बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय राज्य गृहमंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाने वाली शाहजहांपुर की लॉ की छात्रा की अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर कर ली गई है। पीड़िता के वकील अनुप तिवारी के मुताबिक कोर्ट में सुनवाई के बाद ये फैसला सुनाया गया है। कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई 26 सितंबर की तय की है। पीड़िता के वकील ने कहा है कि पीड़िता की गिरफ्तारी की खबर पूरी तरह झूठी है। हमारे पास जांच एजेंसी की ओर से अभी तक कोई नोटिस या किसी तरह के कार्रवाई की कोई सूचना नहीं दी गई है। कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि पीड़िता को यूपी पुलिस या एसआईटी द्वारा गिरफ्तार किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि आज (24 सितंबर) कोर्ट में सुनवाई पर जाने से पहले पुलिस ने पीड़िता से पूछताछ की थी। पूछताछ के लिए पीड़िता को थाने लाया गया था। पिछले दिनों ये खबर आई थी कि जबरन वसूली के मामले में शाहजहांपुर की लॉ की छात्रा भी गिरफ्तार हो सकती है। हालांकि इस मामले में अभी कोई अधिकारिक सूचना नहीं मिली है।
हालांकि एसआईटी भी हिरासत में लेकर पूछताछ करने की तैयारी में है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान जिला अदालत परिसर में छात्रा के साथ एसआईटी की टीम मौजूद थी। छात्रा पर अपने दोस्तों के साथ मिलकर चिन्मयानंद से पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने का आरोप है। असल में जांच कर रही है टीम को इस बात की लीड मिली है कि पीड़िता द्वारा स्वामी चिन्मयानंद को ब्लैकमेल किया जा रहा था।
जानें क्या है स्वामी चिन्मयानंद का रेप केस का पूरा मामला
यौन उत्पीड़न मामले में स्वामी चिन्मयानंद को विशेष जांच दल की एक टीम ने 20 सितंबर की सुबह उनके आवास से गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली एलएलएम की छात्रा ने 24 अगस्त 2019 को एक वीडियो वायरल कर स्वामी चिन्मयानंद पर शारीरिक शोषण और कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद करने का आरोप लगाया।
वीडियो वायरल होने के बाद छात्रा लापता हो गई थी। मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया। जिसके बाद लापता पीड़िता 30 अगस्त को अपने दोस्त के राजस्थान में मिली। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पीड़िता को कोर्ट के समक्ष पेश किया गया। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एसआईटी ने मामले की जांच शुरू की।