निर्भया मामले के एक दोषी विनय शर्मा ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की थी लेकिन अब उसने दावा किया है जो याचिका राष्ट्रपति के पास है, उस पर उसका हस्ताक्षर नहीं है। बता दें कि शुक्रवार (6 दिसंबर) को निर्धारित प्रक्रिया के तहत गृह मंत्रालय ने दोषी की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास पहुंचा दी थी। दया याचिका पर राष्ट्रपति अंतिम फैसला लेंगे।
समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक, सभी दोषियों में से एक दोषी विनय शर्मा ने तुरंत दया याचिका वापसी की मांग की है। दोषी का दावा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा राष्ट्रपति को भेजी गई दया याचिका उसके द्वारा हस्ताक्षरित और अधिकृत नहीं थी।
बता दें कि दिल्ली सरकार ने पहले ही दोषी की दया याचिका को खारिज करने की मांग उपराज्यपाल से की थी लेकिन प्रक्रिया के तहत इसे गृहमंत्रालय के पास भेजा गया था। शुक्रवार को गृह मंत्रालय ने दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेजी थी। राष्ट्रपति का फैसला तिहाड़ जेल को बताया जाएगा।
राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज होने की सूरत में जेल प्रशासन इसे अदालत ले जाएगा। अदालत ब्लैक वारंट जारी करेगी। इसके बाद जेल अधिकारी दोषियों और उनके परिवारवालों को उनकी फांसी के बारे में सूचना देंगे। अधिकारी यह भी सुनिश्चित करेंगे कि 3 दोषियों को और समय दिया जाना चाहिए या नहीं।
माना जा रहा है कि महीनेभर में दोषियों को फांसी पर लटकाया जा सकता है। बता दें कि निर्भया मामले में मुकेश, पवन, अक्षय नाम के दोषियों ने दया याचिका दायर नहीं की थी।