लखनऊ/कानपुरः कानपुर में अपराधियों के साथ मुठभेड़ में एक पुलिस उपाधीक्षक समेत आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गयी है और आठ पुलिस कर्मी घायल हो गए हैं, जबकि दो अपराधी भी इस दौरान मारे गए। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अपराधी विकास दुबे पर योगी सरकार ने 50,000 का उनाम घोषित किया है।
इस बीच कानपुर एनकाउंटर के मुख्य दोषी विकास दुबे की माता सरला देवी ने कहा कि अच्छा होगा अगर वो खुद सरेंडर कर दे। धोखे से भागता रहा तो पुलिस उसे एनकाउंटर में मार देगी। मैं तो कहती हूं पकड़ लो और फिर एनकाउंटर कर दो। उसने बहुत बुरा किया है।
कानपुर एनकाउंटर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस दुख की घड़ी में हम शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं। परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी और असाधारण पेंशन सरकार उपलब्ध करवाएगी। इसके अलावा 1 करोड़ रु. की आर्थिक सहायता भी प्रत्येक परिवार को दी जाएगी।
कानपुर में मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मियों की मौत, दो अपराधी मारे गए
पुलिस की एक टीम अपराधी विकास दुबे को पकड़ने के लिए बृहस्पतिवार देर रात चौबेपुर थाने के दिकरू गांव गयी। दुबे के खिलाफ 60 आपराधिक मामले दर्ज हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस का एक दल जैसे ही अपराधी के ठिकाने पर पहुंचा, तभी एक इमारत की छत से पुलिस दल पर अंधाधुंध गोलीबारी की गई, जिसमें पुलिस उपाधीक्षक देवेंद्र मिश्रा, तीन उप निरीक्षकों और चार कांस्टेबलों की मौत हो गयी।
कानपुर के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने शुक्रवार सुबह 'भाषा' को घटनास्थल से फोन पर बताया, ‘‘पुलिस और अपराधियों के बीच शुक्रवार सुबह मुठभेड़ में दो अपराधी मारे गये हैं। अभी तक उनकी पहचान नहीं हो पायी है। अपराधी मारे गए पुलिस कर्मियों के चार हथियार भी छीन ले गये थे, जिसमें से एक पिस्तौल मुठभेड़ में मारे गये एक अपराधी के पास से शुक्रवार सुबह बरामद हुई।'' अग्रवाल ने बताया कि बृहस्पतिवार रात हुई मुठभेड़ के बाद शुक्रवार सुबह एक बाद फिर मुठभेड़ हुई।
उन्होंने बताया कि शुक्रवार सुबह हुई मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। उन्होंने बताया कि छह पुलिस कर्मी रात में घायल हुये थे। अब तक आठ पुलिसकर्मी घायल हुये हैं । अग्रवाल ने कहा कि फरार अपराधियों को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या मुख्य अपराधी विकास दुबे मारा गया, अग्रवाल ने कहा कि यह शवों की पहचान के बाद ही पता चल पाएगा। अभी तलाश कार्य जारी है। इससे पहले पुलिस महानिदेशक एच सी अवस्थी ने बताया कि विकास दुबे कानपुर का शातिर अपराधी और हिस्ट्रीशीटर है और उसके खिलाफ 60 मुकदमे दर्ज है।
कानपुर के राहुल तिवारी नाम के व्यक्ति ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था । उन्होंने बताया कि विकास को पकड़ने के लिए पुलिस दल के गांव पहुंचते ही बदमाशों ने छतों से गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें आठ पुलिस कर्मियों की मौत हो गई। मुठभेड़ में क्षेत्राधिकारी पुलिस उपाधीक्षक देवेंद्र मिश्रा, उप निरीक्षक महेश चन्द्र यादव, उप निरीक्षक अनूप कुमार सिंह, उप निरीक्षक नेबू लाल, कांस्टेबल जितेंद्र पाल, कांस्टेबल सुल्तान सिंह, कांस्टेबल बबलू कुमार और कांस्टेबल राहुल कुमार की मौत हो गई।
अतिरिक्त महानिदेशक (कानून व्यवस्था) घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और पुलिस महानिरीक्षक मौके पर हैं। कानपुर की फोरेंसिक टीम जांच कर रही है और एक टीम लखनऊ से आ रही है। विशेष सुरक्षा बल को भी घटनास्थल भेजा गया है।
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर में कर्तव्यपालन के दौरान जान गंवाने वाले आठ पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि दी और उनके परिजन के प्रति संवेदना जाहिर की है। । उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक को इस दुर्दांत घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने तथा तत्काल रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
कानपुर पुलिस मुठभेड़ के अपराधियों की तलाश में नेपाल से सटे बलरामपुर में सतर्कता बढ़ाई
कानपुर में अपराधियों के साथ हुई मुठभेड. में पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद बदमाशों की तलाश में नेपाल से सटे बलरामपुर जिले की सीमाओं पर भी पुलिस ने निगरानी बढा दी है। बदमाशों के नेपाल फरार होने की आशंका के चलते पड़ोसी देश जाने वाले रास्तों पर विशेष जांच अभियान चलाया जा रहा है । पुलिस अधीक्षक देवरंजन वर्मा ने शुक्रवार को बताया कि कानपुर में पुलिसकर्मियों की शहादत की घटना के बाद जिले की सभी सीमाओ पर निगरानी बढा दी गई है।
जिसके चलते श्रावस्ती,गोंडा और सिद्धार्थनगर से बलरामपुर की सीमा मे प्रवेश करने वाले वाहनों की सघन जाँच की जा रही है। उन्होने बताया कि पुलिस हत्याकांड के दोषियो पर पैनी नजर रखने के लिए नेपाल से सटी जिले की 82 किलोमीटर की सीमा और उससे जुडे मार्गो पर भी पुलिस विशेष नजरे बनाए हुए है।
उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण नेपाल सीमा पर आवागमन बन्द है । फिर भी नेपाल खुली सीमा पर एसएसबी के जवानों के साथ पुलिस खास नजर रख रही है ताकि अपराधी फायदा न उठा सके । उन्होंने बताया कि प्राइवेट वाहनों और बसों की भी गहन छानबीन की जा रही है ।