झारखंड: जमशेदपुर में दरिंदों ने विक्षिप्त महिलाओं को बनाया हवस का शिकार, 85 विक्षिप्त गर्भवती
By एस पी सिन्हा | Updated: October 1, 2019 19:32 IST2019-10-01T19:32:56+5:302019-10-01T19:32:56+5:30
सर्वे में यह पाया गया है कि जो विक्षिप्त महिलाएं मां बनने वाली हैं, उनका कोई ठिकाना नहीं है. वह कभी बाजार तो कभी बंद क्वार्टर में तो कभी स्टेशन पर भटकती रहती हैं और ठिकाना बनाती है.

झारखंड: जमशेदपुर में दरिंदों ने विक्षिप्त महिलाओं को बनाया हवस का शिकार, 85 विक्षिप्त गर्भवती
झारखंड में लौहनगरी के नाम से प्रसिद्ध जमशेदपुर शहर से एक दिल दहलादेने वाली खबर सामने आई है, जिसमें विक्षिप्त महिलाएं भी दरिंदों के हवस की शिकार होने से नही बच सकी हैं. नशा करने वाले बच्चों तथा बाल मजदूरी पर सर्वे करने वाली संस्था बाल मजदूर मुक्ति सेवा संस्थान ने छह माह के सर्वे के बाद यह पाया है कि 85 विक्षिप्त महिलाएं गर्भवती हैं और मां बनने वाली है.
सर्वे में यह पाया गया है कि जो विक्षिप्त महिलाएं मां बनने वाली हैं, उनका कोई ठिकाना नहीं है. वह कभी बाजार तो कभी बंद क्वार्टर में तो कभी स्टेशन पर भटकती रहती हैं और ठिकाना बनाती है. सबसे अधिक विक्षिप्त गर्भवती स्टेशन एवं आसपास के क्षेत्र में पाई गई है. अगर यह खुलासा सही है तो सवाल यह उठता है कि इधर-उधर भटकने वाली विक्षिप्त महिलाएं कैसे गर्भवती हुई? इनके साथ दुष्कर्म किया गया है या कोई गिरोह काम कर रहा है जो विक्षिप्त महिला को मां बना कर इनके बच्चों को बेचने में लगा है. छह माह तक किये गये सर्वे में शहर के क्षेत्रों में भटकने वाली 85 विक्षिप्त गर्भवती महिलाएं चिह्नित की गई है. ऐस एमें यह आशंका व्यकत किया जा रहा है कि विक्षिप्त महिलाओं को मां बनाकर नवजात को बेचने का धंधा करने वाला गिरोह शहर में सक्रिय है.
बाल मजदूर मुक्ति सेवा संस्थान के मुख्य संयोजक सदन कुमार ठाकुर ने कहा कि संस्था का उद्देश्य समाज की कुरीतियों को उजागर करना है. ऐसे में यह पाया गया है कि जमशेदपुर में विक्षिप्त के साथ दुष्कर्म हो रहा है और उसकी आड़ में नवजात को बेचने वाला गिरोह भी सक्रिये है.
उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण के दौरान थानावार विक्षिप्त गर्भवती का आंकडा कुछ इस प्रकार है. मानगो में 5 विक्षिप्त महिलाएं गर्भवती पाई गई हैं. उसी प्रकार आजादनगर में 5, एमजीएम में 3, उलीडीह में 3, सीतारामडेरा में 6, सीतारामडेरा में 1, बिरसानगर में 3, टेल्को में 4, गोविंदपुर में 2, साकची में 8, बिष्टुपुर में 10, जुगसलाई में 7, बागबेडा (स्टेशन समेत) में 14, बर्मामाइंस में 3, परसुडीह में 3, सुंदरनगर में 2, सोनारी में 2, कदमा में 2, और गोलमुरी में 2 विक्षिप्त महिलाएं गर्भवती पाई गई हैं. ऐसे में सबसे बड़ी बात यह सामने आई है कि अब इनके बच्चों का लालन-पालन कैसे होगा? अगर नही तो बच्चा बेचने वाला गिरोह इनके भी बच्चों को बेच डालेंगे. अब संस्था इस बात पर मंथन कर रहा है कि आखिर इन्हें बचाने का क्या उपाय हो सकता है? वैसे सरकारी स्तर पर संभाव प्रतित नही होता है.