पटनाः बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में बेतिया के अंचलाधिकारी रमाकंत प्रसाद को 'धनतेरस’ रास नही आया. ढाई लाख की रिश्वत की राशि से धनतेरस का त्योहार मनाने की उनकी तैयारी बस ख्वाब बनकर रह गई. अपने आवास पर धनतेरस के सुबह-सुबह अंचलाधिकारी को ढाई लाख रुपये घूस लेते हुए रंगे हाथों निगरानी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया.
प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर की एक जमीन को बनावटी विवाद में डालकर अंचलाधिकारी पीड़ित से ढाई लाख रुपए ले रहे थे. इससे पहले 29 अक्टूबर को इसी अंचल के एक राजस्व कर्मचारी को 12000 घूस लेते रंगे हाथों निगरानी ने गिरफ्तार किया था. अंचलाधिकारी की गिरफ्तारी से बेतिया में हड़कंप मच गया है.
पीड़ित विनोद कुमार गुप्ता ने बताया कि अंचलाधिकारी उससे जमीन के दाखिल खारिज के नाम पर ढाई लाख रुपए की मांग कर रहे थे. विनोद गुप्ता के परिवार के लोगों ने 1987 में बेतिया शहर में 4 कट्ठा जमीन खरीदी थी. यह जमीन आज करोड़ों रुपए बताई जा रही है. विनोद कुमार गुप्ता का इस जमीन पर शांतिपूर्ण दखल कब्जा था. लेकिन इस जमीन की दाखिल खारिज नहीं कराई गई थी.
वर्तमान में जमीन विनोद कुमार गुप्ता के कब्जे में है, लेकिन जमीन के रैयत के रूप में विक्रेता इस्मत अली का नाम अभी भी सरकारी कागजों में दर्ज है. पिछले साल 2020 में विनोद कुमार गुप्ता ने इस जमीन पर निर्माण कार्य शुरू कराया तो विक्रेता इस्मत के परिवार के एक रिश्तेदार शकीला खातून ने सीओ कार्यालय में ऑब्जेक्शन पेटीशन डाल दिया और शकीला खातून ने वह जमीन उसके नाम से दाखिल खारिज करने का आवेदन दिया. ऐसे में शहर की कीमती जमीन पर दो पक्षों के बीच विवाद को देखते हुए अंचलाधिकारी ने इसमें इंटरेस्ट लेना शुरू कर दिया.
जमीन की कीमत को देखते हुए अंचलाधिकारी लालच में पड़ गए. विनोद गुप्ता के द्वारा बार-बार रजिस्ट्री का पेपर दिखाने के बावजूद अंचलाधिकारी ने जमीन विवाद का वाद चलाना शुरु कर दिया. अंचलाधिकारी ने इस बीच 22 अक्टूबर को जमीन की नापी कराने के लिए अमीन को भी भेज दिया.
विनोद कुमार गुप्ता ने विरोध किया तो अंचलाधिकारी ने अपने प्रभाव से पुलिस भेजकर विनोद गुप्ता का निर्माण कार्य बंद करवा दिया. 27 अक्टूबर को जब पीडित विनोद गुप्ता अंचलाधिकारी के यहां दरख्वास्त लेकर पहुंचा तो अंचलाधिकारी के दलालों के द्वारा ढाई लाख रुपए में मामले को रफा-दफा करने की बात कही गई.
पीडित विनोद गुप्ता निगरानी विभाग के शरण में पहुंचे और अंचलाधिकारी के खिलाफ निगरानी विभाग में शिकायत दर्ज कराई. विभागीय जांच में मामले को सत्य पाए जाने के बाद धावा दल का गठन किया गया. आज निगरानी टीम ने अंचलाधिकारी रामाकांत प्रसाद को उनके आवास कमलनाथ नगर से पैसा लेते रंगे हांथों धर दबोचा. इसी मामले में बीते 29 अक्टूबर को निगरानी विभाग में राजस्व कर्मचारी जगदीश राम को गिरफ्तार किया था.