गोरखपुरः कानपुर के बार गोरखपुर में फिरौती न देने पर 14 साल की बच्चे की हत्या कर दी गई। योगी सरकार पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है। इससे पहले कानपुर में अपहरणकर्ताओं ने लैब टेक्नीशियन की हत्या कर दी थी। वहां भी फिरौती की मांग की गई थी। गोरखपुर में पान विक्रेता के बच्चे को मार डाला गया।
उत्तर प्रदेश में गोरखपुर जिले के पिपराइच इलाके में अपह्रत किये गये एक छात्र का पुलिस ने सोमवार को शव बरामद किया। पुलिस ने बताया कि 14 वर्षीय बच्चे बलराम गुप्ता के पिता महाजन गुप्ता की परचून और पान की दुकान है। बच्चे का अपहरण रविवार को हुआ था और उसके बाद परिवार को फिरौती के लिये फोन आया था।
महाजन गुप्ता ने बताया, ‘‘रविवार की दोपहर बाद उनका बच्चा बलराम गुप्ता खाना खाने के बाद घर के बाहर खेलने गया था। शाम को मेरे पास एक अनजान नंबर से फोन आया और मुझसे बच्चे के बदले एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गयी। मैने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी।’’
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुये अपहरणकर्ताओं को रविवार की रात गिरफ्तार कर लिया था
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार गुप्ता ने सोमवार को बताया कि जैसे ही इस घटना की जानकारी मिली पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुये अपहरणकर्ताओं को रविवार की रात गिरफ्तार कर लिया था। उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान अपहरणकर्ताओं ने बताया कि उन्होंने बच्चे को रात को ही मार दिया था और उनसे मिली जानकारी के अनुसार बच्चे का शव बरामद कर लिया गया है।
एसएसपी के मुताबिक बच्चा दोपहर बाद से गायब था और उसके पिता ने पुलिस को इस बारे में शाम को जानकारी दी थी। इस बीच लखनऊ में अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि इस मामले में कई संदिग्ध व्यक्तियों को लेकर पूछताछ की गयी थी।
दयानंद राजभर नामक व्यक्ति से पूछताछ करने पर उसने बताया कि बच्चे को मार दिया गया है। उसकी निशानदेही पर केवटिया टोला नाले से एक बोरे में शव बरामद किया गया। उन्होंने बताया कि दयानंद से पूछताछ जारी है। इस घटना में तीन-चार अन्य लोग भी शामिल हैं। इन लोगों की तलाश जारी है।
अपहरणकर्ताओं ने लैब टेक्नीशियन की हत्या की, लापरवाही के आरोप में 11 पुलिसकर्मी निलंबित
उत्तर प्रदेश की कानपुर पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि महीने भर पहले कथित तौर पर फिरौती के लिए जिस लैब टेक्नीशियन का अपहरण किया गया था, बदमाशों ने उसकी हत्या कर दी है। जांच में उसकी हत्या की बात स्पष्ट हो गई है। इसबीच उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच में लापरवाही बरतने के आरोप में आज एक अपर पुलिस अधीक्षक सहित 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।
वहीं कानपुर में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अपहरण किये गये लैब टेक्निशीयन संजीत यादव का शव अभी तक बरामद नहीं हुआ है, सिर्फ उनकी बाइक बरामद हुई है। पुलिस शव की तलाश में जुटी है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने दिन में बताया था कि शासन द्वारा सम्यक विचार के बाद जनहित में ‘‘अपर पुलिस अधीक्षक :दक्षिणी: कानपुर नगर अपर्णा गुप्ता और तत्कालीन क्षेत्राधिकारी मनोज गुप्ता को निलंबित कर दिया गया है।’’
प्रवक्ता ने कहा था, 'कानपुर के पुलिस अधीक्षक ने जांच में लापरवाही बरतने के आरोप में बर्रा थाने के पूर्व प्रभारी निरीक्षक रणजीत राय और चौकी इंचार्ज राजेश कुमार को निलंबित कर दिया है।’’ उन्होंने बताया कि उक्त अपहरण की घटना में फिरौती के लिए पैसे लिये गये या नहीं, इसकी जांच करने के लिए अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय, लखनऊ वी.पी. जोगदंड को तत्काल कानपुर पहुंचने का आदेश दिया गया है।
बाद में पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय द्वारा जारी बयान में बताया गया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कानपुर नगर ने विवेचना में लापरवाही बरतने के आरोप में बर्रा थाने के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक रणजीत राय, चौकी प्रभारी राजेश कुमार, उपनिरीक्षक योगेन्द्र प्रताप सिंह, आरक्षी अवधेश, आरक्षी दिशु भारती, आरक्षी विनोद कुमार, आरक्षी सौरभ पाण्डेय, आरक्षी मनीष व आरक्षी शिव प्रताप को निलम्बित कर दिया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु ने बताया कि पुलिस जांच में साफ हो गया है कि महीने भर पहले कथित तौर पर फिरौती के लिए अपहृत लैब टेक्नीशियन की उसके अपहर्ताओं ने हत्या कर दी है।