सोती हुई बेटी को बनाता था हवस का शिकार, आरोप सिद्ध न होने पर पिता बरी

By भाषा | Updated: March 1, 2020 14:46 IST2020-03-01T14:46:59+5:302020-03-01T14:46:59+5:30

अभियोजन ने आरोप लगाया कि आरोपी पीड़िता का आए दिन तब यौन शोषण करता था जब वह सो रही होती थी। पीड़िता 25 दिसंबर 2017 को अपने दोस्तों के साथ बाहर गई थी। बाद में वह घर लौटी और खाना खाया। जब वह सोने गई तो उसके पिता ने फिर से उसका यौन शोषण किया। उस समय 17 साल की पीड़िता 12वीं की छात्रा थी।

Maharashtra: Father acquitted from court who allegedly raped his minor daughter many times | सोती हुई बेटी को बनाता था हवस का शिकार, आरोप सिद्ध न होने पर पिता बरी

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

Highlightsमहाराष्ट्र में ठाणे की एक अदालत ने 2017 में अपनी नाबालिग बेटी का यौन शोषण करने के आरोपी 51 वर्षीय शख्स को बरी कर दिया है। जिला न्यायाधीश के. डी. शिरभाटे ने शुक्रवार को अपने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ आरोपों को साबित करने में बुरी तरह विफल रहा इसलिए उसे बरी करने की जरूरत है।

महाराष्ट्र में ठाणे की एक अदालत ने 2017 में अपनी नाबालिग बेटी का यौन शोषण करने के आरोपी 51 वर्षीय शख्स को बरी कर दिया है। जिला न्यायाधीश के. डी. शिरभाटे ने शुक्रवार को अपने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ आरोपों को साबित करने में बुरी तरह विफल रहा इसलिए उसे बरी करने की जरूरत है।

आरोपी पर आईपीसी की धारा 354, 504, 506, 100 (3) और बाल यौन अपराध संरक्षण (पॉक्सो) कानून की धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि पीड़िता बच्ची थी जब उसके माता-पिता अलग हो गए थे और वह ठाणे शहर के पंचपखाड़ी इलाके में अपने पिता के साथ रहती थी।

अभियोजन ने आरोप लगाया कि आरोपी पीड़िता का आए दिन तब यौन शोषण करता था जब वह सो रही होती थी। पीड़िता 25 दिसंबर 2017 को अपने दोस्तों के साथ बाहर गई थी। बाद में वह घर लौटी और खाना खाया। जब वह सोने गई तो उसके पिता ने फिर से उसका यौन शोषण किया। उस समय 17 साल की पीड़िता 12वीं की छात्रा थी।

अभियोजन ने बताया कि पीड़िता अचानक उठ गई और उसने अपने पिता को हाथ में चाकू लिए देखा और वह उसके साथ यौन संबंध बनाने की बात कह रहा था। जब उसने विरोध किया तो आरोपी ने चाकू से उस पर हमला करने की कोशिश की और इस दौरान दोनों को हाथ में चोटें आयीं।

अभियोजन ने बताया कि पीड़िता घर से बाहर भागी और एक पड़ोसी को घटना के बारे में बताया जिसने आरोपी को पकड़ लिया और उसे पुलिस को सौंप दिया।

बचाव पक्ष के वकील ने दलील दी कि आरोपी को झूठा फंसाया गया है और शिकायत में कोई सच्चाई नहीं है। न्यायाधीश ने बचाव पक्ष की दलीलें मान ली और आरोपी को यह कहते हुए बरी कर दिया कि अभियोजन उसके खिलाफ आरोपों को साबित करने में नाकाम रहा।

Web Title: Maharashtra: Father acquitted from court who allegedly raped his minor daughter many times

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