पटनाः बिहार में सारण जिले के सोनपुर में एनआईए और झारखंड पुलिस ने रिटायर्ड बीएसएफ जवान अरुण सिंह के आवास पर छापेमारी की है. अरुण सिंह पर नक्सलियों से सांठगांठ का आरोप है और उनकी पहले भी गिरफ्तारी हो चुकी है.
सोनपुर पुलिस की सहायता से सुबह से लेकर दिनभर फौजी के आवास पर जांच पड़ताल होती रही. इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए सोनपुर के एएसपी अंजनी कुमार ने बताया एनआइए की टीम बीएसएफ के उक्त रिटायर्ड जवान के घर पर छापेमारी की जहां नवंबर महीने में की गई छापेमारी के दौरान बड़ी संख्या में अत्याधुनिक रायफल इंसास की गोलियां बरामद की गई थी.
अरुण सिंह पहले बीएसफ में जवान रहा. इस दौरान उसकी पोस्टिंग झारखण्ड में रही. नौकरी से दो वर्ष पहले स्वेच्छिक अवकाश लिया था और बिहार स्थित अपने घर पर ही रह रहा था. इस बीच जांच एजेंसी को कुछ लोगों के बारे में सूचना मिली कि वो नक्सलियों को अवैध हथियार सप्लाइ करता है. इसमें अरुण सिंह का नाम भी उनके पास आया था.
अरुण सिंह के घर की चारों तरफ से घेराबंदी करने के बाद उसके घर के भीतर जांच पड़ताल का सिलसिला जो शुरू हुआ वह दिनभर चलता रहा. हलांकि एनआइए की टीम में शामिल अधिकारी व कर्मियों ने इस बाबत कुछ भी बताने से परहेज किया. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बार जांच पड़ताल के दौरान टीम वहां प्राप्त बैंकों के पास बुक तथा कागजात व एक लाइसेंसी पिस्टल जब्त कर अपने साथ ले गई. बता दें कि कुछ दिनों पहले बड़े पैमाने पर नक्सलियों को हथियार सप्लाई करने की खबर मिली थी. इस मामले की सूचना मिलते ही झारखंड पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाया.
जांच में पाया गया कि वैशाली जिले के रसूलपुर थाना क्षेत्र के अरुण कुमार की संलिप्तता सामने आई. इसके बाद अरुण कुमार सिंह की गिरफ्तारी हुई. बताया जा रहा है कि अरुण कुमार सिंह ही नक्सलियों को मुख्य रूप से हथियार सप्लाई करता था और इसके बदले में उसे मोटी रकम मिलती थी.
झारखंड पुलिस की एटीएस टीम ने जांच में ये जानकारी पुष्ट कर ली थी कि अरुण सिंह नक्सलियों को हथियार सप्लाइ करता है. जिसके बाद उसे 18 नवंबर को शाहपुर से गिरफ्तार कर लिया गया था. एटीएस की टीम ने घर पर छापेामरी कर बडी मात्रा में कारतूस बरामद किए थे. बताया जाता है कि अरुण सिंह ने रिटायरमेंट लेकर अपने घर पर ही ठेकेदारी का काम शुरू किया था.
गांव के लोगों को ये भनक भी नहीं थी कि अरुण सिंह के सीधे चेहरे के पीछे इतना बड़ा शैतान छिपा हुआ है. खेती व ठेकेदारी को अपना पेशा दिखाकर अरुण सिंह नक्सलियों के लिए हथियार सप्लायर की ही भूमिका निभा रहा था. जिसका पर्दाफाश हुआ था.
पूर्व में गया जिले के इमामगंज से पकड़े गए सीआरपीएफ के जवान अविनाश कुमार उर्फ चुन्नू शर्मा के पास से इंसास की 450 गोलियां बरामद किए जाने के बाद उसकी ही निशानदेही पर 17 नवंबर, 2021 को झारखंड तथा बिहार एसटीएफ व सोनपुर पुलिस ने संयुक्त रूप से यहां के शाहपुर स्थित बीएसएफ के उक्त रिटायर्ड जवान अरुण कुमार सिंह उर्फ फौजी के घर पर छापेमारी की थी.
इस दौरान उसके घर इंसास राइफल पिस्टल तथा एसएलआर की 900 से अधिक गोलियां बरामद की गई थी. पुलवामा में तैनात सीआरपीएफ जवान का हथियार तस्करी का कनेक्शन इसके साथ सोनपुर के शाहपुर से जुड़ गया था. हथियार तस्करी का यह खेल कई राज्यों से जुड़ा है और यह मामला जांच के घेरे में है.