Yes Bank Scam: DHFLके प्रमोटर कपिल वधावन, भाई धीरज को राहत नहीं,  आठ मई तक सीबीआई हिरासत में

By भाषा | Published: May 1, 2020 05:38 PM2020-05-01T17:38:50+5:302020-05-01T17:38:50+5:30

सीबीआई की प्राथमिकी के मुताबिक यह घोटाला अप्रैल से जून 2018 के बीच हुआ था, जब यस बैंक ने घोटाला प्रभावित डीएचएफएल के अल्प अवधि के रिणपत्र में 3,700 करोड़ रुपये निवेश किये थे।

Yes Bank DHFL promoter Kapil Wadhawan brother Dheeraj no relief CBI custody till May 8 | Yes Bank Scam: DHFLके प्रमोटर कपिल वधावन, भाई धीरज को राहत नहीं,  आठ मई तक सीबीआई हिरासत में

करीब 50 दिन पहले उनके खिलाफ कई करोड़ के घोटाले का मामला दर्ज किया गया था। (file photo)

Highlightsहिरासत की पूर्व अवधि खत्म होने के बाद दोनों को यहां की विशेष अदालत में शुक्रवार को पेश किया गया। वधावन भाइयों को मुंबई के पास स्थित हिल स्टेशन, महाबालेश्वर से 26 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था।

नई दिल्ली/मुंबईः मुंबई की एक विशेष अदालत ने येस बैंक घोटाला मामले में डीएचएफएल के प्रवर्तक कपिल वधावन और उनके भाई धीरज वधावन की सीबीआई की हिरासत की अवधि शुक्रवार को आठ मई तक बढ़ा दी।

वधावन भाई येस बैंक के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) राणा कपूर के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी हैं। अधिकारियों ने बताया कि अदालत ने इससे पहले कपिल और आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स के प्रवर्तक, उनके भाई धीरज को मामले में पूछताछ के लिए एक मई तक सीबीआई की हिरासत में भेजा था।

उनकी हिरासत की पूर्व अवधि खत्म होने के बाद दोनों को यहां की विशेष अदालत में शुक्रवार को पेश किया गया। वधावन भाइयों को मुंबई के पास स्थित हिल स्टेशन, महाबालेश्वर से 26 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। करीब 50 दिन पहले उनके खिलाफ कई करोड़ के घोटाले का मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में अन्य आरोपी येस बैंक के पूर्व सीईओ एवं सह-संस्थापक राणा कपूर हैं। अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने वधावन भाइयों की हिरासत की अवधि बढ़ाए जाने का शुक्रवार को अनुरोध किया था जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।

सीबीआई ने उनकी हिरासत बढ़ाने जाने के अनुरोध के पीछे दलील दी कि उसे वधावन भाइयों और कपूर के बीच “गहरी साजिश’’ को जांचने के लिए और पूछताछ की जरूरत है। एजेंसी ने आरोप लगाया कि वधावन भाई 150 से अधिक मुखौटा कंपनियां चला रहे हैं जिसकी वह जांच करना चाहती है। एजेंसी ने कहा कि इसके अलावा राणा कपूर और उनका परिवार कई कंपनियां चला रहा है और उसे यह जांच करनी है कि क्या वधावन भाइयों का इन कंपनियों से किसी प्रकार का कोई लेन-देन है।

बचाव पक्ष के वकील सुबोध देसाई ने सीबीआई की याचिका का यह कहते हुए विरोध किया कि उनकी हिरासत की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि हर चीज रिकॉर्ड में है। हालांकि अदालत ने हिरासत आठ मई तक बढ़ा दी। अधिकारियों ने बताया कि वधावन भाई सीबीआई की उस प्राथमिकी में आरोपी बनाए गए हैं जो कपूर और अन्य द्वारा पैसों की ठगी किए जाने से जुड़ी हुई है।

एजेंसी ने आरोप लगाया कि 62 वर्षीय कपूर ने येस बैंक के जरिए डीएचएफएल को वित्तीय मदद देने के नाम पर वधावन भाइयों के साथ मिलकर साजिश रची और बदले में उनके नाम पर चल रही कंपनियों के माध्यम से खुद को और अपने परिवार को अनुचित लाभ दिलाया। सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार इस घोटाले को अप्रैल से जून 2018 के बीच अंजाम देना शुरू किया गया जब येस बैंक ने घोटालों से घिरी दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशम लिमिटेड (डीएचएफएल) के कम अवधि वाले ऋण पत्रों में 3,700 करोड़ रुपयों का निवेश किया।

इसके बदले में, वधावन भाइयों ने कथित तौर पर ‘‘600 रुपये की रिश्वत” कपूर और परिवार के सदस्यों को डीओआईटी अर्बन वेंचर्स (इंडिया) लिमिटेड को ऋण के रूप में लौटाई। यह कंपनी कपूर की पत्नी और बेटियों के नाम पर है। सीबीआई के अलावा, येस बैंक घोटाले मामले में वधावन भाइयों से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी पूछताछ कर रहा है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के प्रवक्ता आर के गौर ने दोनों की गिरफ्तारी के बाद कहा था, “कपिल और धीरज वधावन जांच की शुरुआत से फरार थे और इसमें शामिल होने से बच रहे थे।” 

Web Title: Yes Bank DHFL promoter Kapil Wadhawan brother Dheeraj no relief CBI custody till May 8

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