NIT, केंद्रीय विश्वविद्यालय सहित 10 संस्थान हेफा फंडिंग के लिये नहीं कर सके सहमति पत्र
By भाषा | Updated: September 22, 2019 15:13 IST2019-09-22T15:13:08+5:302019-09-22T15:13:08+5:30
इनमें 4 एनआईटी भी शामिल हैं जिनके लिये 307.42 करोड़ रूपये की लागत हैं और अभी राशि जारी नहीं हुई है । इसमें एक केंद्रीय विश्वविद्यालय भी शामिल है । गौरतलब है कि मंगलवार को उच्च शिक्षा वित्तिय अभिकरण (हेफा) द्वारा वित्तपोषित परियोजनाओं की समीक्षा बैठक बुलाई गई थी।

NIT, केंद्रीय विश्वविद्यालय सहित 10 संस्थान हेफा फंडिंग के लिये नहीं कर सके सहमति पत्र
देश के चार एनआईटी और चार केंद्रीय विश्वविद्यालयों सहित 10 उच्च शिक्षण संस्थान, प्रयोगशालाओं तथा अन्य आधारभूत ढांचे के विकास के लिये उच्च शिक्षा वित्तीय अभिकरण :हेफा: से वित्त पोषण संबंधी सहमति पत्र कायम नहीं कर सके हैं । मंत्रालय ने इन संस्थाओं को प्रक्रिया तेज करने को कहा है।
सूत्रों ने ‘भाषा’ को बताया, ‘‘ हेफा के तहत अभी वित्त पोषित 78 परियोजनाएं हैं । इनमें से 40 परियोजनाएं ऐसी हैं जिनमें सहमति पत्र की प्रक्रिया हो गई है, निविदा कार्य हो गया है और इनसे संबंधित संस्थाओं ने बिल भी सौंप दिये हैं । ’’ उन्होंने बताया कि 10 परियोजनाएं ऐसी हैं जिसमें सहमति पत्र हो गया है, निविदा हो गई है लेकिन फंडिंग नहीं हुई । इसमें झारखंड स्थित केंद्रीय विश्वविद्याल, चार एनआईटी शामिल हैं ।
मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ऐसे संस्थान जिन्हें फंडिंग नहीं प्राप्त नहीं हुई हैं, उनमें 3 नये आईआईटी शामिल हैं । इनके लिये 667.46 करोड़ रूपये की लागत रखी गई हैं लेकिन राशि आवंटित नहीं हुई है । इनमें 4 एनआईटी भी शामिल हैं जिनके लिये 307.42 करोड़ रूपये की लागत हैं और अभी राशि जारी नहीं हुई है । इसमें एक केंद्रीय विश्वविद्यालय भी शामिल है । गौरतलब है कि मंगलवार को उच्च शिक्षा वित्तिय अभिकरण (हेफा) द्वारा वित्तपोषित परियोजनाओं की समीक्षा बैठक बुलाई गई थी।
इसमें मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और राज्य मंत्री संजय धोत्रे मौजूद थे । सूत्रों ने बताया कि चार एनआईटी और चार केंद्रीय विश्वविद्यालयों सहित 10 उच्च शिक्षण संस्थान, प्रयोगशालाओं तथा अन्य आधारभूत ढांचे के विकास के लिये उच्च शिक्षा वित्तीय अभिकरण :हेफा: से वित्त पोषण संबंधी सहमति पत्र कायम नहीं सके हैं । इसमें सिलचर स्थित केंद्रीय विश्विवद्यालय, विश्वभारती विश्वविद्यालय भी शामिल हैं । गौरतलब है कि सहमति पत्र या समझौता कायम होने के बाद संस्थान हेफा से रिण के लिये आवेदन कर सकते हैं ।
सूत्रों के अनुसार, केरल विश्वविद्यालय ने बैठक में बताया कि उसने पिछले सप्ताह ही सहमति पत्र कायम किया है जबकि सिलचर विश्वविद्यालय ने 24 सितंबर तक समझौता करने की बात कही है । विश्व भारती विश्वविद्यालय ने अक्तूबर तक का समय मांगा है।
गौरतलब है कि आईआईटी, एनआईटी, एम्स, केंद्रीय विश्वविद्यालय, आईआईएसईआर जैसी संस्थाओं में शोध एवं नवोन्मेष को बढ़ावा देने एवं उससे जुड़ी आधारभूत संरचना के वित्त पोषण के लिये हेफा का एक फंडिंग एजेंसी के रूप में गठन किया गया है। हेफा सिविल एवं लैब से जुड़ी आधारभूत संरचना के विकास के लिए 10 वर्ष के लिये रिण देता है । इसके तहत रिण के मूल हिस्से का भुगतान संस्थान अपनी आंतरिक आमदनी से करता है जिसमें फीस, शोध से आय आदि शामिल है।