'हत्या से भी जघन्य है रेप, ये आत्मा को मार देता है', 15 साल की बच्ची से यौन उत्पीड़न के मामले में पॉस्को कोर्ट ने शख्स को सुनाई 10 साल की सजा
By विनीत कुमार | Published: April 10, 2022 11:16 AM2022-04-10T11:16:35+5:302022-04-10T12:05:00+5:30
एक विशेष पॉस्को अदालत ने 15 साल की बच्ची के साथ सामूहिक रूप से दुष्कर्म की कोशिश के आरोप में एक शख्स को 10 साल की सजा सुनाई है। इस मामले में दूसरे आरोप की मौत महामारी के दौरान हो गई थी।
मुंबई: दुष्कर्म को हत्या से ज्यादा जघन्य अपराध बताते हुए मुंबई के एक विशेष पॉस्को कोर्ट ने 15 साल की मानसिक रूप से विक्षिप्त लड़की के साथ गैंगरेप के प्रयास के लिए 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने कहा कि रेप की घटना हत्या से ज्यादा जघन्य है क्योंकि ये महिला की आत्मा को मार देता है।
इस मामले में दूसरे आरोपी की मौत महामारी क दौरान हो गई थी। मामले की सुनवाई के दौरान बच्ची को अदालत में पेश किया गया और उसने दोषी ठहराए गए आरोपी के खिलाफ गवाही दी।
विशेष न्यायाधीश एचसी शिंदे ने कहा, 'पीड़िता के साक्ष्य विश्वसनीय, आत्मविश्वास से भरे हैं और इसे स्वीकार करने की जरूरत है कि आरोपी पीड़िता के साथ बलात्कार करने के इरादे से उसे एकांत स्थान पर ले गए।'
अदालत ने बचाव पक्ष के इस तर्क को खारिज किया यह गलत पहचान का मामला है और आरोपी को झूठे तौर पर फंसाया गया। अदालत ने कहा कि आरोपी बच्ची को जानते थे। अदालत ने कहा, 'पीड़िता ने हालांकि बातचीत के दौरान धीमी गति से पर सही बयान दिया और वर्तमान आरोपी की पहचान हमलावर के रूप में की, उसने दूसरे आरोपी के खिलाफ भी गवाही दी जो अब जीवित नहीं है।'
बच्ची की मां ने यौन शोषण की सूचना पुलिस को दी थी। मां ने कहा था कि बच्ची की हालत देखते हुए उसे घर पर ही रखा जाता है जबकि उसके भाई रोजाना स्कूल जाते हैं। मां ने कहा कि 4 सितंबर 2015 को काम से लौटने के बाद उन्होंने बच्ची के व्यवहार में बदलाव देखा। मां ने कहा कि जब उन्होंने बच्ची से बात की उसने मारपीट की बात बताई।
बच्ची ने मां को बताया कि आरोपी उसे 10 रुपये का लालच देकर सुनसान जगह पर लेकर गए और यौन शोषण किया। बच्ची ने आगे कहा कि पहले भी ऐसा हो चुका है। इसके बाद प्राथमिकी दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। अदालत में बच्चे ने कहा कि दोनों आरोपियों ने उसे यौन उत्पीड़न का खुलासा करने पर उसका गला काटने की धमकी दी थी।