ठाणेः गर्भवती महिला का पीछा करने और यौन दुर्व्यवहार करने के आरोप में 19 वर्षीय युवक अरेस्ट, पीड़िता अपनी ससुराल से मायके जा रही थी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 10, 2022 14:20 IST2022-12-10T14:19:26+5:302022-12-10T14:20:00+5:30
मुंब्रा थाने की सहायक पुलिस निरीक्षक कृपाली बोर्से ने बताया कि जब पीड़िता अपनी ससुराल से मायके जा रही थी, तभी रास्ते में आरोपी कथित तौर पर उसका पीछा करने लगा और उसके साथ यौन दुर्व्यवहार किया। उन्होंने बताया कि युवक ने महिला को धमकी भी दी और फिर मौके से भाग गया।

सीसीटीवी फुटेज को खंगाला और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
ठाणेः महाराष्ट्र में ठाणे शहर के मुंब्रा में एक गर्भवती महिला का कथित तौर पर पीछा करने और उसके साथ यौन दुर्व्यवहार करने के आरोप में 19 वर्षीय युवक को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने शनिवार को बताया कि घटना बृहस्पतिवार की है और आरोपी को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया।
मुंब्रा थाने की सहायक पुलिस निरीक्षक कृपाली बोर्से ने बताया कि जब पीड़िता अपनी ससुराल से मायके जा रही थी, तभी रास्ते में आरोपी कथित तौर पर उसका पीछा करने लगा और उसके साथ यौन दुर्व्यवहार किया। उन्होंने बताया कि युवक ने महिला को धमकी भी दी और फिर मौके से भाग गया।
अधिकारी के मुताबिक, महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 (महिला का शील भंग करने के इरादे से हमला करना या आपराधिक बल प्रयोग), 354 डी (पीछा करना), 504 (जानबूझकर बेइज्ज़त करना) और 506 (धमकी देना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। बोर्से ने कहा, “पुलिस ने आरोपी का पता लगाने के लिए कुछ दलों का गठन किया। उन्होंने सीसीटीवी फुटेज को खंगाला और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी मुंब्रा के अमृत नगर इलाके का रहने वाला है।”
उप्र : नाबालिग से दुष्कर्म के तीन दोषियों को 20-20 साल का कारावास
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में एक नाबालिग के साथ नौ साल पहले हुए दुष्कर्म के मामले में विशेष अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने तीन दोषियों को 20-20 साल के सश्रम कारावास और एक-एक लाख जुर्माने की सजा सुनाई है।
विशेष अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (पॉक्सो अधिनियम) संत प्रताप सिंह ने शनिवार को बताया कि जनवरी 2014 में जरवल रोड थाना क्षेत्र के एक गांव के रहने वाले व्यक्ति ने बाराबंकी निवासी तीन युवकों के खिलाफ अपनी 15 वर्षीय बहन को बहला-फुसलाकर अगवा करने की शिकायत दर्ज कराई थी।
सिंह के मुताबिक, बाद में पुलिस ने किशोरी को बरामद कर धारा-164 के तहत अदालत में दिए उसके बयान के आधार पर मामले में दुष्कर्म और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की प्रासंगिक धाराएं भी जोड़ दी थीं। धारा-164 के तहत पीड़ित द्वारा अदालत में बंद कमरे में पुलिस व अधिवक्ताओं की गैर-मौजूदगी में बयान दिया जाता है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, शुक्रवार को बहराइच स्थित पॉक्सो अदालत के अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश वरुण मोहित निगम ने अपराध में शामिल कमलेश, राजू और शिवपाल को 20-20 साल के सश्रम कारावास और एक-एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। अभियोजकों ने बताया कि जुर्माने की रकम अदा न करने पर दोषियों को एक-एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।