पटनाः बिहार के समस्तीपुर में इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है, जहां बेटे के शव का पोस्टमार्टम कराने गये एक पिता से पैसे की मांग की गई. गरीबी से लाचार बाप अपने बेटे का पोस्टमार्टम के लिए भीख मांगने तक को मजबूर होना पड़ा.
हद तो तब हो गई जब कर्मियों ने शव देने तक से मना कर दिया. सदर अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के बाद बेटे का शव देने के लिए गरीब मां-बाप से 50 हजार रुपए मांगे गए. बताया जाता है कि परिवार के पास इतनी राशि नहीं थी. पैसे की जुगाड़ के लिए वे अपने गांव लौट आए. इसके बाद, वे गांव में आंचल फैलाकर भीख मांगते देखे गए. लोगों के घर जाते और अपनी मजबूरी बताकर मदद की अपील करते.
इस दौरान किसी ने वीडियो बना लिया. दिल को झकझोर देने वाला यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. जानकारी के अनुसार, ताजपुर थाना इलाके के रहने वाले महेश ठाकुर का 25 वर्षीय पुत्र 25 मई से लापता था. बताया जा रहा है कि वह मानसिक रूप से विक्षिप्त था. अपने स्तर से महेश ठाकुर ने काफी खोजबीन की, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिल सकी.
इसके बाद सोशल मीडिया से ढूंढने की कशिश की. 7 जून को जानकारी मिली कि मुसरीघरारी में एक अज्ञात शव मिला है. इसके बाद परिजन मुसरीघरारी थाना पहुंचे और जानकारी ली. वहां उन्हें पता चला कि शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया है. मां-बाप दौडे़-दौडे़ सदर अस्पताल पहुंचे. अस्पताल में पोस्टमार्टम के नाम पर मोटी रकम की मांग की गई.
पहले तो पोस्टमार्टम कर्मी ने शव दिखाने से आनाकानी की, लेकिन बाद में काफी गुहार के बाद उसे शव दिखाया गया. शव की पहचान उसने अपने बेटे संजीव ठाकुर के रूप में की. जब मृतक के पिता ने कर्मी से शव को उनके हवाले करने की बात कही तब पोस्टमार्टम का कर्मी पचास हजार रुपये मांगने लगा. इतनी मोटी रकम देने में पिता ने असमर्थता जतायी तब पोस्टमार्टम कर्मी ने शव देने से इनकार कर दिया.
वहीं, जब इस बात की जानकारी सिविल सर्जन को हुई तब उन्होंने मामले की जांच कराने और कार्रवाई किए जाने का भरोसा दिलाया. इसके बाद आनन-फानन में शव पुलिस को सौंप दिया. इसके बाद बुधवार को अंतिम संस्कार हुआ. उधर, गांववालों का कहना था कि परिवार इतना गरीब है कि बेटे का अंतिम संस्कार तक नहीं कर सकता था, ऐसे में मोहल्ले के कुछ लोगों ने मदद की.
बताते चले कि पोस्टमार्टम कर्मी द्वारा पोस्टमार्टम के नाम पर रुपया मांगने का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी पोस्टमार्टम के लिये पीड़ित परिजन से रुपया मांगने का वीडियो वायरल हो चुका है. लेकिन पोस्टमार्टम में लगे इन कर्मियों पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. इस मामले पर सिविल सर्जन डॉ एस के चौधरी का कहना है कि मीडिया के माध्यम से उन्हें जानकारी मिली है. यह मानवता को शर्मसार करने वाली घटना है. इस पर जांच के बाद आवश्य कार्रवाई की जाएगी.