हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ पुलिस के साथ एनआईए ने किया गठजोड़, गैंगस्टर और विदेशों में सक्रिय आतंकवादी संगठनों पर कसेगा शिकंजा, जानें संयुक्त अभियान का लक्ष्य क्या!
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 1, 2023 11:41 IST2023-07-01T11:40:27+5:302023-07-01T11:41:36+5:30
एनआईए और तीनों राज्यों के पुलिस बल के प्रमुखों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए एनआईए के महानिदेशक (डीजी) दिनकर गुप्ता ने संगठित अपराध से मुकाबले के लिए समन्वित कार्रवाई की आवश्कता पर जोर दिया।

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चंडीगढ़ः राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने देश के उत्तरी क्षेत्र में गिरोहों के नेटवर्क और विदेशों में सक्रिय आतंकवादी संगठनों के खिलाफ समय पर सूचना साझा करने और समन्वित कार्रवाई के लिए हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ की पुलिस के साथ सामूहिक संस्थागत तंत्र की स्थापना की घोषणा की।
एनआईए और तीनों राज्यों के पुलिस बल के प्रमुखों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए एनआईए के महानिदेशक (डीजी) दिनकर गुप्ता ने संगठित अपराध से मुकाबले के लिए समन्वित कार्रवाई की आवश्कता पर जोर दिया। गुप्ता ने कहा कि एनआईए, पंजाब, चंडीगढ़ और हरियाणा पुलिस के बीच सहयोग बढ़ाने एवं सूचना साझा करने से विशेषकर उत्तरी क्षेत्र में इन आपराधिक गिरोहों की वजह से बढ़ते खतरे से प्रभावी तरीके से निपटा जा सकेगा।
एनआईए के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि बैठक के दौरान उत्तरी क्षेत्र में गैंगस्टर तंत्र के खिलाफ समय पर सूचना साझा करने और समन्वित कार्रवाई के लिए हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ की पुलिस के साथ सामूहिक संस्थागत तंत्र की स्थापना की घोषणा की।
प्रवक्ता ने कहा कि एनआईए एवं तीनों पुलिस बल के प्रतिनिधि अधिकारियों के साथ ‘ज्वाइंट लिस्टिंग कमेटी’ की स्थापना करने और उत्तरी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में सक्रिय विभिन्न आपराधिक गिरोहों के नेटवर्क का खाका तैयार करने का भी फैसला किया गया।
प्रवक्ता ने कहा कि इन क्षेत्रों में संगठित अपराधों और अपराधियों के मुद्दे के समाधान के लिए सभी हितधारकों की मासिक बैठकें आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। एनआईए महानिदेशक दिनकर गुप्ता की अध्यक्षता में हरियाणा के पंचकूला में आयोजित एक उच्च स्तरीय अंतरराज्यीय समन्वय बैठक में ये निर्णय लिए गए।
बयान के अनुसार, बैठक के दौरान उत्तरी राज्यों में सक्रिय संगठित आपराधिक गिरोहों और संगठनों के नेताओं और सदस्यों की गतिविधियों तथा उनसे जुड़े विभिन्न आपराधिक मामलों में जारी जांच पर चर्चा हुई। अपराधियों एवं माफियाओं के बीच बढ़ते गठजोड़ तथा उनके अंतरराज्यीय संपर्क एवं संघर्ष उत्तरी राज्यों में चिंता का विषय बन गए हैं।
बैठक के दौरान माफिया के खिलाफ त्वरित सुनवाई सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया क्योंकि बैठक में भाग लेने वाले अधिकारियों का मानना था कि यही इस समस्या से निपटने के लिए एक प्रभावी उपकरण होगा। बयान में कहा गया कि बैठक के दौरान गवाह की सुरक्षा योजना पर भी चर्चा हुई।
संगठित आपराधिक-आतंकवादी गिरोह के खतरे से निपटने के लिए एनआईए प्रमुख की अध्यक्षता में यह दूसरी ऐसी बैठक थी। गुप्ता ने विभिन्न पुलिस एजेंसियों और पुलिस बल के बीच जांच के निष्कर्षों और खुफिया सूचना को साझा करके ऐसे गिरोहों से सामूहिक रूप से निपटने के लिए इन बैठकों की शुरुआत की थी।
हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पी. के. अग्रवाल ने इन आपराधिक गिरोहों के नेटवर्क को नष्ट करने, उनकी गतिविधियों को रोकने और न्याय सुनिश्चित करने के लिए त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने बैठक में हिस्सा लेने वाले अधिकारियों को आश्वस्त किया कि हरियाणा पुलिस संगठित अपराध से निपटने के समन्वित प्रयासों में समर्थन और सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने इस बात पर जोर दिया कि विदेशों में स्थित सक्रिय नेताओं और सदस्यों के प्रत्यर्पण और निर्वासन के लिए विदेशों में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ अंतरराष्ट्रीय संपर्क और सहयोग आवश्यक है। चंडीगढ़ के डीजीपी प्रवीर रंजन ने प्रभावित राज्यों के पुलिस बल के बीच गहन अंतरराज्यीय समन्वय और संयुक्त अभियान की आवश्यकता पर बल दिया क्योंकि आपराधिक गिरोह चंडीगढ़ सहित सभी जगह सक्रिय हैं।