क्या आतंकी बिहार को सॉफ्ट टारगेट बना रहे?, मिथिलांचल-सीमांचल से अब तक दो दर्जन से अधिक अरेस्ट
By एस पी सिन्हा | Updated: August 29, 2025 14:38 IST2025-08-29T14:36:16+5:302025-08-29T14:38:33+5:30
बिहार के मिथिलांचल व सीमांचल क्षेत्र से अब तक दो दर्जन से अधिक आतंकियों व संदिग्धों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

सांकेतिक फोटो
पटनाः पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकियों के नेपाल के रास्ते बिहार में घुसने की खुफिया जानकारी मिलने के बाद बिहार में अलर्ट जारी किया गया है। बिहार पुलिस मुख्यालय के द्वारा सभी जिलों को ताकीद किए जाने के बाद यह सवाल उठने लगे हैं क्या आतंकी बिहार को सॉफ्ट टारगेट बना रहे हैं? क्या बिहार आतंकियों के लिए सेफ जोन है? क्या बिहार के रास्ते आतंकी भारत में घुसने की जुगत में रहते हैं? दरअसल, बिहार के मिथिलांचल व सीमांचल क्षेत्र से अब तक दो दर्जन से अधिक आतंकियों व संदिग्धों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
उल्लेखनीय है कि भारत से लगी 1751 किमी की नेपाल सीमा आतंकियों के लिए सेफ जोन मानी जाती है। अब जबकि जैश-ए- मोहम्मद के तीन आतंकियों के बिहार में घुसने की खबर के बाद नेपाल से लगी बिहार की 729 किमी लंबी खुली सीमा आतंकी कनेक्शन को लेकर एक बार फिर चर्चा में है। आतंकियों के पाक कनेक्शन के खुलासे के बाद अब खुफिया एजेंसियों ने नेपाल सीमा पर चौकसी बढ़ा दी है।
दहशतगर्दों की पूरी कुंडली खंगाली जा रही है। बता दें कि बिहार में अब तक गिरफ्तार किए गए कई आतंकियों के पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से जुड़े होने की बात सामने आ चुकी है। इसमें दिल्ली हाईकोर्ट बम ब्लास्ट सहित कई आतंकी घटनाओं में शामिल मो. अशरफ का पहचान पत्र व पासपोर्ट किशनगंज का पाया गया था।
ऐसे में जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकियों के बिहार में आने की खबर के बाद पुलिस मुख्यालय एक बार फिर अलर्ट हो गई है। सूत्रों के अनुसार दिल्ली से मिले इनपुट को कई जिले की पुलिस खंगालने में जुटी है। इसमें, मोतिहारी, गोपालगंज, दरभंगा, मधुबनी, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार जिले पर विशेष नजर है। वैसे पुलिस के अलर्ट होने की यह कोई पहली घटना नहीं है।
दरअसल, 20 जुलाई 2006 को मुंबई एटीएस ने मधुबनी मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट के आरोपित मो. कमाल को गिरफ्तार किया था। 2 जनवरी 2008 को मधुबनी से यूपी में सीआरपीएफ कैंप पर हमला करने वाले सबाउद्दीन को गिरफ्तार किया गया था। 9 फरवरी 2010 को मधुबनी से दिल्ली ब्लास्ट में शामिल आरोपित मदनी को गिरफ्तार किया गया था।
26 नवम्बर 2011 को दिल्ली पुलिस ने मधुबनी से आतंकी कनेक्शन में अफजल व गुल अहमद जमाली को पकड़ा था। 19 नवम्बर 2011 दरभंगा के केवटी के कतील सिद्दीकी उर्फ साजन की दिल्ली में गिरफ्तारी हुई थी। 12 जनवरी 2012 को दरभंगा से नदीम और नक्की की गिरफ्तार के बाद विस्फोट में इस्तेमाल बाइक बरामद किया था।
21 फरवरी 2012 एटीएस ने शिवधारा से साइकिल मिस्त्री कफील अहमद को पकड़ा था। उसे आइएम का मेंटर बताया गया था। वहीं, 6 जनवरी 2012 बिहार से कर्नाटक पुलिस ने बंगलुरु के स्टेडियम विस्फोट में संदिग्ध आतंकी मो. कफील अख्तर को पकड़ा था। 13 मई 2012 बिहार के फसीह की गिरफ्तारी हुई जो आइएम चीफ रियाज भटकल और इकबाल भटकल से जुड़ा था।
उसी तरह 21 जनवरी 2013 में दरभंगा के लहेरियासराय से यासीन के सहयोगी मो. दानिश अंसारी को आतंकी हमले के आरोप में पकड़ा गया था। अगस्त 2013 आई एम के यासीन भटकल व अब्दुल असगर उर्फ हड्डी की पूर्वी चंपारण से लगी नेपाल सीमा से गिरफ्तारी हुई थी। जबकि अगस्त 2019 गया से कोलकाता एटीएस ने बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन के एक सदस्य को पकड़ा था।
बता दें कि पहले आतंकियों को बिहार से कोई लेना-देना नहीं था, लेकिन पुलिस के खुलासे के मुताबिक बिहार पिछले कुछ सालों से आतंकियों का अड्डा बन गया है। ताजा सूरते हाल ये है कि किसी भी जिले में कहीं भी कोई न कोई आतंकी आपके आसपास मौजूद हो सकता है। यानी स्लीपर सेल्स बिहार की कई जगहों पर अभी भी चुपचाप पड़े हैं और अपने आकाओं के हुक्म का इंतजार कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि 2013 में बोधगया के महाबोधि मंदिर सीरियल ब्लास्ट की घटना हो चुकी है। 2013 में ही गांधी मैदान में सीरियल ब्लास्ट हुआ था। 2013 में ही इंडियन मुजाहिद्दीन के खूंखार आतंकी यासीन भटकल की गिरफ्तारी हुई थी। वहीं, 2017 में गया से गुजरात ब्लास्ट के आरोपी आतंकी तौसीफ की गिरफ्तारी हुई थी।
जबकि 2018 में बोधगया के कालचक्र मैदान में धमाका और महाबोधि मंदिर में बम मिला था। वहीं, 17 जून 2021 को दरभंगा जंक्शन पर पार्सल ब्लास्ट की घटना को भी पाकिस्तान में बैठे आतंकियों ने अंजाम दिया था। 17 अगस्त 2011 को हूजी के आतंकवादी व बंग्लादेश निवासी आकाश खान उर्फ रियाजुल को किशनगंज से दबोचा गया था।
उस समय उसके पास से भारत के विभिन्न शहरों के 18 बैंक अकांउट मिले थे। वह 2000 में पद्मा नदी पार कर बांग्लादेश छोड़कर भारत आया था। इसी बीच बिहार पुलिस के एडीजी(मुख्यालय) कुंदन कृष्णन ने कहा कि हमारे देश और राज्य का इंटेलिजेंस काफी मजबूत है और इसने कई आतंकी वारदातें नाकाम की हैं। अभी ताजा जानकारी मिलने के बाद हमारी पुलिस चौकस है।
बिहार पुलिस आतंकियों के नापाक इरादों को हर हाल में नाकाम करेगी। उन्होंने कहा कि नेपाल और बिहार की खुली सीमा और सीमांचल के इलाकों से इन्हें आसानी से प्रवेश मिल जाती है। लेकिन अब सभी जगह चौकसी बरती जा रही है। हमलोगों की पैनी नजर बनी हुई है। इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर पुलिस के द्वारा सतर्कता बरती जा रही है।