कोरोना महामारी में पिता की सैलरी में हुई भारी कटौती, स्कूल फीस देने के लिए बेटा लूट व चोरी में हो गया शामिल
By अनुराग आनंद | Updated: January 3, 2021 08:47 IST2021-01-03T08:41:53+5:302021-01-03T08:47:55+5:30
उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले स्थित रुद्रपुर शहर में लूट के एक मामले में गुरुवार को एक स्कूली छात्र को हिरासत में लिया गया है। आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह अपनी स्कूल की फीस भरने के लिए चोरी व लूट जैसे अपराध में शामिल हो गया।

सांकेतिक तस्वीर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के रुद्रपुर शहर के एक नामी स्कूल में पढ़ने वाले छात्र के जीवन पर जानलेवा कोरोना महामारी का काफी बुरा प्रभाव पड़ा है। महामारी ने इस छात्र के जीवन को संकट में डाल दिया है।
लूट के एक मामले में पूछताछ के लिए हिरासत मे लिए जाने के बाद छात्र ने बताया कि वह पैसों का लुटेरा इसलिए बना ताकि वह अपने स्कूल की फीस का समय पर भुगतान कर सके। साथ ही उसने बताया कि महामारी की वजह से उसके पिता के वेतन में कटौती हुई है, जिससे उसके पिता परिवार का खर्च चलाते हुए फीस दे पाने में असमर्थ हैं।
टाइम्स नाऊ के मुताबिक, रुद्रपुर पुलिस ने बीते दिनों बलवंत एन्क्लेव कॉलोनी निवासी सचिन शर्मा से करीब 5.35 लाख रुपये लूट के मामले में चार लोगों को हिरासत में लिया था। हिरासत में पूछताछ करने के बाद यह घटना सामने आई। दरअसल, सचिन बैंक में 5.35 लाख रुपये जमा करने के लिए गए थे, तभी बंदूक की नोक पर उनसे पैसा लूटने के बाद बदमाश वहां से भाग गया था।
पिता स्कूल फीस देने में असमर्थ थे, इसलिए लूट में हुआ शामिल-
इसके बाद पुलिस ने केस दर्ज कर पूछताछ के लिए कुछ संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया। इसमें से एक ने पुलिस को बताया कि उसने अपने पिता की मदद के लिए अपने स्कूल की फीस का भुगतान करने के लिए यह अपराध किया। साथ ही उसने यह भी बताया कि उसके पिता रुद्रपुर में एक कारखाने में काम करते हैं।
कारखाने में नुकसान के कारण प्रबंधन द्वारा उसके पिता का वेतन कम कर दिए जाने के बाद, वह स्कूल की फीस जमा करने की स्थिति में नहीं था, इसलिए वह अपराध में शामिल हो गया।
इंदौर में फीस भरने के लिए 16 साल की लड़की ने मोबाइल फोन चुराया-
इसी तरह की एक अन्य घटना में, इंदौर की एक 16 वर्षीय लड़की ने एक निजी जासूस का मोबाइल फोन चुरा लिया और उसे स्कूल की फीस भरने के लिए गिरवी रख दिया।
लड़की ने अपनी कक्षा 11 की परीक्षा में 71 प्रतिशत अंक हासिल किए थे और अगले सत्र के लिए वह अपना एडमिशन कराना चाहती थी, लेकिन उसके परिवार के पास फीस का भुगतान करने के लिए पैसे नहीं थे।
जब पीड़ित शख्स को पता चला कि लड़की ने उसकी फीस देने के लिए फोन चुराया है, तो उसने पुलिस में दर्ज शिकायत को वापस ले लिया और उसकी मदद की।