आरुषि-हेमराज मर्डर केस: सुप्रीम कोर्ट ने मंजूर की CBI की अपील, फिर से शुरू होगी जांच
By पल्लवी कुमारी | Published: August 10, 2018 12:41 PM2018-08-10T12:41:37+5:302018-08-10T12:42:14+5:30
बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आरुषि के माता-पिता राजेश तलवार और नूपुर तलवार को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था।
नई दिल्ली, 10 अगस्त: देश का सबसे बहुचर्चित आरुषि-हेमराज हत्याकांड में तलवार दंपति की मुश्किलें फिर से एक बार बढ़ सकती है। आरुषि तलवार हत्याकांड में सीबीआई द्वारा दायर की गई अपील को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।
बता दें कि 12 अक्टूबर 2017 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आरुषि हत्याकांड पर सजा काट रहे राजेश तलवा और नूपुर तलवार को सबूतों के अभाव में रिहा कर दिया था। जिसके बाद उन्हें गाजियाबाद के डासना जेल से रिहा कर दिया गया था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में सबूतों को लेकर सीबीआई को कड़ी फटकार लगाई थी।
Supreme Court admits the appeal filed by Central Bureau of Investigation in Arushi Talwar murder case. pic.twitter.com/bFtZLW1mJe
— ANI (@ANI) August 10, 2018
गौरतलब है कि फरवरी 2018 में तलवार दंपत्ति को उम्रकैद की सजा सुनाने वाले सीबीआई कोर्ट के जज श्यामलाल अब सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। जज श्यामलाल ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल करते हुए कहा था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले में सुधार होना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने हाईकोर्ट द्वारा अपने खिलाफ की गई तीखी टिप्पणियों को हटाने की भी मांग की थी।
क्या था पूरा मामला
16 अक्टूबर 2017 को उन्हें गाजियाबाद के डासना जेल से छोड़ दिया गया था। आरुषि और हेमराज हत्याकांड में देश की सबसे बड़ी मिस्ट्री केस में से एक है। नोएडा के सेक्टर-25 स्थित जलवायु विहार में डेंटिस्ट डॉ. राजेश तलवार और डॉ. नुपूर तलवार अपनी 14 साल की बेटी आरुषि तलवार के साथ रहते थे। आरुषि नौवीं की छात्रा थी। 16 मई 2008 की रात को उनके घर में आरुषि का मर्डर हो गया। जिसका शक उनके नौकर हेमराज पर गया लेकिन बाद में हेमराज का शव भी छत से मिला। इस मर्डर केस पर किताब से लेकर फिल्म तक बनाई गई लेकिन हत्या की गुत्थी अभी तक नहीं सुलझ पाई है।
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