कासगंज हिंसा: मृतक की मां ने 20 लाख मुआवजा लेने से किया इंकार, कहा- शहीद का दर्जा दे योगी सरकार

By पल्लवी कुमारी | Updated: January 29, 2018 19:53 IST2018-01-29T19:34:45+5:302018-01-29T19:53:54+5:30

कासगंज में गणतंत्र दिवस के दिन तिरंगा यात्रा के दौरान भड़की हिंसा शांत हो गई है। सरकार ने एक्शन लेते हुए एसपी का किया तबादला।

uttar pardesh Kasganj Clashes Chandan Gupta mother refused 20 lac compensation want Shaheed status | कासगंज हिंसा: मृतक की मां ने 20 लाख मुआवजा लेने से किया इंकार, कहा- शहीद का दर्जा दे योगी सरकार

कासगंज हिंसा: मृतक की मां ने 20 लाख मुआवजा लेने से किया इंकार, कहा- शहीद का दर्जा दे योगी सरकार

उतर प्रदेश के कासगंज हिंसा पर सख्त रुख अपनाते हुए प्रशासन ने सोमवार 29 जनवरा को कासगंज के एसपी सुनील कुमार सिंह को हटाकर पीयूष श्रीवास्तव को तैनात कर दिया। पीयूष श्रीवास्तव पुलिस अधीक्षक पीटीएस मेरठ में तैनात थे।  एसपी सुनील कुमार सिंह को मेरठ भेज दिया गया है। वहीं, इस हिंसा में मारे गए चंदन कुमार के परिजनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की और से दिए जा रहे 20 लाख मुआवजे को लेने से इंकार कर दिया है। 

मृतक चंदन गुप्ता के घरवाले हिंसा में मारे जाने की वजह से अब भी इस बात की जिद्द पर अड़े हैं कि सरकार चंदन को शहीद का उपाधी दे। चंदन की मां का कहना है कि गणतंत्र दिवस पर हुए हादसे में उसके बेटे की मौत हुई है, तो इस लिहाजे से सरकार को उसको शहीद का दर्जा देना चाहिए। 


वहीं, मृतक चंदन के पिता ने कासगंज में अमन और भाईचारे की अपील करते हुए कहा, 'मैं खुद ही चाहता हूं कि शांति बनी रहे। समाज में भाईचारा बना रहे,  प्रेम बना रहे। सभी लोग मिल-जुलकर रहें। घृणा का माहौल फैल रहा है यह अच्छी बात नहीं है इससे हमारे देश को ही नुकसान होगा। और इसी घृणा ने मेरे बेटे की जान ली है। ' 

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 कासगंज हिंसा में एटा के बीजेपी विधायक देवेन्द्र प्रताप सिंह भी विवादों में घिर गए हैं। दरअसल स्थानीय खबरों के मुताबिक जब कासगंज जल रहा था तो बीजेपी विधायक देवेन्द्र प्रताप सिंह के सहित फरुखाबाद के बीजेपी सांसद मुकेश राजपूत, एटा मारहरा के विधायक वीरेंद्र वर्मा, कासगंज सदर विधायक देवेंद्र लोधी, अमांपुर विधायक देवेंद्र वर्मा रात भर एक कार्यक्रम में कैलाश खेर के गाने सुन रहे थे हालांकि एटा के बीजेपी विधायक देवेन्द्र प्रताप सिंह ने ANI एजेंसी को बताया कि वह वहां उस दिन प्रोग्राम में सिर्फ कुछ मिनटो के लिए गए थे।



 राज्यपाल राम नाईक ने सोमवार 29 जनवरी को कहा कि कासगंज में जो हुआ वह हम सभी के लिए शर्म की बात है। सरकार को अब ऐसी कार्रवाई करनी चाहिए, जिससे इस तरह की घटना पर रोक लगाया जा सके। उन्होंने इस घटना पर दुख जताया है। यह घटना उत्तर प्रदेश के लिए कलंक जैसा है। 

गौरतलब है कि कासगंज में गणतंत्र दिवस के दिन तिरंगा यात्रा के दौरान भड़की हिंसा शांत हो गई है। पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अब तक 112 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है। वहीं तिरंगा यात्रा के दौरान युवक चंदन गुप्ता की हत्या के कथित आरोपी शकील के घर पुलिस ने छानबीन के दौरान उसके घर से देशी बम और पिस्तौल बरामद की गई थी। हालांकि शकिल अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पुलिस ने पूरे शहर में रविवार को धारा 144 लागू कर दी थी। रविवार रात 10 बजे तक एहतियातन इंटरनेट सेवा भी बंद रही।

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