Tabrez Ansari Lynching Case: 17 जून 2019 को चोरी के आरोप में पिटाई के बाद जान गंवाने वाले तबरेज अंसारी लिंचिंग केस में झारखंड की एक अदालत ने सभी 10 दोषियों को दस साल की सजा सुनाई है। झारखंड की सरायकेला कोर्ट ने सभी 10 दोषियों पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
17 जून 2019 को ये घटना झारखंड के सरायकेला पुलिस थाने के तहत आने वाले धातकीडीह गांव में घटी थी। तबरेज अंसारी पुणे में रहकर मजदूरी का काम करता था। जिन 10 दोषियों को सजा सुनाई गई है उनके नाम भीम सिंह मुंडा, कमल महतो, मदन नायक, अतुल महाली, सुमंत महतो, विक्रम मंडल, चामू नायक, प्रेमचंद महाली, महेश महाली हैं।
मामले में तीन और लोग भी आरोपी थे जिनमें से एक आरोपी थे जिसमें से एक आरोपी कौशल महाली की सुनवाई के दौरान ही मौत हो गई थी जबकि दो आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया।
इस मामले में कुल 36 लोगों ने गवाही दी थी। तबरेज अंसारी की पत्नी शाहिस्ता परवीन की शिकायत पर मामला दर्ज कराया गया था और फिर कार्रवाई हुई। तबरेज अंसारी पर चोरी की नीयत से एक घर में घुसने का आरोप था। भीड़ ने तबरेज की मौके पर ही पिटाई की थी और फिर पुलिस को सौंप दिया था। तबरेज को न्यायिक हिरासत में भेजा गया था लेकिन सरायकेला मंडल कारा में उसकी तबीयत बिगड़ी थी और सरायकेला सदर अस्पताल लाये जाने के क्रम में इलाज के दौरान तबरेज अंसारी की मौत हो गई थी।
यह मॉब लिंचिंग केस पूरे देश में चर्चित हुई थी और इसे लेकर सियासी बहस भी हुई थी। तबरेज की हत्या पर विपक्षी दलों ने राज्य के साथ-साथ केंद्र सरकार पर भी सवाल उठाए थे। पिटाई के दौरान लोगों ने तबरेज अंसारी से 'जय श्री राम' के नारे भी लगवाए थे। पिटाई के दौरान कुछ लोगों ने घटना का वीडियो भी बनाया था। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।