पटना के विकास पदाधिकारी भवेश कुमार सिंह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, 6 ठिकानों पर छापेमारी, गोदाम से 40 लाख रुपये, गहने, जमीन कागजात, महंगी गाड़ियां और घड़ियां जब्त
By एस पी सिन्हा | Updated: December 12, 2025 18:20 IST2025-12-12T18:19:21+5:302025-12-12T18:20:59+5:30
रूपसपुर थाना क्षेत्र के रामजयपाल नगर स्थित पुष्पक रेजीडेंसी अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 203 से हुई, जहाँ टीम ने संपत्ति से जुड़े दस्तावेजों की गहन जांच की।

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पटनाः बिहार में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने पाटलिपुत्रा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक, पटना के विकास पदाधिकारी भवेश कुमार सिंह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। शुक्रवार तड़के ईओयू ने पटना और गोपालगंज में उनके छह ठिकानों पर एक साथ छापेमारी शुरू की, जिसमें प्रारंभिक जांच में कई संदिग्ध संपत्ति निवेश और दस्तावेजों के मिलने की बात सामने आ रही है। जांच अधिकारियों का मानना है कि सिंह के पास घोषित आय से लगभग 60 प्रतिशत अधिक संपत्ति होने की संभावना है। पटना में ईओयू की टीम ने चार स्थानों पर एक साथ कार्रवाई की।
तलाशी की शुरुआत रूपसपुर थाना क्षेत्र के रामजयपाल नगर स्थित पुष्पक रेजीडेंसी अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 203 से हुई, जहाँ टीम ने संपत्ति से जुड़े दस्तावेजों की गहन जांच की। इसके बाद अगमकुआं थाना क्षेत्र के जकरियारपुर मोहल्ले में गोदाम गली के पास पहाड़ी पर बने पांच मंजिला भवन में छापेमारी की गई। बैंक अधिकारी के गोदाम से 40 लाख रुपये नकद बरामद हुए।
पटना और गोपालगंज में 6 स्थानों पर ईओयू की छापेमारी; गहने, जमीन के कागजात, महंगी गाड़ियां और घड़ियां जब्त की गई। इसी दौरान बिहटा के बेला स्थित जय माता दी राइस मिल में भी आर्थिक लेन-देन और संपत्ति संबंधी रिकॉर्ड खंगाले गए। साथ ही एसपी वर्मा रोड स्थित को-ऑपरेटिव बैंक के कार्यालय में संबंधित फाइलों और कागजातों का सत्यापन किया गया।
वहीं, गोपालगंज में ईओयू की टीम ने दो जगहों पर तलाशी ली। मांझगढ़ थाना क्षेत्र के जलालपुर गांव स्थित भवेश कुमार सिंह के पैतृक आवास में विस्तृत जांच की गई, जहां घर और आसपास के परिसर की बारीकी से तलाशी ली गई। इसके अलावा मांझगढ़ में ही स्थित भावना पेट्रोलियम पर भी छापेमारी की गई, जहाँ लेन-देन और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जांच की गई।
बताया जाता है कि तलाशी के दौरान ईओयू को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, बैंकिंग लेनदेन के रिकॉर्ड और संपत्ति से जुड़े कागजात मिले हैं, जिनकी विस्तृत जांच की जा रही है। प्रारंभिक स्तर पर कुछ ऐसे दस्तावेज भी सामने आए हैं, जिन्हें जांच टीम संदिग्ध मान रही है। अधिकारियों के अनुसार, बरामद सामग्रियों के विश्लेषण के बाद आय और संपत्ति के वास्तविक अंतर की स्पष्ट तस्वीर सामने आएगी।
ईओयू अब जब्त दस्तावेजों के आधार पर आगे की कार्रवाई की तैयारी में है। जरूरत पड़ने पर संबंधित व्यक्तियों को नोटिस भेजे जाएंगे और पूछताछ की प्रक्रिया भी तेज की जाएगी। विभागीय सूत्रों का कहना है कि जांच में अगर अनियमितताएं पुख्ता पाई गईं, तो मामले में आगे कठोर कानूनी कदम उठाए जा सकते हैं।
मामले की विवेचना फिलहाल जारी है। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भवेश कुमार सिंह ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अवैध और भ्रष्ट तरीके से आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है। प्रारंभिक जांच में यह पता चला कि उनकी आय के अनुपात में संपत्ति लगभग 60.68 प्रतिशत अधिक है।
सूचना के सत्यापन के बाद, आर्थिक अपराध थाना ने कांड संख्या-43/2025, दिनांक-11.12.2025 के तहत भ्र०नि०अधि०-1988 (जैसा कि संशोधित 2018 में लागू है) की धारा-13 (2) सहपठित धारा-13 (1) (बी) के अंतर्गत मामला दर्ज किया। इसके बाद माननीय न्यायालय से तलाशी अधिपत्र प्राप्त कर आज दिनांक 12.12.2025 को भवेश कुमार सिंह के आवासीय और कार्यालय ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई शुरू की गई।