Virar Building Collapse: 1 साल की बच्ची का मन रहा था जन्मदिन, इमारत में 12 फ्लैट ढहे, 17 की मौत
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 28, 2025 14:25 IST2025-08-28T11:53:48+5:302025-08-28T14:25:40+5:30
Virar Building Collapse: मलबा हटाने में देरी हुई क्योंकि अधिकारियों को भीड़भाड़ वाले इलाके में स्थित दुर्घटनाग्रस्त इमारत तक भारी मशीनरी पहुंचाने में शुरुआत में काफी मशक्कत करनी पड़ी।

Virar Building Collapse
Virar Building Collapse: महाराष्ट्र में पालघर जिले के विरार में एक इमारत ढहने की घटना में रात भर जारी रहे बचाव अभियान के दौरान तीन और शव बरामद होने के साथ ही मृतकों की संख्या बढ़कर 17 हो गई है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि मुंबई से सटे पालघर के विरार इलाके के विजय नगर में मंगलवार रात 12 बजकर पांच मिनट पर लगभग 50 फ्लैट वाला अनधिकृत चार मंजिला रमाबाई अपार्टमेंट पास के एक खाली पड़े मकान पर गिर गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, चौथी मंजिल पर एक साल की बच्ची का जन्मदिन मनाया जा रहा था, तभी इमारत के एक हिस्से में 12 फ्लैट ढह गए, जिससे फ्लैट में रहने वाले लोग और मेहमान मलबे में दब गए।
पालघर की जिलाधिकारी डॉ. इंदु रानी जाखड़ ने बृहस्पतिवार सुबह पुष्टि की कि इस घटना में जान गंवाने वालों की संख्या 15 हो गई है। मृतकों में वह बच्ची भी शामिल है जिसका जन्मदिन घटना के समय मनाया जा रहा था। वसई-विरार नगर निगम (वीवीएमसी) के एक अधिकारी के अनुसार, घायल हुए और बचाए गए छह अन्य लोगों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज हो रहा है।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), स्थानीय पुलिस और अग्निशमन विभाग सहित आपातकालीन टीम मलबे की छानबीन कर रही हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि कोई और व्यक्ति मलबे में फंसा तो नहीं है। जिलाधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मलबा हटाने का काम जारी रहेगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मलबे में कोई और व्यक्ति दबा न रह जाए।
उन्होंने कहा, ‘‘काम लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन हम अभियान पूरा करने से पहले पूरी तरह आश्वस्त होना चाहते हैं।’’ अधिकारियों ने बुधवार को सात मृतकों की पहचान कर ली। मरने वाले अन्य आठ लोगों की पहचान गोविंद सिंह रावत (28), शुभांगी पवन साहनी (40), कशिश पवन साहनी (35), दीपक सिंह बेहरा (25), सोनाली रूपेश तेजम (41), हरीश सिंह बिष्ट (34), सचिन नेवालकर (40) और दीपेश सोनी (41) के रूप में हुई है। प्रत्यक्षदर्शियों ने उस भयावह दृश्य का वर्णन किया, जहां पल भर में खुशी का क्षण अफरा-तफरी में बदल गया।
हादसे में जीवित बचे एक व्यक्ति ने बताया, ‘‘लोग (जन्मदिन की पार्टी के दौरान) नाच रहे थे और जश्न मना रहे थे, तभी अचानक पूरा ढांचा ताश के पत्तों की तरह ढह गया।’’ इसके बाद अफरा-तफरी और दहशत का माहौल था, लोग चीख-पुकार कर रहे थे और बिल्डर पर लापरवाही का आरोप लगा रहे थे।
निवासियों ने दावा किया कि इमारत गिरने की पिछली घटनाओं के विपरीत, जहां दरारें या ढांचागत कमजोरियां पहले से ही दिखाई दे रही थीं, यहां ऐसी कोई चेतावनी के संकेत नहीं थे। इस तरह से अचानक इमारत के ढहने से अन्य इमारतों की सुरक्षा और इलाके में अनधिकृत निर्माणों को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा हो गई हैं।
स्थानीय लोगों ने बिल्डर और अधिकारियों पर ‘‘सुस्ती और लापरवाही’’ का आरोप लगाया है और कई लोगों ने इस बात की गहन जांच की मांग की है कि बिना उचित सुरक्षा उपायों के इस अनधिकृत ढांचे में इतने सारे निवासियों को कैसे रहने दिया गया। वीवीएमसी द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद पुलिस ने बुधवार को बिल्डर को गिरफ्तार कर लिया।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी विवेकानंद कदम ने पहले कहा था कि जिस चॉल या मकान पर इमारत गिरी, सौभाग्य से वह खाली था। उन्होंने कहा कि एहतियात के तौर पर इमारत के आसपास की सभी चॉल खाली करा दी गई हैं और निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। कदम ने कहा कि 2012 में निर्मित रमाबाई अपार्टमेंट में 50 फ्लैट हैं और ढहे हुए हिस्से में 12 अपार्टमेंट थे।
वीवीएमसी के एक प्रवक्ता ने पुष्टि की कि इमारत ‘‘अवैध’’ थी। मलबा हटाने में देरी हुई क्योंकि अधिकारियों को भीड़भाड़ वाले इलाके में स्थित दुर्घटनाग्रस्त इमारत तक भारी मशीनरी पहुंचाने में शुरुआत में काफी मशक्कत करनी पड़ी। इमारत ढहने से कई परिवार बेघर हो गए हैं।
वीवीएमसी के सहायक आयुक्त गिलसन गोंजोल्विस ने कहा, ‘‘सभी प्रभावित परिवारों को चंदनसर समाजमंदिर में अस्थायी रूप से ठहराया गया है। हम उन्हें भोजन, पानी, चिकित्सा सहायता और अन्य आवश्यक सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।’’