निर्भया मामला: नए डेथ वारंट पर आज हो सकता है फैसला, चारों दोषियों को देना है नोटिस का जवाब
By पल्लवी कुमारी | Updated: March 5, 2020 09:18 IST2020-03-05T09:18:07+5:302020-03-05T09:18:07+5:30
Nirbhaya Case: निर्भया से 16 दिसंबर, 2012 को दक्षिणी दिल्ली में एक चलती बस में गैंगरेप के साथ ही उस पर बर्बरता से हमला किया गया था। निर्भया की बाद में सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में मौत हो गयी थी

निर्भया मामला: नए डेथ वारंट पर आज हो सकता है फैसला, चारों दोषियों को देना है नोटिस का जवाब
साल 2012 के निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में दोषियों को फांसी देने के लिए दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों और उनके वकील को नोटिस जारी किया है। नया डेथ वॉरंट जारी करने के संबंध में आज (पांच मार्च) दोपहर दो बजे का समय तय किया गया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की याचिका पर भी आज सुनवाई होगी। निर्भया केस में तिहाड़ जेल ने पटियाला हाउस कोर्ट को लिखित अर्जी देकर बताया है कि पवन की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दी है। ऐसे में 2 मार्च को डेथ वॉरंट पर लगाए गए स्टे की अब कोई जरूरत नहीं है।
दिल्ली कारागार नियमावली के मुताबिक मौत की सजा का सामना कर रहे किसी दोषी की दया याचिका खारिज होने के बाद उसे फांसी देने से पहले 14 दिन का समय दिया जाता है। सभी चारों दोषियों को एकसाथ फांसी दी जानी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 25 वर्षीय पवन कुमार गुप्ता की दया याचिका खारिज कर दी है। पवन कुमार गुप्ता इस मामले के चार दोषियों में से एक है।
निर्भया केस: 3 मार्च को सुबह छह बजे दोषियों को फांसी दी जानी थी लेकिन तीसरी बार उसे टाला गया
अदालत ने नोटिस जारी करते हुए कहा कि नैसर्गिक न्याय का सिद्धांत संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार एवं व्यक्तिगत स्वतंत्रता) का हिस्सा है और दूसरे पक्ष को सुने जाने को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। पवन के अलावा मुकेश कुमार सिंह (32), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को फांसी देने के लिए पूर्व में तीन मार्च सुबह छह बजे का समय निर्धारित किया था। इसे अदालत ने गत सोमवार को छह सप्ताह में तीसरी बार टाल दिया था क्योंकि दोषी अपने कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर रहे थे। मुकेश, विनय और अक्षय की दया याचिका राष्ट्रपति पहले ही खारिज कर चुके हैं। अदालत ने फांसी सोमवार को अगले आदेश तक टाल दी थी।
फांसी देने की पहली तारीख 22 जनवरी तय की गई थी जिसे अदालत ने बाद में टाल दिया था। यद्यपि 31 जनवरी को अदालत ने फांसी अनिश्चितकाल के लिए टाल दी थी। 17 फरवरी को अदालत ने फिर से तीन मार्च सुबह छह बजे फांसी देने के लिए नया मृत्यु वारंट जारी किया। इस बीच, दिल्ली उच्च न्यायालय ने उस अर्जी पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया जिसमें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को हस्तक्षेप करने और चारों दोषियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की जांच कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
निर्भया से 16 दिसंबर, 2012 को दक्षिणी दिल्ली में एक चलती बस में गैंगरेप के साथ ही उस पर बर्बरता से हमला किया गया था। निर्भया की बाद में सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में मौत हो गई थी, जहाँ उसे बेहतर चिकित्सा के लिए ले जाया गया था। दिल्ली की एक अदालत ने 13 सितम्बर 2013 को चारों दोषियों को मौत की सजा सुनाई थी। उसके बाद से इस मामले में कई मोड़ आए।