बिहार के बेतिया में मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की पीड़ित लड़की को अगवा कर चलती गाड़ी में सामूहिक दुष्कर्म के चार आरोपित गिरफ्तार कर लिए गए हैं.
इस मामले के एक आरोपी का ऑडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने अलग-अलग जगहों पर रात भर छापेमारी की. पुलिस को इस कार्रवाई में बड़ी सफलता मिली और उसने इस घटना में नामजद किए गए सभी 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
बताया जाता है कि एसपी जयंतकांत खुद छापेमारी दल का नेतृत्व कर रहे हैं और देर रात तक चली छापेमारी में विभिन्न जगहों से इन चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. एसपी जयंतकांत ने बताया कि कांड के तीन नामजद एवं एक अज्ञात आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
एसडीपीओ पंकज कुमार रावत के नेतृत्व में बनाई गयी विशेष टीम ने उन्हें बिहार-उत्तर प्रदेश बॉर्डर के समीप से गिरफ्तार किया. एसपी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित साजन कुमार, कुंदन कुमार, आकाश कुमार एवं अंशु कुमार हैं.
कांड का एक नामजद आरोपित अभी भी पकड़ से बाहर है. घटना में इस्तेमाल स्कॉर्पियो और उसके ड्राइवर की भी तलाश की जा रही है. पीड़िता ने बताया था कि शुक्रवार को चार लोगों ने उसे घर के पास से एक स्कॉर्पियों में खींच लिया था.
आरोपियों ने चलती गाड़ी में सामूहिक दुष्कर्म किया व धमकी देकर छोड़ दिया. लेकिन घटना के एक आरोपित का कथित ऑडियो वायरल होने के बाद पांचवे दुष्कर्मी का भी खुलासा हुआ है. ऑडियो के अनुसार, ड्राइवर ने भी उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था.
गिरफ्तारी के पहले एक आरोपित (आकाश) का कथित ऑडियो वायरल हो गया था. इसमें वह सामूहिक दुष्कर्म की बात कबूल रहा है. ढाई मिनट का यह ऑडियो आकाश का मामा से मोबाइल पर बातचीत का है. इसमें आकाश बताता है कि उसने अपने दोस्तों दीनानाथ, कुंदन व राजकुमार के साथ चलती गाड़ी सामूहिक दुष्कर्म किया था. उसके अनुसार, गाड़ी के ड्राइवर ने भी दुष्कर्म किया था.
प्राप्त जानकारी के अनुसार पकडे गए आरोपियों से एसपी खुद पूछताछ कर रहे हैं. सबसे पहले पुलिस ने साजन, कुन्दन और आकाश को गिरफ्तार किया और उसकी निशानदेही पर चौथे आरोपी दीनानाथ की गिरफ्तारी की गई. सभी से कड़ी पूछताछ की जा रही है और पूरी घटना की जानकारी ली जा रही है.
इधर एफएसएल और मेडिकल बोर्ड द्वारा किए गए मेडिकल टेस्ट में लडकी को एक्सटर्नल इंजरी नहीं मिली है, हालांकि अभी और भी रिपोर्ट आने का पुलिस इंतजार कर रही है. पुलिस ने मामला दर्ज कर लड़की का मेडिकल टेस्ट कराने के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया है.
लड़की अभी भी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती है, हालांकि एफएसएल की टीम का नेतृत्व कर रही सहायक निदेशक अम्बालिका त्रिपाठी ने बताया कि लडकी की हालत बिल्कुल ठीक है. वहीं, बेतिया में हुई इस घटना के बाद विपक्ष ने सरकार पर कई सवाल खडे़ किए थे.
वहीं, इस वारदात का राष्ट्रीय महिला आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है. घटना की जांच के सिलसिले में पुलिस की फोरेंसिक टीम ने पीडिता से पूछताछ की है. पीडि़त लड़की पहले मुजफ्फरपुर बालिका गृह में थी. वह वहां बडे पैमाने पर लड़कियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले के खुलासे से दो दिन पहले ही भेजी गई थी.
कांड के खुलासे के बाद उसे अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया गया था. यह लड़की मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में दुष्कर्म पीडिता तो नहीं रही, लेकिन वहां की मानसिक पीडा की पीडिता जरूर रही. वह वहां तो बच गई, लेकिन हवस के दरिंदों ने उसे अपने घर के पास नहीं छोड़ा.इधर, घटना को लेकर पुलिस मुख्यालय गंभीर है. फोरेंसिक टीम ने जांच के लिए पीडिता के कपडे जब्त किए हैं और उन्हें फोरेंसिक लैब भेज दिया गया है. इस बीच सामूहिक दुष्कर्म की पीडिता का इलाज बेतिया के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के आइसीयू में जारी है. उसे अचानक सांस लेने में शिकायत हो गई है. अस्पताल उपाधीक्षक डॉ केबीएन सिंह ने बताया कि उसकी हालत में सुधार है.इसबीच, एडीजी (मुख्यालय) जितेंद्र कुमार ने बताया कि दोषियों को सजा दिलाने के लिए स्पीडी ट्रायल चलाया जाएगा.