योगी सरकार ने बदली जेल नीति, अब आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी 60 से कम उम्र में समयपूर्व रिहाई पा सकते हैं
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 11, 2022 10:23 IST2022-06-11T10:21:14+5:302022-06-11T10:23:51+5:30
यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने जेल नियामवली में बदलाव किया है। यूपी के जेल में जगह से ज्यादा कैदियों की मौजूदगी के कारण राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है।

जेल में बन्द कैदी की प्रतीकात्मक तस्वीर
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदियों को 60 साल की उम्र से पहले भी कारावास अवधि पूरी होने से पूर्व रिहा करने के लिए नियमों में बदलाव किये हैं। इन नए नियमों का लाभ उन कैदियों को भी मिल सकेगा जो छूट के साथ 20 साल या बिना छूट के 16 साल की जेल काट चुके हैं।
यूपी में आजीवन कारावास के कैदियों को प्रयागराज, वाराणसी, फतेहगढ़, इटावा, बरलेी और आगरा में बने केंद्रीय कारावासों में रखा जाता है। इनके इलावा यूपी की कुल 63 जिला जेलों में भी कैदी रखे जाते हैं। जिन कैदियों का चालचलन सजा काटने के दौरान अच्छा होता है उन्हें लखनऊ के मॉडल जेल में भेज दिया जाता है।
यूपी के डायरेक्टर जनरल (कारावास) आनन्द कुमार ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि नई नीति से आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदियों को लाभ मिलेगा और यूपी क जेलों में क्षमता से अधिक कैदी होने समस्या में भी राहत मिली है।
यूपी सरकार की पुरानी नीति के अनुसार आजीवन कारावास की सजा काटने वाले कैदियों को 60 साल की उम्र से पहले रिहाई नहीं दी जाती थी। यूपी सरकार ने बन्दी नियमों में यह बदलाव पिछले महीने किया था।