नोएडा: 13 घंटे एंबुलेंस में कराहती 8 महीने की गर्भवती महिला, मौत, बेरहम अस्पताल चक्कर कटवाते रहे...

By अजीत कुमार सिंह | Updated: June 6, 2020 17:16 IST2020-06-06T17:16:51+5:302020-06-06T17:16:51+5:30

नोएडा में 8 महीने की गर्भवती महिला की इलाज के आभाव में मौत. पत्नी को लेकर पति बिजेंद्र सिंह अस्पतालों के चक्कर लगाता रहा लेकिन कोई भी अस्पताल गर्भवती महिला को एडमिट करने के लिए तैयार नहीं हुआ. इसी बीच दर्द से कराहती उसकी पत्नी ने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया.

Man says his 8-month old pregnant wife died in an ambulance after she was referred to multiple hospitals and denied admission. | नोएडा: 13 घंटे एंबुलेंस में कराहती 8 महीने की गर्भवती महिला, मौत, बेरहम अस्पताल चक्कर कटवाते रहे...

नोएडा: 13 घंटे एंबुलेंस में कराहती 8 महीने की गर्भवती महिला, मौत, बेरहम अस्पताल चक्कर कटवाते रहे...

Highlightsगौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी ने गर्भवती महिला की मौत के मामले में जांच के आदेश दे दिए है. मामले की जांच अपर जिलाधिकारी वित एवं राजस्व मुनींद्र उपाध्याय और सीएमओ डॉ दीपक करेंगे.

नोएडा: कोरोना वायरस से जंग के बीच नोएडा में अस्पतालों की लापरवाही ने एक गर्भवती महिला की जान ले ली. 8 महीने की गर्भवती पत्नी को लेकर पति बिजेंद्र सिंह अस्पतालों के चक्कर लगाता रहा लेकिन कोई भी अस्पताल गर्भवती महिला को एडमिट करने के लिए तैयार नहीं हुआ.

इसी बीच दर्द से कराहती उसकी पत्नी ने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार महिला के पति का कहना है "अस्पताल हमें एक जगह से दूसरे जगह रेफर करते रहे लेकिन मेरी पत्नी को भर्ती नहीं किया." अब गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी कह रहे हैं कि जिले के सभी अस्पतालों को इमरजेंसी केस को एडमिट करने के निर्देश दिए गये थे. हम मामले की जांच करेंगे. 

13 घंटे तक तड़पती रही गर्भवती महिला 

नोएडा से सटे गाज़ियाबाद के खोड़ा की रहने वाली 30 साल की नीलम 8 महीने की गर्भवती थी. बीते शुक्रवार को जब नीलम को सांस लेने में दिक्कत महसूस होने लगी तो उन्हें घरवाले अस्पताल में भर्ती कराने के लिए निकले. परिवार का कहना है कि 12 घंटे से ज्यादा वक्त तक किसी अस्पताल ने उन्हें एडमिट नहीं किया. 

अस्पताल करते रहे रेफर

मृतक महिला के परिवार ने बताया कि 6 अस्पतालों ने भर्ती करने इन्कार कर दिया. परिवार का कहना है कि नोएडा के ईएसआई, शारदा, जिम्स, वैशाली मैक्स फोर्टिस, और शिवालिक अस्पताल में नीलम को लेकर गये. 

बेड खाली नहीं होने का बहाना!

मृतक महिला के ससुराल वालों का कहना है कि सबसे पहले वो लोग नीलम को ईएसआई अस्पताल लेकर गए. उसके बाद सेक्टर 30 के अम्बेडकर अस्पताल और फिर वहां से प्राइवेट  अस्पताल शिवालिक लेकर गए. इसके बाद परिवार वाले Gims,फोर्टिस, और फिर वैशाली के मैक्स लेकर गये. लेकिन सभी अस्पतालों ने बेड खाली नहीं होने का हवाला देकर एडमिट करने से मना कर दिया. 

परिवार का कहना है कि इनमें से किसी अस्पताल ने नीलम को एडमिट नहीं किया. उस वक्त नीलम की हालत खराब हो रही थी और उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी लेकिन कोरोना वायरस के कारण किसी अस्पताल ने नीलम को भर्ती नहीं किया. 12 घंटे से ज्यादा वक्त तक नीलम को इलाज के तरसती रही और एंबुलेंस में ही उसकी सांसे थम गईं और नीलम के गर्भ में पल रहे बच्चे की भी मौत हो गई. 


मामले की जांच के लिए टीम गठित
गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी ने गर्भवती महिला की मौत के मामले में जांच के आदेश दे दिए है. पूरे मामले की जांच अपर जिलाधिकारी वित एवं राजस्व मुनींद्र उपाध्याय और सीएमओ डॉ दीपक करेंगे. CMO दीपक अहोरी ने कहा कि मामले के दोषियों के उपर कार्रवाई की जायेगी और कोशिश की जाएगी की आगे ऐसी घटना ना घटे.

Web Title: Man says his 8-month old pregnant wife died in an ambulance after she was referred to multiple hospitals and denied admission.

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