मुंबई के बीवाईएल ( BYL)नायर अस्पताल में मेडिकल छात्रा पायल तडवी की आत्महत्या के मामले में तीनों आरोपी डॉक्टर को पुलिस रिमांड पर 31 मई तक के लिए भेजा गया है। पुलिस अधिकारी ने तीनों आरोपियों को कल(28 मई) को गिरफ्तार किया था। 26 वर्षीय पायल तडवी के 22 मई को आत्महत्या करने के बाद मामला दर्ज किया गया था।
तीनों आरोपी महिला डॉक्टर भक्ति मेहर, डॉक्टर हेमा आहूजा अंकिता खंडेलवाल को गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में पेश किया गया था। ये तीनों महिला डॉक्टर आरोपी पायल की आत्महत्या के दिन 22 मई से ही लापता थीं। पुलिस के मुताबिक दो आरोपी डॉक्टर अंकिता खंडेलवाल और हेमा आहूजा ने सत्र अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दी थी लेकिन वो खारिज हो गई है।
मामले में महिला आयोग ने स्वत संज्ञान लेते हुए अस्पताल को नोटिस भेजा था। महिला आयोग ने BYLनायर हॉस्पिटल को जांच के आदेश दिए थे। महिला आयोग ने आरोपियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई करने की मांग की थी। इससे पहले महाराष्ट्र महिला आयोग ने भी अस्पताल के डीन को नोटिस भेजा था। पायल तडवी ने तीन डॉक्टरों द्वारा प्रताड़ित किए जाने के चलते 22 मई को आत्महत्या कर ली थी।
बीवाईएल नायर अस्पताल में गायनेकोलॉजिस्ट सेकंड ईयर की रेजिडेंट डॉक्टर पायल तडवी ने अपने सीनियर डॉक्टरों की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या की। 22 मई को अपने होस्टल के कमरे में थित तौर पर फांसी लगाकर पायल ताडवी ने आत्महत्या की थी। उसके निधन के बाद डॉ. पायल की मां और परिवार के अन्य सदस्यों ने आरोप लगाया कि उसे तीन महिला वरिष्ठ डॉक्टरों द्वारा कथित तौर पर उसकी जाति और आदिवासी पृष्ठभूमि को लेकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था।
बीवाईएल नायर अस्पातल के डीन रमेश भरमाल ने कहा था कि हमने इस मामले की जांच के लिए एक एंटी रैगिंग समिति का गठन किया है। पायल के माता-पिता ने मुंबई में उस सरकारी अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया जहां वह काम करती थी। अन्य प्रदर्शनकारी भी तडवी की मां आबिदा और पति सलमान के साथ प्रदर्शन में शामिल हुए और तीन वरिष्ठों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। जिन्होंने रैगिंग और जातीय टिप्पणियां कर उसे प्रताड़ित किया और यह कदम उठाने के लिए बाध्य किया है। पायल के माता-पिता की मांग है कि आरोपियों को सख्त से सख्त सजा हो।