मुंबई: महाराष्ट्र एटीएस (आतंक निरोधक दस्ता) से जुड़े सूत्र ने पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) को लेकर सनसनीखेज खुलासा किया है। महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधी दस्ते से जुड़े सूत्रों ने कहा है कि पीएफआई ने अगले महीने दशहरे के दौरान भाजपा के शीर्ष नेताओं और पार्टी के वैचारिक संरक्षक आरएसएस को निशाना बनाने और उनके आंदोलनों की निगरानी करने की योजना बनाई है।
आपको बता दें कि एनआईए ने पिछले हफ्ते देश भर में पीएफआई के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए छापा मारा था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि पीएफआई सदस्य आतंकवादी समूहों के साथ काम कर रहे हैं। 22 सितंबर को 11 राज्यों में एनआईए, ईडी और पुलिस की एक संयुक्त टीम द्वारा किए गए कई छापे में 106 से अधिक पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का नागपुर मुख्यालय, पीएफआई के लक्ष्यों की सूची में शामिल है। सूत्रों ने नाम नहीं बताने की शर्त में कहा कि पीएफआई ने विशेष रूप से महाराष्ट्र में दशहरे पर आरएसएस के वरिष्ठ नेताओं की गतिविधियों पर नजर रखने की योजना बनाई है। पीएफआई के खिलाफ की गई व्यापक कार्रवाई में सैकड़ों पीएफआई सदस्यों और शीर्ष पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें 20 महाराष्ट्र के है।
इस बीच असम राज्य ने गृह मंत्रालय से पीएफआई को आतंकवादी समूहों के साथ कथित संबंधों के लिए प्रतिबंधित करने के लिए कहा है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने चिंता जताई है कि पीएफआई पूरे देश में फैला हुआ है, इसलिए एक भी राज्य इससे नहीं लड़ सकता है, इसलिए केंद्र द्वारा इसे प्रतिबंधित करने की आवश्यकता है।
वहीं सोमवार को दिल्ली की एनआईए कोर्ट ने पीएफआई से जुड़े 19 आरोपियों की रिमांड 5 दिन और बढ़ा दी है। चार दिन की रिमांड खत्म होने पर उन्हें अदालत में पेश किया गया।