Nirbhaya Case: दोषियों को फांसी पर लटकाने वाले पवन जल्लाद ने दिया बड़ा बयान, कहा- मरने से पहले दरिंदों को नहीं था कोई पछतावा
By अनुराग आनंद | Published: March 21, 2020 02:12 PM2020-03-21T14:12:34+5:302020-03-21T14:12:34+5:30
पवन जल्लाद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैंने निर्भया के चारों दोषियों को फांसी देकर अपना धर्म निभाया है।
नई दिल्ली: शुक्रवार (20 मार्च) को निर्भया मामले में चारों दोषियों को फांसी की सजा दे दी गई। चारों दोषियों को फांसी पर लटकाने के बाद पवन जल्लाद ने पहली बार इस मामले में मीडिया के सामने आकर अपनी बात रखी है। दोषियों को फांसी देने वाले पवन जल्लाद ने बताया कि फांसी घर में किसी को बोलने की अनुमति नहीं होती है। जिसकी वजह से फांसी वाले दिन भी केवल इशारों से काम किया गया।
आजतक के मुताबिक, पवन जल्लाद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैंने निर्भया के चारों दोषियों को फांसी देकर अपना धर्म निभाया है। उसने कहा कि यह हमारा पुश्तैनी काम है। पवन की मानें तो फांसी होने से पहले दरिंदों को पश्चाताप होना चाहिए था, लेकिन उनमें से किसी को पश्चाताप नहीं था।
बता दें कि फांसी दिए जाने से कुछ देर पहले चारों दोषियों से मिलने के लिए तिहाड़ जेल क्षेत्र की डीएम नेहा बंसल जेल पहुंची थी। इस दौरान नेहा बंसल ने सभी चार दोषियों से अलग-अलग मुलाकात की।
इन सभी से उनकी आखिरी इच्छा पूछी गई। पवन गुप्ता व अक्षय ठाकुर ने डीएम के सामने कुछ भी नहीं कहा। लेकिन, विनय शर्मा ने कहा कि मैं चाहता हूं कि मेरे मरने के बाद मेरे द्वारा बनाए गए पेंटिंग्स में से एक जेलर को दिया जाए और बाकी के सारे मेरे घरवालों को दिया जाए। इसके साथ ही उसने कहा कि मेरे सारे समान मेरे घरवालों को दिया जाए। वहीं, मुकेश सिंह ने एक लिखित पत्र डीएम को सौंपते हुए कहा कि मैं चाहता हूं कि मेरे मरने के बाद मेरे शरीर के जरूरी अंग दान कर दिए जाएं।
चारों दोषी पवन, विनय, मुकेश और अक्षय ने फांसी से पहले बचने के लिए तरह-तरह से कोशिश की। इस दौरान दोषियों ने खुद को बचाने के लिए जेलर से मिन्नतें मांगी। यही नहीं वे रोए, फांसी घर में लेट तक गए। लेकिन, इस सब के बाद भी सभी को फांसी के फंदे से लटका दिया गया।
आपको बता दें कि तिहाड़ जेल के जेल नंबर-3 की फांसी कोठी में चारों दोषियों को लटकाने के लिए चार हैंगर बनाए गए थे। इनमें से एक का लीवर जल्लाद पवन ने खींचा जबकि दूसरे का जेल स्टाफ ने खींचा। इससे पहले चारों दोषियों को फांसी दिए जाने के बारे में मालूम था, इसलिए चारों रात भर जगा हुआ ही था।
चारों को नहाने के बाद उनके पीने के लिए चाय मंगाई गई। लेकिन, चारों ने चाय पीने से इनकार कर दिया। इसके बाद चारों को काला कुर्ता पाजामा पहनाया गया और फिर हाथ पीछे बांध दिए गए।
इस दौरान दोषियों ने हाथ बंधवाने से इनकार किए। यही नहीं विनय ने कपड़े बदलने से इनकार कर दिया और फिर वह रोने भी लगा और माफी मांगने लगा।
इसके अलावा, जब दोषियों को लेकर जाया जा रहा था तो एक डर गया। वह फांसी घर में ही लेट गया और आगे जाने से मना करने लगा था। काफी कोशिशों के बाद उसे आगे लेकर जाया गया। फिर सेल से बाहर लाकर फांसी कोठी से ठीक पहले चारों के चेहरे काले कपड़े से ढक दिए गए।