फेक ID कार्ड बनाकर कानपुर से इस तरह उज्जैन पहुंचा था विकास दुबे, एनकाउंटर के डर से बन गया था 'पॉल'

By पल्लवी कुमारी | Published: July 9, 2020 03:26 PM2020-07-09T15:26:05+5:302020-07-09T15:34:42+5:30

उत्तर प्रदेश के कानपुर मुठभेड़ में डीएसपी सहित 8 पुलिसकर्मी का हत्यारा विकास दुबे मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल मंदिर से आज (9 जुलाई) गिरफ्तार किया गया। हालांकि उसकी गिरफ्तारी को विपक्ष के नेता सरेंडर बता रहे हैं। लेकिन मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसे गिरफ्तारी कहा है।

Vikas Dube carrying faking id using name Paul sir ujjain reached via car reveal after arrest | फेक ID कार्ड बनाकर कानपुर से इस तरह उज्जैन पहुंचा था विकास दुबे, एनकाउंटर के डर से बन गया था 'पॉल'

हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे उज्जैन के महाकाल मंदिर से बाहर आता हुआ (ट्विटर)

Highlightsविकास दुबे कानपुर के बिकरू गांव का रहने वाला है। वह एक हिस्ट्रीशीटर है। उसपर 60 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं।विकास दुबे को आज (9 जुलाई) सुबह उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया है।

उज्जैन:कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्यारा कुख्यात अपराधी विकास दुबे (vikas dubey) को आज (9 जुलाई) मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया है। उत्तर प्रदेश का मोस्टवांटेड विकास दुबे आखिर एमपी के उज्जैन कैसे पहुंचा, ये सवाल सबके दिमाग में है। असल में विकास दुबे कुख्यात अपराधी के साथ एक शातिर बदमाश ही निकला। कानपुर शूटआउट के बाद वह एक फेक आईडी बनाकर पुलिस के डर से छिपा हुआ था। विकास दुबे ने जो फर्जी आईडी बनाई थी, उसमें उसका नाम  'पॉल' था। इसी फर्जी आईडी कार्ड के सहारे विकास दुबे राजस्थान के कोटा से सड़क के रास्ते उज्जैन पहुंचा था। NDTV ने दावा किया है कि ये उक्त जानकारी  मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उनको बातचीत में बताई है। 

NDTV ने मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के हवाले  से लिखा है, हमें विकास की गिरफ्तारी के बाद ऐसी जानकारी मिली थी कि वह फर्जी आईडी का इस्तेमाल कर रहा था। विकास दुबे गुरुवार (9 जुलाई) को उज्जैन के महाकाल मंदिर पहुंचा था, यहां पर उसे एक गार्ड ने पहचान लिया था। उसकी पहचान की पुष्टी होने के बाद उज्जैन पुलिस को भी जानकारी दी गई, जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।  

एनडीटीवी के पत्रकार ने ट्विटर पर उस कार की वीडियो शेयर की है, जिससे विकास उज्जैन आया था।  

अधिकारिक तौर पर मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने फर्जी आईडी वाली बता नहीं कही है

मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मामले की अधिकारिक जानकारी देते हुए फर्जी आईडी के बारे में कोई बात नहीं कही है। मीडिया के सवालों पर उन्होंने कहा कि वह अभी इस बारे में ज्यादा नहीं बता सकते कि आखिर विकास दुबे उज्जैन कैसे पहुंचा था। उन्होंने कहा कि यह इंटेलिजेंस का मामला है...इसलिए ज्यादा नहीं बोल सकता। एक बार सारी पूछताछ हो जाए तो पूरी जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा, विकास दुबे की गिरफ्तारी मध्य प्रदेश पुलिस की बड़ी कामयाबी है। 

मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जानकारी दी है कि विकास दुबे के साथ उसके दो साथी भी गिरफ्तार किए गए हैं। जिनके नाम हैं बिट्टू और सुरेश। उन्होंने कहा, मोस्टवांटेड विकास दुबे के साथ हमने उसके दो साथियों बिट्टू और सुरेश को भी उज्जैन में गिरफ्तार किया है। हमने उत्तर प्रदेश पुलिस को सूचना दे दी है।  हमने पुलिस को अलर्ट कर रखा था, मध्य प्रदेश पुलिस के जांबाज चौकस थे, जैसे ही उन्हें संदेह हुआ, उसे (विकास दुबे) दबोच लिया गया। 

गिरफ्तारी के बाद विकास दुबे की मां ने कहा- बेटे को 'महाकाल' ने बचाया

विकास दुबे की गिरफ्तारी पर मां सरला देवी ने कहा है कि उसके बेटे को 'महाकाल' ने बचाा है। विकास दुबे की गिरफ्तारी पर मां सरला देवी बोली, वो (विकास दुबे) उज्जैन के महाकाल मंदिर में हर साल सावन में दर्शन के लिए जाता था। सरकार जो उचित समझे वो करे, मेरे कहने से कुछ नहीं होगा। मां ने यह भी बताया कि विकास दुबे का ससुराल मध्य प्रदेश में है। वह वहीं था।

गिरफ्तारी के बाद बोला- मैं हूं कानपुर वाला विकास दुबे

गिरफ्तारी के बाद विकास दुबे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में आया। जिसमें पुलिस उसको गाड़ी में बिठाने ले जा रही है और उसे दो-तीन पुलिसकर्मियों ने पकड़े हुए हैं। तभी विकास दुबे जोर से चिल्लाता है, 'मैं विकास दुबे हूं.. कानपुर वाला'। तभी एक कॉन्स्टेबल ने विकास को थप्पड़ मारता है। 

विकास दुबे की क्राइम कुंडली

- विकास दुबे एक हिस्ट्रीशीटर है। उसपर 60 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं।
-2001 में राजनाथ सिंह सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री संतोष शुक्ला की थाने में घुसकर विकास दुबे ने हत्या की थी। 

हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को गिरफ्तार कर ले जाती पुलित (फाइल फोटो)
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को गिरफ्तार कर ले जाती पुलित (फाइल फोटो)

- साल 2000 में विकास दुबे पर कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या का आरोप लगा था
-  2000 में ही विकास पर कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र में रामबाबू यादव की हत्या मामले में जेल के भीतर रहकर साजिश रचने का आरोप लगा।
-साल 2004 में केबल व्यवसायी दिनेश दुबे हत्या मामले में भी विकास दुबे का नाम आया। 

जानें कानपुर एनकाउंटर( kanpur Encounter) वाली रात क्या हुआ? 

उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस की एक टीम दो और तीन जुलाई की मध्य रात्रि (एक से डेढ़ बजे के करीब) को चौबेपुर पुलिस थाने के अंतर्गत बिकरू गांव में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी करने पहुंची। जैसे ही पुलिस का एक दल हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर के पास पहुंचने ही वाला था। उसी दौरान एक इमारत की छत से पुलिस दल पर अंधाधुंध गोलीबारी की गई। ये सब इतनी जल्दीबाजी में हुआ कि पुलिस को संभलने का मौक नहीं मिला। जिसमें पुलिस उपाधीक्षक सहित उत्तर प्रदेश पुलिस के आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए। जबकि दो अपराधी भी इस दौरान मारे गए। 

हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद की तस्वीर
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद की तस्वीर

शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों में बिल्हौर के क्षेत्राधिकारी डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा (54), थानाध्यक्ष शिवराजपुर महेश कुमार यादव (42), सब इंस्पेक्टर अनूप कुमार सिंह (32), सब इंस्पेक्टर नेबू लाल (48), कांस्टेबिल जितेंद्र पाल (26), सुल्तान सिंह (35), बबलू कुमार (23) और राहुल कुमार (24) शामिल हैं।

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