चिन्मयानंद रेप केस: पीड़िता से पुलिस कर रही है पूछताछ, लटक रही है गिरफ्तारी की तलवार, जबरन वसूली का है मामला
By पल्लवी कुमारी | Updated: September 24, 2019 14:12 IST2019-09-24T14:12:36+5:302019-09-24T14:12:36+5:30
स्वामी चिन्मयानंद पर रेप केस: स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली एलएलएम की छात्रा ने 24 अगस्त 2019 को एक वीडियो वायरल कर स्वामी चिन्मयानंद पर शारीरिक शोषण और कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद करने का आरोप लगाया।

तस्वीर स्त्रोत- NDTV
बीजेपी के नेता और पूर्व केंद्रीय राज्य गृहमंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाने वाली शाहजहांपुर की लॉ की छात्रा से एसआईटी पूछताछ कर रही है। न्यूज चैनल एनडीटीवी ने यूपी पुलिस से मिले सूत्रों के मुताबिक इस खबर को ब्रेक किया है। एनडीटीवी के मुताबिक पीड़िता से जबरन वसूली के मामले में पूछताछ की जा रही है। पूछताछ के लिए पीड़िता को थाने लाया गया है। पिछले दिनों ये खबर आई थी कि जबरन वसूली के मामले में शाहजहांपुर की लॉ की छात्रा भी गिरफ्तार हो सकती है। हालांकि इस मामले में अभी कोई अधिकारिक सूचना नहीं मिली है।
पीड़िता ने गिरफ्तारी से छूट के लिए शाहजहांपुर की स्थानीय कोर्ट में अपील की थी। इस मामले पर आज (24 सितंबर) को सुनवाई होनी है। टीवी सूत्रों के मुताबिक, जब पीड़िता अपनी याचिका कोर्ट में लगाने के लिए जा रही थी तो पुलिस ने उसे रास्ते में रोका पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई। पुलिस ने पीड़िता के खिलाफ जबरन वसूली का मामला भी दर्ज किया है। पीड़िता छात्र की अर्जी पर राहत देने से स्थानीय कोर्ट ने पहले ही इनकार कर दिया था। असल में जांच कर रही है टीम को इस बात की लीड मिली है कि पीड़िता द्वारा स्वामी चिन्मयानंद को ब्लैकमेल किया जा रहा था।
यौन उत्पीड़न मामले में स्वामी चिन्मयानंद को विशेष जांच दल की एक टीम ने 20 सितंबर की सुबह उनके आवास से गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली एलएलएम की छात्रा ने 24 अगस्त 2019 को एक वीडियो वायरल कर स्वामी चिन्मयानंद पर शारीरिक शोषण और कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद करने का आरोप लगाया।
वीडियो वायरल होने के बाद छात्रा लापता हो गई थी। मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया। जिसके बाद लापता पीड़िता 30 अगस्त को अपने दोस्त के राजस्थान में मिली। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पीड़िता को कोर्ट के समक्ष पेश किया गया। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एसआईटी ने मामले की जांच शुरू की।
