कानपुर में लैब असिस्टेंट किडनैप, 30 लाख फिरौती के बाद हत्या, परिवार वालों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
By पल्लवी कुमारी | Updated: July 24, 2020 10:18 IST2020-07-24T10:18:24+5:302020-07-24T10:18:24+5:30
Kanpur Man Sanjeev Yadav Murder Kidnapping: कानपुर शूटआउट में पुलिस के भेदिए ने ही गैंगस्टर विकास दुबे को छापेमारी की जानकारी दी थी। जिसके बाद कानपुर पुलिस पर कई तरह के सवाल उठे थे। इसके बाद 28 वर्षीय संजीव यादव के किडनैपिंग और हत्या के मामले में फिर से कानपुर पुलिस पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं।

लैब असिस्टेंट 28 वर्षीय संजीत यादव, जिसकी किडनैपिंग के बाद हत्या की गई है। ( Sanjeet Yadav was kidnapped)
कानपुर: उत्तर प्रदेश की कानपुर पुलिस एक बार फिर विवादों में है। 28 वर्षीय संजीव यादव (Sanjeet Yadav) का 22 जून को किडनैपिंग हुआ था, जिसके बाद अब उसकी हत्या की खबर आई है। परिजनों ने इस दौरान किडनैप करने वालों को 30 लाख की फिरौती भी दी थी। संजीव यादव की हत्या के बाद परिवार वालों ने कानपुर पुलिस पर आरोप लगाया है कि अगर उन्होंने मामले को गंभीरता से लिया होता तो आज संजीव यादव की हत्या नहीं हुई होती। संजीव यादव पेशे से एक लैब असिस्टेंट था।
परिवार वालाों का आरोप- पुलिस के कहने पर किडनैपर्स को दी 30 लाख की फिरौती
संजीव यादव ने कानपुर में एक निजी लैब में टकनीशियन के रूप में काम करते थे। उसका पिछले महीने 22 जून को अपहरण कर लिया गया था। पिछले हफ्ते, उनके परिवार द्वारा कानपुर पुलिस प्रमुख (कानपुर SSP) दिनेश कुमार के कार्यालय के बाहर दो घंटे के धरने के बाद जांच का आदेश दिया गया था। परिवार वालों का आरोप था कि उन्हें पुलिस की एक टीम ने अपहरणकर्ताओं को 30 लाख रुपये फिरौती देने के लिए कहा था। परिवार वालों ने कहा कि उन्होंने 13 जुलाई को 30 लाख रुपये नकदी सौंप दी। लेकिन इसके बाद पुलिस ने गुरुवार (23 जुलाई) को कहा है कि संजीव यादव की हत्या हो गई है।
अभी तक लैब असिस्टेंट संजीव यादव का नहीं मिला है शव
गुरुवार (23 जुलाई) की रात पुलिस ने कुछ युवकों को पकड़ा है। उसके बाद लैब असिस्टेंट संजीव यादव की हत्या का खुलासा हुआ। पुलिस ने गुरुवार को कहा कि अपहरण और हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए कुछ लोग संजीव के 'दोस्त' और 'पूर्व सहयोगी' हैं।
हालांकि, संजीव यादव का शव अभी भी बरामद नहीं हुआ है। जब पुलिस वालों ने 28 वर्षीय संजीव यादव की हत्या की खबर उनके परिवार वालों को दी तो परिवार वालों ने पुलिस पर ही हत्या का आरोप लगाया। परिवार वालों का कहना है कि पुलिस की लापरवाही संजीव यादव के हत्या के लिए जिम्मेदार है।
मामले में एक स्टेशन हाउस अफसर को निलंबित कर दिया गया है। हालांकि पुलिस ने कहा है कि अपहरणकर्ताओं को कोई पैसा नहीं दिया गया था। वहीं परिवार ने बाद में कहा कि उन पर यह कहने के लिए "दबाव" डाला गया था कि "उनसे कोई पैसा नहीं लिया गया था"।
Relatives of the victim (Sanjeev Yadav) are claiming that they have given the ransom amount of Rs 30 lakh to the kidnappers. As per the investigation till now,we found that no ransom amount has been given,still we are probing the case from all angles:Mohit Agarwal,IG Kanpur Range pic.twitter.com/TAPxkPEDmf
— ANI UP (@ANINewsUP) July 24, 2020
30 लाख रुपये की फिरौती की रकम देने पर कानपुर IG मोहित अग्रवाल ने कहा, अभी तक की जांच के अनुसार कोई पैसा नहीं दिया गया है। लेकिन क्योंकि परिवार वाले पैसा देने का आरोप लगा रहे हैं इसलिए जांच होगी। अगर पैसा दिया गया है तो वो इनसे बरामद किया जाएगा।
जानिए कानपुर के SSP ने पुरे मामले पर क्या कहा?
कानुपर के एसएसपी (SSP) दिनेश कुमार पी ने कहा, "23 जून को, संजीव यादव के परिवार द्वारा एक गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई गई थी। 26 जून को इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई। तीन दिन बाद, परिवार को फिरौती के लिए फोन कॉल आई। क्राइम ब्रांच की एक विशेष टीम और अन्य अधिकारी मामले को देख रहे थे। कुछ लोगों को गुरुवार (23 जुलाई) को गिरफ्तार किया गया था, वे संजीव के दोस्त थे और पहले उनके साथ काम कर चुके स्टाफ हैं। संदेह है कि उन्होंने 26 या 27 जून 2020 को उनकी हत्या कर दी है।''
कानपुर IG मोहित अग्रवाल ने कहा, 22जून को संजीव यादव का अपहरण किया गया था। कल पुलिस ने मामले में 5अभियुक्तों को गिरफ्तार किया, इसका मास्टर माइंड ज्ञानेंद्र यादव है। 26जून की रात को जब संजीव ने भागने की कोशिश की तो इन्होंने उसे मारने का फैसला किया और 27 जून की सुबह गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।
उसके बाद शव को नहर में फेंक दिया। हत्या के बाद 29जून को इन लोगों ने संजीव के परिजनों से फिरौती की मांग की, पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार करने की कोशिश की। लेकिन किसी कारण से ऑपरेशन फेल हो गया,इसमें लापरवाही के लिए बर्रा के SHO को निलंबित किया गया:मोहित अग्रवाल, IG कानपुर https://t.co/EUAXqnHCAT
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 24, 2020
उसके बाद शव को नहर में फेंक दिया गया। हत्या के बाद 29 जून को इन लोगों ने संजीव के परिजनों से फिरौती की मांग की, पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार करने की कोशिश की। लेकिन किसी कारण से ऑपरेशन फेल हो गया, इसमें लापरवाही के लिए बर्रा के SHO को निलंबित किया गया है।

