकार भी जिम्मेदार है। अभी तक वार्ता की कोई पहल उसने नहीं की है। हमलोग एकतरफा प्रस्ताव रखकते रहे हैं। वार्ता होती तो हड़ताल पर जाने की नौबत ही नहीं आती।

टॅग्स :बिहारपटनासरकारी नौकरी
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