पटनाः बिहार के मुजफ्फरपुर में एक झोलाछाप डॉक्टर की हैवानियत सामने आई है। इसमें झोलाछाप डॉक्टर ने महिला मरीज का किडनी निकाल लिया। घटना उस वक्त हुई, जब महिला गर्भाशय का ऑपरेशन कराने नर्सिंग होम में गई थी। किडनी निकाले जाने के बाद जब महिला की हालत खराब होने लगी और उसे बेहतर इलाज के लिए पटना लाया गया।
पीएमसीएच में जांच के दौरान चिकित्सक ने किडनी निकाले जाने की बात कही है। इससे परिजनों में हड़कंप मच गया है। वही, ऑपरेशन के बाद महिला की हालत गंभीर बनी हुई है। महिला मथुरापुर निवासी अकलू राम की पत्नी है। घटना मुजफ्फरपुर जिले के सकरा प्रखंड के मथुरापुर गांव की है।
पीड़िता सुनीता की मां बाजीराउत की तेतरी देवी ने बरियापुर ओपी में क्लीनिक संचालक कथित डॉक्टर पवन कुमार, डॉ. आरके सिंह, कर्मी जितेंद्र पासवान व डॉ. पवन की पत्नी को आरोपित करते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी है। सुनीता की हालत गंभीर है। भोजन-पानी नहीं पच रहा है। बीते तीन सितंबर को उसका ऑपरेशन हुआ था।
पीडिता के भाई अरुण का कहना है की उसकी बहन के पेट में दर्द था तो उसे लेकर नर्सिंग होम में गए। वहां जांच करने के बाद गर्भाशय हटाने की बात कही गई। नर्सिंग होम के संचालक पवन कुमार ने ऑपरेशन करने के लिए डॉक्टर बाहर से बुलाने की बात कही। डॉक्टर आए और ऑपरेशन हुआ। लेकिन, इसके बाद मरीज की हालत बिगड़ने लगी। उसे पटना ले जाने को कहा।
वहां कई हॉस्पिटल में गए। जांच में पता लगा की महिला का दोनों किडनी निकाल लिया गया है। बरियारपुर ओपी प्रभारी राजेश कुमार राय ने बताया कि दोनों किडनी निकालने का आरोप है। मामला दर्ज कर आवेदन सकरा थाना भेजा गया है। उधर, सिविल सर्जन डॉ. यूसी शर्मा ने बताया कि सकरा के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी जांच करेंगे।
क्लीनिक संचालक के रजिस्ट्रेशन और डिग्री की भी जांच होगी। उधर, डीएसपी पूर्वी मनोज पांडेय ने आरोपितों की गिरफ्तारी का आदेश दिया है। इधर, संचालक पवन का कहना है यूट्रस के अलावा राइट और लेफ्ट ओवरी का ऑपरेशन हुआ था।
यूट्रस और दोनों ओवरी काटकर हटा दिया गया था। डॉक्टर मुजफ्फरपुर से आए थे। उनके यहां अल्ट्रासाउंड नहीं हुआ था। ऑपरेशन के बाद मरीज का यूरिन बाहर नहीं निकला तो वे खुद अपने खर्चे पर उसे पटना ले गए थे। किडनी निकालने का आरोप बेबुनियाद है।