Nirbhaya Case: फांसी से बचने के लिए दोषी अक्षय ने अपनाया नया हथकंडा, क्यूरेटिव पिटीशन दायर की
By स्वाति सिंह | Published: January 29, 2020 10:26 AM2020-01-29T10:26:16+5:302020-01-29T10:55:10+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड में सजायाफ्ता चारों दोषियों में से एक की याचिका पर मंगलवार को फैसला सुरक्षित रखा जिसने राष्ट्रपति द्वारा उसकी दया याचिका को खारिज किये जाने को चुनौती दी थी।
निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड मामले में मौत की सजा पाए जाने वाले चारों दोषियों में से एक अक्षय कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में सुधारात्मक याचिका दायर की। जेल अधिकारियों ने बताया कि दोषी अक्षय कुमार सिंह ने मंगलवार को याचिका दाखिल की।
मालूम हो कि मुकेश और विनय की सुधारात्मक याचिका पहले ही खारिज हो चुकी है। साथ ही मुकेश की दया याचिका भी राष्ट्रपति खारिज कर चुके हैं।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड में सजायाफ्ता चारों दोषियों में से एक की याचिका पर मंगलवार को फैसला सुरक्षित रखा जिसने राष्ट्रपति द्वारा उसकी दया याचिका को खारिज किये जाने को चुनौती दी थी।
न्यायमूर्ति आर भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि वह दोषी मुकेश कुमार सिंह की याचिका पर बुधवार को फैसला सुनाएगी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 17 जनवरी को मुकेश की दया याचिका को खारिज कर दिया था। मामले के चारों दोषियों को एक फरवरी को फांसी दी जानी है।
वहीं, तिहाड़ जेल में सोमवार (27 जनवरी) को निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्याकांड में मृत्युदण्ड पाये चार दोषियों के पुतलों को फांसी देने की औपचारिकता पूरी की गई। उन्होंने बताया कि दोषियों को फांसी देने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों का परीक्षण करने के लिए जेल अधिकारियों द्वारा तीसरी बार पुतलों को फांसी दी गई है। अधिकारियों ने बताया ये पूरी प्रकिया सोमवार को दोपहर में की गई और अगले कुछ दिनों तक इसे दोहराया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि फांसी में इस्तेमाल होने वाली रस्सी उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले से मंगाई गई है।
दिल्ली की एक अदालत ने 17 जनवरी को विनय शर्मा (26), अक्षय कुमार सिंह (31), मुकेश कुमार सिंह (32) और पवन (26) को एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी देने का आदेश जारी किया था। लंबित याचिकाओं के कारण 22 जनवरी को होने वाली फांसी को स्थगित कर दिया गया था। दोषियों के पास अपने परिवार से आखिरी बार मिलने के बारे में निर्णय करने के लिए बस कुछ ही समय शेष है। सूत्रों ने बताया कि दिन में अक्षय कुमार सिंह की पत्नी, मां और भतीजा जेल में उससे मिलने आए। उन्होंने बताया कि फांसी से पहले अभी तक उनके पास अपने परिवार से आखिरी बार मिलने का मौका है।
विलंब करने की तरकीब अपना रहे हैं दोषी
दिल्ली पुलिस की ओर पेश हुए लोक अभियोजक ने दावा किया कि दोषी केवल ‘‘विलंब करने की तरकीब’’ अपना रहे हैं। लोक अभियोजक ने कहा, ‘‘पूरी प्रक्रिया कानून को परास्त करने की है। हमने पहले ही सारे दस्तावेज मुहैया करा दिए हैं। वे जहां भी गए, हमने उन सभी जेलों से सभी दस्तावेज प्राप्त कर लिए थे।’’
इसके बाद उन्होंने दोषी विनय कुमार शर्मा की ‘दरिंदा’ नाम की डायरी अदालत के समक्ष पेश की। इसके अलावा उसकी कई पेंटिंग तथा अन्य दस्तावेज भी पेश किए। वकील ने कहा, ‘‘हमारे पास बस यही है। अगर अदालत निर्देश दे तो हम दोषियों को तत्काल ये सौंप सकते हैं।’’ दोषियों के वकील ए पी सिंह ने आरोप लगाया कि विनय को धीमा जहर दिया गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उसकी चिकित्सकीय जांच के कागज उन्हें नहीं दिए जा रहे हैं।