नई दिल्ली, 7 अगस्त: देवरिया शेल्टर होम प्रकरण को अत्यंत गंभीर मामला मानते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी जांच सीबीआई से कराने का ऐलान किया है। योगी ने मंगलवार की देर शाम संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'देवरिया की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसकी गंभीरता को देखते हुए दोपहर में बैठक की थी। बालिकाओं के बयान और अन्य स्थितियों को देखते हुए मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए ही इसे सीबीआई को भेजने का निर्णय किया गया है।'
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने स्तर से एसआईटी का गठन किया है, जो इस पूरे प्रकरण की जांच करेगी और उसकी मदद एसटीएफ :स्पेशल टास्क फोर्स: करेगी। योगी ने कहा कि बाल कल्याण समिति ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं किया, इसलिए उसे निलंबित करने का फैसला किया जा रहा है।देवरिया प्रकरण में शासन को सौंपी रिपोर्ट को आधार बनाते हुए योगी ने कहा कि 2017 में सरकार ने शेल्टर होम चलाने वाली संस्था की मान्यता को समाप्त कर जिला प्रशासन को इस संस्था को बंद करने और बच्चों को अन्य संस्थाओं में ले जाने का आदेश किया था लेकिन जिला प्रशासन ने नियत समय पर कार्रवाई नहीं की । इस बात को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी को हटाया गया और उन्हें आरोपपत्र जारी किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्तव्य पालन में शिथिलता बरतने वाले जनपद देवरिया के पूर्व जिला प्रोबेशन अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलम्बित करने तथा अन्य के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई भी की गई है। इन्हें भी आरोपपत्र जारी किया जा रहा है। योगी ने कहा कि पुलिस की भूमिका की जांच भी की जाएगी क्योंकि जब जुलाई में एफआईआर हुई थी तो उसके बाद कार्रवाई क्यों नहीं हुई । उन्होंने बताया कि एडीजी गोरखपुर को इस बारे में जांच का आदेश दिया जा रहा है।योगी ने कहा कि पिछली सरकारों ने बड़ी उदारता से इस संस्था को अनुदान दिया। पिछली सरकारों के कृपापात्र वे लोग थे जिनकी कभी ना कभी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संलिप्ततता रही होगी। लापरवाही को देखते हुए जो भी जिम्मेदार हो 'दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए।' इसलिए तय किया है कि पूरे प्रकरण को सीबीआई को सौंपेंगे। साथ ही इस दौरान साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ ना हो, इस दृष्टि से डीजीपी क्राइम के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एसआईटी में दो महिला पुलिस अधिकारी शाामिल होंगी। तीन अधिकारियों के नेतृत्व में यह एसआईटी काम करेगी और उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ इन्हें मदद करेगी ।मुख्यमंत्री ने कहा कि जो बालिकाएं बरामद हुई हैं, उन सभी को वाराणसी में सुरक्षित स्थानांतरित करने का आदेश किया जा चुका है । जो बालक मिले हैं, उन्हें भी बाल संरक्षण गृह में स्थानांतरित करने के आदेश दिये जा चुके हैं। योगी ने साफ किया कि बालिकाओं के बयान और अन्य घटनाक्रम तथा मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए ही इस मामले को सीबीआई को भेजने का निर्णय लिया गया है।उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी । इस बीच, भाजपा प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने 'भाषा' से कहा कि मामला तीन सरकारों से जुडा है, इसलिए मुख्यमंत्री ने सीबीआई जांच का फैसला कर उचित कदम उठाया है और मामले की निष्पक्ष जांच हो, इसलिए भी ये जरूरी था।उन्होंने कहा कि दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो, इसी मकसद से जांच निष्पक्ष ढंग से होनी चाहिए और तभी मुख्यमंत्री ने सीबीआई जांच की सिफारिश करने का ऐलान किया।
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