पटनाः सामने आया पाकिस्तान कनेक्शन, 2023 में देश के खिलाफ जिहाद की साजिश रची, एनआईए, आईबी और रॉ के साथ बिहार एटीएस के अधिकारी जुटे
By एस पी सिन्हा | Published: July 18, 2022 08:19 PM2022-07-18T20:19:19+5:302022-07-18T20:20:36+5:30
बिहार का मामला है. दानिश उर्फ ताहिर के बारे में एजेंसियों ने कई महत्वपूर्ण जानकारी ली. जल्द ही ताहिर से जुड़े केस को टेकओवर कर सकती है.
पटनाः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पटना दौरे के दौरान बड़ी आतंकी साजिश रचने की तैयारी में जुटे पीएफआई की संदिग्ध गतिविधियों की जांच की जिम्मेदारी अब लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) और खुफिया एजेंसी(आईबी) संभाल सकती है.
सूत्रों के अनुसार इन दोनों की टीम पटना पहुंचकर विचार विमर्श में जुट गई है. कारण कि जिस तरह से इस पूरे मामले में पाकिस्तान का कनेक्शन सामने आया है. उसके बाद दोनों जांच एजेंसियों की एक टीम भी पटना पहुंची है और पटना पुलिस से इस मामले को लेकर पूरी जानकारी भी जुटाने में लग गई है.
सूत्रों के अनुसार एनआईए, आईबी और रॉ के साथ बिहार एटीएस के अधिकारी और पटना पुलिस के अधिकारियों ने घंटों इसपर चर्चा की है. इसमें मरगूब दानिश उर्फ ताहिर के बारे में एजेंसियों ने कई महत्वपूर्ण जानकारी ली. संभावना है कि जल्द ही मरगूब दानिश उर्फ ताहिर से जुड़े केस को टेकओवर कर सकती है. इस बीच फुलवारी शरीफ में रची गई आतंकी साजिश की परतें एक-एककर उतर रही हैं.
पूछताछ व जांच में पता चला है कि आतंकी मरगूब ने आतंकी संगठन 'गजवा-ए-हिंद' के स्लीपर सेल बना रखे थे. 2023 में देश के खिलाफ जिहाद की साजिश रची गई थी. पूछताछ व जांच में पता चला है कि बिहार के 12 जिलों में पीएफआई द्वारा दफ्तर खोल वहां शारीरिक शिक्षा देने के नाम पर भटके हुए युवाओं को आतंक की ट्रेनिंग दी जा रही थी.
पता चला है कि इन ठकानों पर अभी तक 15 हजार युवकों को ट्रनिंग दी जा चुकी है. सूत्रों के अनुसार अतहर एवं अरमान ने पूछताछ में केरल और कर्नाटक से आने वाले आतंक के प्रशिक्षकों के नाम उजागर किए हैं. उन्होंने पीएफआई की आड़ में दो अन्य विंग और सिमी के पूर्व सदस्यों को संगठन में जोड़ने का उद्देश्य भी पुलिस को बताए हैं.
गिरफ्तार आरोपित से पूछताछ में देश विरोधी साजिश रचे जाने के साथ ही बिहार में भी आतंकी गतिविधियों का पाकिस्तान कनेक्शन होने की बात सामने आई है. इन संगठनों को विदेशों से भी विभिन्न माध्यमों से फंडिंग होने की बात सामने आई है. टेरर फंडिंग का नेटवर्क खंगाला जा रहा है.
सूत्रों के अनुसार आरोपितों से पूछताछ में जिन लोगों का नाम सामने आया है, उसकी गिरफ्तारी को लेकर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां कार्रवाई कर रही है. नेपाल का बशर खान इसका मास्टरमाइंड है. सीमांचल में मनी लांड्रिंग व भारत विरोधी गतिविधियों को बढावा देने के लिए आतंकी स्लीपर सेल को फंडिंग करता है.
पूछताछ व जांच में हुए खुलासों पर भरोसा करें तो पटना सहित पूरे बिहार में आतंकियों के स्लीपर सेल बन चुके हैं. आतंकी संगठन गजवा-ए-हिन्द से जुडे रहे मरगूब के इंटरनेट मीडिया पर 'इंडिया खत्म हो जाएगा' मुहिम का हिस्सा था. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ भी उसे प्रश्रय दे रही थी.
वह 'गजवा-ए-हिंद' वाट्सऐप ग्रुप बनाकर पाकिस्तान के कई लोगों को ग्रुप से जोड़ चुका था. ह्वाट्सऐप और मैसेंजर के जरिए पाकिस्तान और बंगलादेश में बात भी करता था. उसके पास मिले मोबाइल से मशकूर नामक एक पाकिस्तानी का नंबर मिला है, जिसने चैटिंग में खुद को आइएसआइ का एजेंट बताया है.
सूत्रों के अनुसार अतहर एवं अरमान ने पूछताछ में केरल और कर्नाटक से आने वाले आतंक के प्रशिक्षकों के नाम उजागर किए हैं. उन्होंने पीएफआई की आड में दो अन्य विंग और सिमी के पूर्व सदस्यों को संगठन में जोड़ने का उद्देश्य भी पुलिस को बताए हैं.