बिहार में फिर सामने आया घोटाला, अस्पताल में रजिस्ट्रेशन के नाम पर 1.16 करोड़ रुपए गायब, पुलिस जांच में जुटी

By एस पी सिन्हा | Published: November 2, 2022 04:00 PM2022-11-02T16:00:25+5:302022-11-02T16:00:25+5:30

राजधानी पटना में स्थित राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में 1.16 करोड़ रुपये के गबन का मामला सामने आया है।

Scam in Bihar, Rs 1.16 crore disappeared in the name of registration in hospital, police engaged in investigation | बिहार में फिर सामने आया घोटाला, अस्पताल में रजिस्ट्रेशन के नाम पर 1.16 करोड़ रुपए गायब, पुलिस जांच में जुटी

बिहार में फिर सामने आया घोटाला, अस्पताल में रजिस्ट्रेशन के नाम पर 1.16 करोड़ रुपए गायब, पुलिस जांच में जुटी

Highlightsघोटाला का पीएमसीएच में मरीजों के रजिस्ट्रेशन करने वाली एजेंसी आरजी स्वाफ्टवेयर एंड सिस्टम पर आरोपपीएमसीएच के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने एजेंसी के संचालक राकेश कुमार के खिलाफ पीरबहोर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराईप्राथमिकी के बाद पीरबहोर थाना पुलिस मामले की जांच में जुट गई है

पटना: घपलों-घोटालों के लिए प्रसिद्ध हो चुके बिहार में एक और घोटाला सामने आया है। राजधानी पटना में स्थित राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में 1.16 करोड़ रुपये के गबन का मामला सामने आया है। यह घोटाला पीएमसीएच में मरीजों के रजिस्ट्रेशन करने वाली एजेंसी आरजी स्वाफ्टवेयर एंड सिस्टम द्वारा किये जाने की बात कही जा रही है। 

इस संबंध में पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने एजेंसी के संचालक राकेश कुमार के खिलाफ पीरबहोर थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि अस्पताल के अधीक्षक कार्यालय में जमा नहीं किये। 

बताया जाता है कि राकेश कुमार के खिलाफ पीरबहोर थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 406, 409 के तहत मामला दर्ज किया गया है। प्राथमिकी के बाद पीरबहोर थाना पुलिस मामले की जांच में जुटी है। इससे जुड़े कागजात खंगाले जा रहे हैं। 

इस संबंध में पीरबहोर के थाना प्रभारी सबीह-उल हक ने बताया कि अधीक्षक के लिखित बयान पर प्राथमिकी दर्ज कर लिया गया है। पुलिस मामले की जांच करने में जुटी है। उन्होंने बताया कि एजेंसी का कार्यालय पटना के फ्रेजर रोड स्थित डाकबंगला चौराहा के नारायण पैलेस में है। 

एजेंसी को पीएमसीएच में मरीजों के रजिस्ट्रेशन की जिम्मे दारी दी गयी थी। साथ ही, यह समझौता हुआ था कि प्रतिदिन मरीजों से रजिस्ट्रेशन से मिलने वाली राशि को सरकारी कोष में जमा कर देना होगा। लेकिन, एजेंसी ने जुलाई, 2017 से लेकर मई, 2020 तक रजिस्ट्रेशन से मिली राशि और उसके रिकॉर्ड को जमा नहीं किया। 

करीब 34 माह की राशि एक करोड़ 16 लाख रुपये होती है, जिसे लेकर एजेंसी गायब है। साथ ही मरीजों का डाटा भी अपने साथ ले गयी है। इस संबंध में पीएमसीएच प्रशासन की ओर से 12 अक्तूबर, 2022 को रजिस्ट्रेशन की राशि और सारा रिकॉर्ड लौटाने के लिए पत्र भी भेजा गया था। लेकिन उस पत्र का एजेंसी ने जवाब तक नहीं दिया। 

इसके बाद प्राथमिकी दर्ज करायी गई। अब इस मामले में यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि इतने दिनों बाद प्राथमिकी क्यों दर्ज कराई गई? जबकि पहले ही एजेंसी के खिलाफ में मामला दर्ज करा कर कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए थी।

Web Title: Scam in Bihar, Rs 1.16 crore disappeared in the name of registration in hospital, police engaged in investigation

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