एक आईपैड और तीन मोबाइल से खुलेंगे राज?, बाथरूम में CCTV, जुलाई में गया था विदेश और अगस्त में लौटा, स्वयंभू बाबा चैतन्यानंद सरस्वती पर 17 छात्राओं से यौन उत्पीड़न
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 29, 2025 11:27 IST2025-09-29T11:26:43+5:302025-09-29T11:27:56+5:30
Swami Chaitanyananda Saraswati Delhi Baba's Fraud Exposed:उत्तर प्रदेश के वृंदावन, मथुरा और आगरा में जगह और होटल बदलता रहा तथा टैक्सियों का इस्तेमाल करता रहा।

Swami Chaitanyananda Saraswati Delhi Baba's Fraud Exposed
नई दिल्लीः दिल्ली के एक निजी संस्थान में 17 छात्राओं के यौन उत्पीड़न के आरोपी स्वयंभू बाबा चैतन्यानंद सरस्वती को करीब दो महीने बाद शनिवार देर रात आगरा से गिरफ्तार कर लिया गया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आरोपी जुलाई से विदेश में था और छह अगस्त को भारत लौटा। अधिकारी ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद बाबा को पकड़ने के लिए पुलिस की कई टीमें गठित की गईं और उसे देश से भागने से रोकने के लिए लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) भी जारी किया गया था। उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस की एक टीम ने चैतन्यानंद (62) के उत्तर प्रदेश के आगरा में होने का पता लगाया, जहां वह एक होटल में ठहरा हुआ था। उन्होंने बताया कि चैतन्यानंद को देर रात लगभग 3:30 बजे गिरफ्तार कर लिया गया।
अधिकारियों के मुताबिक, चार अगस्त को दर्ज कराई गई शिकायत के बाद चैतन्यानंद दिल्ली से भाग गया था। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि बाबा ने छात्राओं, विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईओडब्ल्यू) कोटे की छात्राओं का यौन उत्पीड़न किया था।
अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तारी से बचने के लिए, आरोपी कथित तौर पर उत्तर प्रदेश के वृंदावन, मथुरा और आगरा में जगह और होटल बदलता रहा तथा टैक्सियों का इस्तेमाल करता रहा। अधिकारी के मुताबिक, पुलिस ने चैतन्यानंद के पास से एक आईपैड और तीन फोन भी बरामद किए, जिनमें से एक फोन में परिसर और छात्रावास के सीसीटीवी फुटेज थे,
जिसके जरिये वह छात्राओं की गतिविधियों पर नजर रखता था। जांचकर्ताओं ने कहा कि चैतन्यानंद और उनके सहयोगियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से अपनी निकटता का झूठा दावा किया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उसके सहयोगियों ने कथित तौर पर कई लोगों को फोन करके दावा किया कि उनके पीएमओ से संबंध हैं।
अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तारी से बचने के लिए वह सस्ते होटलों में रुका। उन्होंने बताया कि पुलिस को उसके पास से फर्जी विजिटिंग कार्ड भी मिले, जिनमें उसे संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ईसीओएसओसी) से जुड़ा व्यक्ति, उसका स्थायी राजदूत, ब्रिक्स आयोग का सदस्य और भारत का विशेष दूत डी'प्रीमियर दिखाया गया था।
अधिकारी ने कहा, “चैतन्यानंद को पकड़ने के लिए कई टीम बनाई गईं। सूचनाओं के आधार पर, हमने उसके आगरा के ताजगंज इलाके के एक होटल में होने का पता लगाया और रविवार तड़के करीब 3:30 बजे उसे वहां से पकड़ लिया।” उन्होंने बताया कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद वह चार अगस्त को दिल्ली से भाग गया था।
आगरा के होटल कर्मचारियों के अनुसार, चैतन्यानंद 27 सितंबर को शाम करीब चार बजे ‘पार्थ सारथी’ होटल पहुंचा, जहां उसे कमरा नंबर 101 दिया गया। उन्होंने बताया कि वह पूरी रात कमरे में रहा। इससे पहले, पुलिस ने चैतन्यानंद से जुड़े कई बैंक खातों और सावधि जमा के रूप में करोड़ रुपये जब्त कर लिए थे।
प्राथमिकी के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में स्थित एक प्रबंधन संस्थान के पूर्व अध्यक्ष चैतन्यानंद ने कथित तौर पर छात्राओं को देर रात अपने क्वार्टर में आने के लिए मजबूर किया। प्राथमिकी में कहा गया है कि इसके अलावा उसने उन्हें बेवक्त अनुचित संदेश भेजे। वह अपने फोन के जरिये छात्राओं की गतिविधियों पर कथित तौर पर नजर रखता था।
अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि आरोपी ने कथित तौर पर अलग-अलग नामों और जानकारियों का इस्तेमाल करके कई बैंक खाते खुलवाए और अपने खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद 50 लाख रुपये से ज्यादा की रकम निकाल ली। अधिकारी ने कहा कि खाता खुलवाते समय उसने कथित तौर पर अलग-अलग विवरण वाले दस्तावेज जमा किए थे।