जेल में रहकर हत्या अंजाम?, आखिर खूंखार कैदी के पास मोबाइल कौन पहुंचा रहा, प्रशासन और पुलिस की मिलीभगत?, सरकार बनवाने जा रही हाई सिक्योरिटी जेल
By एस पी सिन्हा | Updated: July 18, 2025 15:48 IST2025-07-18T15:47:41+5:302025-07-18T15:48:43+5:30
जेल में मोबाइल मिलने पर पुलिस की ओर से की जाने वाली कार्रवाई भी महज खानापूर्ति सिद्ध होती है। कुछ दिनों की सख्ती के बाद जेल में मोबाइल का इस्तेमाल फिर से आम हो जाता है।

सांकेतिक फोटो
पटनाःबिहार की जेलों में बंद अपराधियों के बाहर होने वाले अपराधों में शामिल होने की बातें सामने आती रहती हैं। अपराधी अक्सर फोन या अन्य माध्यमों से संपर्क करके अपराधों की योजना बनाते हैं, अपने गुर्गों को निर्देश देते हैं, या यहां तक कि अपराधों को अंजाम देने के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान कराते हैं। कुख्यात अपराधी मोबाइल का इस्तेमाल करके लोगों को धमकियां देते हैं, रंगदारी वसूलते और मारपीट, जानलेवा हमला, हत्या या फिर फायरिंग जैसी वारदात करवाते हैं। दरअसल, जेल प्रशासन की लापरवाही के कारण जेल में कैदियों तक मोबाइल आसानी से पहुंच जाते हैं। जेल में मोबाइल मिलने पर पुलिस की ओर से की जाने वाली कार्रवाई भी महज खानापूर्ति सिद्ध होती है। कुछ दिनों की सख्ती के बाद जेल में मोबाइल का इस्तेमाल फिर से आम हो जाता है।
प्रदेश में कोई आपराधिक घटना होने पर जब उसके तार जेल से जुड़ते हैं तो पुलिस औचक निरीक्षण के नाम पर सर्च करती है। लेकिन सर्च में पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगता है। ऐसे में सवाल उठता है कि सर्च की सूचना लीक हो जाती है या फिर जेल प्रशासन की खामियों को दबाने के लिए खानापूर्ति की जाती है। जबकि जेल में कैदियों के हाथ में मोबाइल के मामले लगातार सामने आते रहे हैं।
पिछले दिनों पटना के बेऊर जेल में कुख्यात अपराधी रवि गोप के बेड पर चार स्मार्टफोन और दो चार्जर मिले। जेल प्रशासन ने छापेमारी कर ये बरामदगी की। यह पहला मामला नहीं है जब जेल में मोबाइल व हथियार होने की पुष्टि हुई है। इससे पहले भी माफियाओं के पास जेल में फोन, गांजा आदि नशीले पदार्थ बरामद किए जाते रहे हैं।
ये घटना जेल में सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है। रवि गोप पर कई मामलों में प्राथमिकी दर्ज हैं। इस मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की गई है। इसके पहले पटना के पास ही मसौढ़ी जेल में कैदियों के द्वारा शराब पार्टी करने का वीडियो वायरल हुआ था। अभी हाल ही में पटना में हुए बड़े कारोबारी गोपाल खेमका हत्याकांड में बेउर जेल में बंद कुख्यात अजय वर्मा की संलिप्तता की जांच पुलिस कर रही है।
उल्लेखनीय है कि बिहार में जेल के अंदर और बाहर की सुरक्षा को लेकर सवाल उठते रहे हैं। खासकर जेल के अंदर से अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने में जेल प्रशासन नाकाम रहा है। आये दिन जेल के अंदर हथियारों की बरामदगी और जेल के अंदर से मोबाइल पर बातचीत जैसी सूचनाएं आती रहती हैं।
बिहार की मौजूदा जेलों से अपराधियों की हरकतों से परेशान होकर सरकार ने हाई सिक्योरिटी जेल बनाने क निर्णय लिया है। जिसमें अपराधियों को किसी प्रकार की अवैध गतिविधियों की छूट नहीं होगी। ऐसी जेल की कल्पना से ही अपराधियों की रूह कांप जायेगी। इस जेल में पुलिस ऐसा बंदोबस्त करेगी कि जेल में बंद अपराधी से जो भी मिलने आए, उसका पूरा रिकॉर्ड रखा जाये।
उसकी पहचान सुनिश्चित हो और जिस बंदी से उसकी मुलाकात होगी, उसका पूरा वीडियो रिकार्डिंग होगा। य़ानि दोनों में जो भी बातचीत होगी, उसकी रिकार्डिंग पुलिस के पास रहेगी। इस संबंध में बिहार पुलिस के एडीजी(मुख्यालय) कुंदन कृष्णन ने कहा कि ऐसे कई आपराधिक मामले सामने आये हैं, जिसमें बिहार की जेल में बंद अपराधियों की संलिप्तता रही है।
जेल में बंद अपराधी किसी न किसी तरह बाहर मौजूद अपने गिरोह के लोगों से संपर्क साध लेते हैं और फिर आपराधिक वारदातों को अंजाम देते हैं। कुंदन कृष्णन ने कहा कि ये समस्या सिर्फ बिहार की नहीं है, बल्कि दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद कुख्यात लॉरेंस विश्नोई के भी मामले सामने आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि आपराधिक मामलों पर रोकथाम के लिए जेल में बंद अपराधियों पर भी लगाम लगाना जरूरी है।
ऐसे में बिहार पुलिस औऱ राज्य सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। कुंदन कृष्णन ने कहा कि अपराधी गिरोह के सरगनाओं और कुख्यात अपराधियों पर लगाम कसने के लिए बिहार में एक हाई सिक्योरिटी जेल बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। बिहार पुलिस हाई सिक्योरिटी जेल बनाने का प्रस्ताव जल्द ही सरकार के गृह विभाग को सौंपने जा रही है।
उम्मीद है कि सरकार से इसकी मंजूरी भी मिल जायेगी। उन्होंने बताया कि ये जेल बिहार के किसी वीरान जगह पर बनाई जायेगी। सरकार ये सुनिश्चित करेगी कि इस जेल में किसी कंपनी के मोबाइल नेटवर्क की पहुंच नहीं हो। यानि कोई मोबाइल काम ही नहीं करेगा। इस जेल के पास आवागमन की कोई सुविधा नहीं होगी। यानी उस इलाके में गाड़ी के आने-जाने की सुविधा नहीं होगी। लिहाजा अगर अपराधी वहां से भागना भी चाहे तो भाग नहीं पाये। कुंदन कृष्णन ने बताया कि बिहार की सभी जेल में अब अपराध के वर्गीकरण के आधार पर बंदियों को अलग-अलग वार्ड सेल में रखा जाएगा। जेल में प्रवेश करने के दौरान ही उनकी कुंडली खंगाली जाएगी। फिर संपूर्ण विवरण मिलने के बाद ही उसे किस वार्ड या सेल में रखना है।
बता दें कि बिहार में पिछले 15 दिनों में 60 से अधिक हत्या की घटनाएं हुई है। पिछले 48 घंटों में नौ लोगों की हत्या हुई। दो लोगों पर हत्या के इरादे से फायरिंग हुई। पटना में गुरुवार को दो हत्या की घटनाएं हुईं। इसमें एक पारस अस्पताल में घुसकर दिनदहाड़े चंदन मिश्रा को छह अपराधियों ने आईसीयू में गोलियों से भून डाला।
वहीं, बिहार की पुलिस का एक ही रटा-रटाया जवाब है, जांच हो रही है, अपराधियों को छोड़ा नहीं जाएगा। हालांकि राजधानी पटना के पारस अस्पताल में दिनदहाड़े कुख्यात अपराधी चंदन मिश्रा को घुसकर गोली मारे जाने के मामले में शुटरों पर पहचान के बाद धरपकड़ तेज हो गई है। मुख्य शूटर तौसीफ बादशाह को गिरफ्तार कर लिया गया है।
अन्य शूटरों की पहचान आकिब मालिक, सोनू, कालू उर्फ मुस्तकीम और भिंडी उर्फ बलवंत सिंह के रूप में हुई है। इनमें कुछ फुलवारी शरीफ तो कुछ बक्सर के रहने वाले हैं। चंदन भी बक्सर का ही रहने वाला था। तौसीफ ने पटना के प्रतिष्ठित स्कूल सेंट कैरेंस से पढ़ाई की। इस स्कूल में पढ़ाई करने के बाद वो अपराध की दुनिया से जुड़ गया।
तौसीफ के पिता हार्डवेयर शॉप चलाते हैं और उसकी मां एक स्कूल में शिक्षिका हैं। तौसीफ सोशल मीडिया पर रील्स अपलोड करता है। उसका शौक सोशल मीडिया पर रील्स बनाना है और क्रिमिनल छवि को ग्लैमराइज करना है। तौसीफ क एक्स हैंडल तौसीफ बादशाह 1 है, जिस पर उसने कई पोस्ट किए हैं।
तौसीफ का अंतिम पोस्ट 30 जून 2025 को किया गया है, जिसमें उसने लिखा है कि लोग बातें बनाते रह जाएंगे और हम कहानी बना कर छोड़ जाएंगे!! इसके पहले 22 जून के तौसीफ ने एक पोस्ट कर लिखा है कि, मिलकर बैठे हैं जुगनू सारे, मुद्दा ये है कि ये सूरज को कैसे हटाया जाए। पुलिस के हत्थे चढ़े मुख्य शूटर तौसीफ बादशाह पारस अस्पताल के अंदरूनी व्यवस्था और रास्तों से वाकिफ था।
दरअसल, उसके एक करीबी का इलाज लंबे समय तक इसी अस्पताल में हुआ था। इस दौरान उसका यहां आना-जाना हो रहा था। इसी क्रम में उसने अस्पताल के अंदर की सारी जानकारी जुटा ली थी। इसी का फायदा उठाकर हत्याकांड की योजना बनाई गई और वारदात को अंजाम दिया गया। चंदन मिश्रा हत्या के एक मामले में बेउर जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा था।
15 दिनों के पैरोल पर बाहर आया था। एडीजी(मुख्यालय) कुंदन कृष्णन ने दावा किया है कि पारस हॉस्पिटल में हुई चंदन मिश्रा की हत्या कुख्यात अपराधी शेरू सिंह ने करवाई है। उनके मुताबिक, शेरू सिंह के गुर्गों ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया है और पुलिस ने हत्या में शामिल सभी अपराधियों की पहचान कर ली है।
उन्होंने आश्वासन दिया है कि सभी अपराधी बहुत जल्द पुलिस की गिरफ्त में होंगे। कुंदन कृष्णन ने यह भी बताया कि जिन लोगों ने इन शूटरों को हथियार, गाड़ी और अन्य संसाधन उपलब्ध कराए थे, उनकी भी पहचान कर ली गई है और उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। चंदन मिश्रा हत्याकांड के बाद सामने आ रहे सीसीटीवी फूटेज चौकाने वाले हैं।
हत्या के कुछ ही देर बाद पारस हॉस्पिटल के सीसीटीवी में दिखा था कि कैसे अपराधी बेखौफ होकर चंदन के वार्ड में दाखिल हुए थे और वारदात के बाद आराम से निकले। वहीं, एक और सीसीटीवी सामने आया है, जिसमें अपराधी कांड को अंजाम देने के बाद बाइक से भागते नजर आ रहे हैं। इस दौरान वे हाथ में पिस्टल लहराते हुए जश्न मना रहे हैं। इससे साबित होता है कि इन बदमाशों को पुलिस और कानून का जरा भी डर नहीं है।