यौन अपराधों में आरोपियों की जमानत अर्जियों पर सुनवाई में अनिवार्य रूप से पीड़ितों की सुनी जानी चाहिए: उच्च न्यायालय

By भाषा | Published: May 15, 2020 05:49 AM2020-05-15T05:49:15+5:302020-05-15T05:49:15+5:30

दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि यौन अपराधों के आरोपियों की जमानत अर्जियों पर सुनवाई में अनिवार्य रूप से पीड़ितों की सुनी जानी चाहिए और उसने इस पर अपने दिशानिर्देशों को फिर से संबंधित इकाइयों तक पहुंचाने का आदेश दिया।

Victims must be heard in hearing on bail applications of accused in sexual offenses: HC | यौन अपराधों में आरोपियों की जमानत अर्जियों पर सुनवाई में अनिवार्य रूप से पीड़ितों की सुनी जानी चाहिए: उच्च न्यायालय

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि यौन अपराधों के आरोपियों की जमानत अर्जियों पर सुनवाई में अनिवार्य रूप से पीड़ितों की सुनी जानी चाहिए और उसने इस पर अपने दिशानिर्देशों को फिर से संबंधित इकाइयों तक पहुंचाने का आदेश दिया।

वीडियो कॉन्फ्रेंस से सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति बृजेश सेठी को बताया गया कि निचली अदालत यौन अपराधों के आरोपियों की जमानत अर्जी पर उच्च अदालत के पहले के निर्देशों का उल्लंघन कर रही हैं और शिकायतकर्ता या अधिकृत व्यक्ति को नोटिस जारी करने की अनिवार्य जरूरत का पालन किए बगैर ही जमानत आदेश जारी कर रही हैं।

न्यायमूर्ति सेठी ने कहा, ‘‘ चूंकि याचिकाकर्ता के वकील ने कहा है कि कई अदालतें उपरोक्त आदेश का पालन नहीं कर रही हैं , ऐसे में इस अदालत के महापंजीयक 24, सितंबर, 2019 के प्रैक्टिस दिशानिर्देश, उच्च न्यायालय के 25 नवंबर, 2019 के आदेश तथा इस साल 27 जनवरी के आदेश का परिपत्र दिल्ली के सभी जिला एवं सत्र न्यायाधीशों के बीच फिर वितरित करें।

उच्च न्यायालय नाबालिग बलात्कार पीड़िता की मां की अर्जी पर सुनवाई कर रहा था जिसने बिना उसका पक्ष सुने या उसे नोटिस जारी किए ही आरोपी को अंतरिम जमानत देने को चुनौती दी थी। 

Web Title: Victims must be heard in hearing on bail applications of accused in sexual offenses: HC

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