भागलपुर बम धमाके में आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन के शामिल होने की संभावना
By एस पी सिन्हा | Updated: March 6, 2022 15:39 IST2022-03-06T15:30:03+5:302022-03-06T15:39:14+5:30
भागलपुर बम धमाके की जांच एटीएस की टीम वैज्ञानिक उपकरणों, बम निरोधी टीम और खोजी कुत्तों की सहायता से कर रही है। वहीं जांच की प्रगति के साथ विस्फोट में मारे गये लोगों की मौत का आंकड़ा भी बढ़कर 16 पहुंच गया है।

भागलपुर बम धमाके में आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन के शामिल होने की संभावना
पटना: बिहार में भागलपुर शहर के तातारपुर थाना क्षेत्र के काजवालीचक में हुए बम धमाके के बाद एक तरफ जहां एटीएस की टीम जांच कर रही है तो वहीं दूसरी ओर एसएसपी के नेतृत्व में एसआईटी की टीम और डॉग स्क्वायड की टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं।
एटीएस की टीम वैज्ञानिक उपकरणों, बम निरोधी टीम और खोजी कुत्तों के साथ जांच में जुटी है। वहीं दूसरी ओर विस्फोट की इस घटना में मौत का आंकड़ा बढ़कर 16 पहुंच गया है। इस बात की भी आशंका बढ गई है कि हटाये जा रहे मलबे में अभी कुछ और शव फंसे हो सकते हैं।
इस बीच काजीवलीचक स्थित राज कुमार साह के घर के सामने सैलून के पास स्थित गुड्डू मंडल के घर में पुलिस घुसी। तलाशी के क्रम में वहां से चार बोरे में विस्फोटक पदार्थ बरामद किया गया। इस दौरान यतीमखाना की गली से भी एक मकान में छापेमारी कर चार कार्टून पटाखा का रैपर बरामद किया गया है।
लगातार चल रही जांच के बाद अब धीरे-धीरे मामले की परतें खुलने लगी हैं। इसमें संलिप्त लोगों के नाम-पता तक स्थानीय लोगों ने बताए हैं। लोगों ने जानकारी दी कि चार दिन पहले ही यहां रात में एक मिनी ट्रक आजाद की ग्रिल फैक्ट्री के सामने लगा था।
धमाके बाद जांच में जुटे इंटेलिजेंस अधिकारियों ने मोहम्मद आजाद के प्रतिबंधित बांग्लादेशी आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन के पश्चिम बंगाल विंग से रिश्ते होने का संकेत दिया है। इंटेलिजेंस अधिकारियों ने यह जानकारी जुटाई है कि विध्वंसक विस्फोटकों की तस्करी और उसे पश्चिम बंगाल के बशीरहाट, मोटियाबुर्ज, चौबीस परगना, सांतरागाछी, बरुईपुर जैसे इलाके में पहुंचाने के लिए पूर्व से भागलपुर, मुंगेर और झारखंड के तस्करों की संलिप्तता सामने आ चुकी है।
पश्चिम बंगाल के चौबीस परगना, बशीरहाट, बरुईपुर समेत कई अन्य हिस्सों में सक्रिय प्रतिबंधित बांग्लादेशी आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन से जुडे लोगों तक विस्फोटक पहुंचाने की भी बात सामने आ रही है। इसी कड़ी में एसआईटी के टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर घटना स्थल के सामने के अशोक मंडल उर्फ गुड्डू के दो घरों और उसके बहनोई धनंजय मण्डल के घर पर छापेमारी की।
एसआईटी ने वहां से भारी मात्रा में बारूद, कार्बन कॉपी, चुना, सुतली समेत बम बनाने के कई समान बरामद किए। तीनों घर मे ताला लगा हुआ था और घर के लोग फरार हैं। सीढी और छज्जे के सहारे टीम ने उक्त लोगों के घर मे घुसकर विस्फोटक सामग्री को बरामद किया है।
मोहम्मद आजाद की सरपरस्ती में परंपरागत पटाखे के कारोबार से कभी नाता रखने वाले काजवली चक के शंकर मंडल, महेंद्र मंडल की मौत के बाद लीलावती और उसके कुनबे की मदद से झारखंड से चोरी-छिपे विध्वंसक विस्फोटक मंगाने का सिलसिला आजाद की सरपरस्ती में शुरू हुआ।
उसे पश्चिम बंगाल तक चोरी-छिपे बाजार भी दिया जा रहा था। इसी कारण ग्रिल कारखाने की आड़ लेकर लीलावती के कुनबे से जमीन-मकान की रजिस्ट्री कराने के बाद भी इस जरायम धंधे पर पर्दा डालते हुए उसके कुनबे को आजाद काजवली चक में ही बसाए रखा।अचानक हुए भीषण धमाके ने विध्वंसक विस्फोटक पदार्थों की तस्करी का अंदर ही अंदर चल रहे तगड़े नेटवर्क के उजागर होने पर भागलपुर पुलिस ही नहीं सुरक्षा एजेंसियां भी चौंक गई हैं।
इस मामले में भागलपुर के एसएसपी बाबू राम ने बताया कि सूचना पर अशोक मण्डल उर्फ गुड्डू व धनंजय मंडल के घर पर छापेमारी की गई। दोनों के घर से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद हुई है। दोनों घर के लोग घर मे ताला बंद कर फरार हैं। इन लोगों पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी और गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जाएगी।
जानकारी के मुताबिक धनंजय का आपराधिक इतिहास रहा है। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आ रही है कि ग्रिल बनाने के कारोबार की आड़ लेने वाले आजाद की सरपरस्ती में ही जरायम पेशेवर झारखंड के दुमका, बोकारो और धनबाद से विस्फोटकों को मंगा कर उसे काजवलीचक में डंप कर उसे भागलपुर से सड़क मार्ग से पश्चिम बंगाल पहुंचाया करते थे।