नई दिल्ली, 12 अप्रैल। कठुआ गैंगरेप मामले में केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा है कि, इंसान और जानवार में फर्क होना चाहिए और है भी। लेकिन कठुआ में 8 साल की बच्ची के साथ जो हुआ उससे यही लगता है इंसान होना एक गाली है। जानवर कहीं अच्छ हैं। ऐसा शायद ही कोई होगा जो इस हृदयविदारक कुकृत्य की जघन्यता से भावुक न हुआ हो। लेकिन यह मैं भावनाओं को अलग रख कर कहना चाहता हूं कि अपराधियों को ऐसा दण्ड मिलना चाहिए कि उनका उदाहण हमें पीढ़ी दर पीढ़ी याद रहे।
इसके बाद उन्होंने कहा कि, एक और चीज। जो लोग अपराधियों को धर्म की आड़ में शरण देना चाहते हैं, उन्हें यह पता होना चाहिए कि वे भी अपराधियों की ही शरण में गिने जाएंगे। आपका समर्थन यह दर्शाता है कि समय आने पर आप भी ऐसे कुकृत्य करने में सक्षम हैं। निर्णय लें कि आप किनके प्रतिनिधि बनना चाहते हैं।
इसके बाद वीके सिंह ने कहा, कृपया अपने धर्म और देश के नाम पर ऐसा कलंक न पोतें जिसके हम न चाहते हुए भी भागीदार बनें। अरे दो मिनट उस परिवार को सोचो जिसकी 8 साल की बेटी उनसे इस नृशंसता के साथ छीन ली गई। कम से कम मैं चाहूंगा कि कानून अपना काम करे, और दोषियों को उपयुक्त सबक सिखाए।
बता दें कि हाल ही में सामने आई चार्जशीट में कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं। पुलिस चार्जशीट के मुताबिक गांव के ही एक मंदिर में बच्ची के साथ छह लोगों ने मिलकर गैंगरेप किया। पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने बच्ची की हत्या करने से ठीक पहले भी उसके साथ दोबारा रेप किया था।