नाबालिग लड़की से यौन शोषण का आरोप?, पटना हाईकोर्ट ने राजद के पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव को किया बरी
By एस पी सिन्हा | Updated: August 14, 2025 16:57 IST2025-08-14T16:56:33+5:302025-08-14T16:57:13+5:30
नाबालिग लड़की ने राजबल्लभ यादव पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। आरोप लगने के बाद यादव को गिरफ्तार किया गया और उन्हें लंबे समय तक जेल में रहना पड़ा।

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पटनाः पटना हाईकोर्ट ने बहुचर्चित बलात्कार मामले में राजद के पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव को बाइज्जत बरी कर दिया है। वर्षों से चल रहे इस संवेदनशील और चर्चित मामले में न्यायालय ने कहा कि अभियोजन पक्ष पीड़िता के आरोपों को साबित करने में विफल रहा, जिससे आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए बरी किया जाता है। यह मामला 2016 में सामने आया था, जब एक नाबालिग लड़की ने राजबल्लभ यादव पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। आरोप लगने के बाद यादव को गिरफ्तार किया गया और उन्हें लंबे समय तक जेल में रहना पड़ा।
इस मामले ने राज्य की राजनीति में भी भूचाल ला दिया था क्योंकि राजवल्लभ यादव उस वक्त राजद के विधायक थे। हालांकि, सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने गवाहों की विश्वसनीयता और घटनाक्रम में विरोधाभासों को उजागर करते हुए अदालत के समक्ष यह तर्क रखा कि मामला राजनीतिक साजिश और झूठे आरोपों का परिणाम है।
अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि उपलब्ध साक्ष्य अभियुक्त के दोष को साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। निचली अदालत ने इस केस में राजबल्लभ यादव, सुलेखा देवी एवं राधा देवी को आजीवन कारावास की सजा दी थी। जबकि शेष तीन अपीलार्थी को 10 वर्षों की सजा दी थी।
उल्लेखनीय है कि 6 फरवरी 2016 को जन्मदिन की पार्टी के नाम पर नाबालिग को बोलेरो गाड़ी से गिरियक स्थित एक घर पर महिला अपीलार्थी लेकर गई। जहां उसे पीने के लिए शराब दिया गया। लेकिन उसने पीने से मना कर दिया। बाद में नाबालिग का कपड़ा उतारकर उसे बिस्तर पर धकेल दिया गया और मुंह में कपड़ा ठूंस दिया गया था।
शराब पिये एक व्यक्ति ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। बाद में उसे दूसरे कमरे में ले जाया गया और सुबह में नाबालिग को घर छोड़ दिया गया। नाबालिग ने अपने बयान में कहा कि जो महिला उसे लेकर गई थी उसे उसने दुष्कर्म करने वाले से तीस हजार रुपये लेते देखा था। इस केस के ट्रायल के दौरान सरकार की ओर से बीस गवाहों ने अपनी गवाही दी।
वही बचाव पक्ष की ओर से 15 गवाहों ने अपने बयान दर्ज कराए। स्पेशल एमएलए/एमपी कोर्ट के जज परशुराम यादव ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376(बलात्कार) ,120 बी और पॉक्सो अधिनियम के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। नवादा के राजद के विधायक राजबल्लभ यादव की बिहार विधानसभा की सदस्यता खत्म हो गई थी।
उन्हें भारतीय जनप्रतिनिधित्व 1951 कानून के तहत दोषी करार दिया गया। आपराधिक साज़िश व तस्करी के लिए दोषी करार दी गयी दो अन्य लोग सुलेखा व उसकी माँ राधा देवी को उम्रकैद की सजा के साथ बीस हजार रूपए जुर्माना भरने का कोर्ट ने आदेश दिया। इनके अलावा सुलेखा देवी की बेटी छोटी देवी, संदीप सुमन और तुसी देवी को दस दस वर्ष की कठोर कारावास के साथ ही दस दस हजार रुपए का आर्थिक दंड लगाया गया। इस आदेश के विरुद्ध इन सबों ने पटना हाईकोर्ट में अपील दायर किया।
सरकारी अधिवक्ता दिलीप सिन्हा राज्य सरकार की ओर पक्ष प्रस्तुत किया। अपीलार्थियों की ओर से वरीय अधिवक्ता सुरेंद्र सिंह, अधिवक्ता अजय कुमार ठाकुर व पीड़िता की ओर से इमिकस क्यूरी अनुकृति जयपुरियार ने कोर्ट के समक्ष तथ्यों को प्रस्तुत किया।