सृजन घोटालाः 36 करोड़ 99 लाख रुपए, भागलपुर के तत्कालीन डीएम बीरेन्द्र प्रसाद यादव के खिलाफ आरोप गठित
By एस पी सिन्हा | Updated: August 13, 2025 16:55 IST2025-08-13T16:54:20+5:302025-08-13T16:55:06+5:30
Srijan scam: घोटाले में विश्वनाथ दत्ता, नवीन कुमार राय, एनवी राजू, ज्ञानेन्द्र कुमार, बंशीधर झा, सृजन महिला विकास समिति की अध्यक्ष मनोरमा देवी की बहु रजनी प्रिया, सरिता झा, सुबा लक्ष्मी प्रसाद और भागलपुर के तत्कालीन डीएम बीरेन्द्र प्रसाद यादव आरोपी हैं।

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पटनाः बिहार के भागलपुर में सीबीआई की विशेष अदालत में 36 करोड़ 99 लाख रुपए के सृजन घोटाले के एक मामले का ट्रायल शुरू हो गया। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश सुनील कुमार-2 ने घोटाला के आरोपी सह भागलपुर के तत्कालीन डीएम बीरेन्द्र प्रसाद यादव के खिलाफ आरोप गठित किया। विशेष अदालत ने आरोपी अधिकारी पर जालसाजी, धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोप गठित किया है। वर्तमान में बीरेन्द्र प्रसाद यादव कृषि विभाग में विशेष सचिव हैं। इस घोटाले में विश्वनाथ दत्ता, नवीन कुमार राय, एनवी राजू, ज्ञानेन्द्र कुमार, बंशीधर झा, सृजन महिला विकास समिति की अध्यक्ष मनोरमा देवी की बहु रजनी प्रिया, सरिता झा, सुबा लक्ष्मी प्रसाद और भागलपुर के तत्कालीन डीएम बीरेन्द्र प्रसाद यादव आरोपी हैं।
लेकिन कोर्ट में उपस्थित रहते हुए उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया। मामले की अगली सुनवाई 26 अगस्त 2025 को निर्धारित की गई है, जब सीबीआई को अभियोजन पक्ष के गवाह पेश करने का निर्देश भी दिया गया। विशेष अदालत पहले ही इस घोटाले के अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर चुकी है।
इस घोटाले में रुपये की बंदरबाट करने के लिए सृजन महिला विकास समिति के खाते में रकम स्थानांतरित की गई थी। इस संबंध में सीबीआई ने वर्ष 2017 में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। सीबीआई इस मामले में अब तक तीन चार्जशीट दायर चुकी है। तीसरे चार्जशीट में डीएम बीरेन्द्र प्रसाद यादव को आरोपी बनाया गया है।
जांच के दौरान दो सरकारी बैंक खातों से दो चेक के माध्यम से 12 करोड़ 20 लाख 15 हजार रुपये और 9 करोड़ 75 लाख 63 हजार रुपये और ड्राफ्ट के माध्यम से 5 करोड़ 50 लाख रुपये महिला सृजन विकास समिति के खाता में ट्रांसफर हुआ था। तीन वर्षों में कुल 36 करोड़ 99 लाख 33 हजार 548 रुपये की बंदरबाट की गई।
यह मामला वर्ष 2014 से 2017 के बीच भागलपुर में मुख्यमंत्री विकास योजना के तहत हुए बड़े पैमाने पर वित्तीय गड़बड़ी से जुड़ा है। इस घोटाले में 36 करोड़ 99 लाख 33 हजार 548 रुपये सृजन महिला विकास समिति के खाते में स्थानांतरित किए गए थे, जिनका गलत तरीके से उपयोग किया गया।
जांच के दौरान पता चला कि दो सरकारी बैंक खातों से दो चेक के जरिए लगभग 12 करोड़ 20 लाख 15 हजार रुपये और 9 करोड़ 75 लाख 63 हजार रुपये, तथा ड्राफ्ट के माध्यम से 5 करोड़ 50 लाख रुपये महिला सृजन विकास समिति के खाते में ट्रांसफर किए गए थे।
सीबीआई की टीम मामले की गहनता से जांच कर रही है और उम्मीद है कि आगामी सुनवाई में कई अहम तथ्य उजागर होंगे। इससे पहले भी इस घोटाले में कई जांच अधिकारी और अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई हुई है, जिससे भ्रष्टाचार की रोकथाम में मदद मिली है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने भी इस मामले को लेकर सख्त कदम उठाने का आश्वासन दिया है।