झारखंडः आईएएस पूजा सिंघल जेल भेजी गई, हेमंत सरकार ने किया निलंबित, ईडी ने लिया रिमांड पर
By एस पी सिन्हा | Published: May 12, 2022 03:40 PM2022-05-12T15:40:13+5:302022-05-12T15:42:26+5:30
झारखंड की खान सचिव पूजा सिंघल को प्रवर्तन निदेशालय ने करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के मामले में तीन दिनों की लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर विशेष अदालत में पेश किया, जिसने चौदह दिनों की न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया है.
रांचीः भ्रष्टाचार के आरोप में ईडी के द्वारा गिरफ्तार की गई आईएएस अधिकारी और झारखंड की खान एवं उद्योग विभाग की सचिव पूजा सिंघल को सरकार ने आज तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. इस संदर्भ में कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास पूजा सिंघल के निलंबन की फाइल पहुंची थी. इसके बाद इन्हें निलंबित कर दिया गया. कहा जा रहा है कि पूजा को पद से बर्खास्त भी किया जा सकता है. मात्र 21 साल 7 दिन में सबसे कम उम्र में आईएएस अधिकारी बनने वाली पूजा का 22 सालों का करियर काफी विवादों में रहा है.
उन पर कई बार घोटाले के आरोप लग चुके हैं. लेकिन ईडी के द्वारा गिरफ्तार की जानेवाली वह झारखंड की पहली आईएएस अधिकारी हैं. आइएएस पूजा सिंघल से पांच दिनों तक ईडी पूछताछ करेगी. अदालत ने ईडी को रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की अनुमति प्रदान कर दी है. महिला आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने उनके पति अभिषेक झा को भी गिरफ्तार किया है.
ईडी ने पूजा से पूछताछ के लिए अदालत से 12 दिनों की अनुमति मांगी थी, परंतु पांच दिनों की ही स्वीकृति मिली. इसी क्रम में आज सुबह 11 बजकर 10 मिनट पर ईडी के अधिकारी उन्हें रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से लेकर ईडी कार्यालय के लिए चले. सुबह करीब 11 बजकर 40 मिनट पर पूजा सिंघल को लेकर अधिकारी ईडी कार्यालय पहुंचे.
यहां ईडी कार्यालय में डाक्टरों की टीम ने उनके स्वास्थ्य की जांच की और इसके बाद उनसे पूछताछ शुरू हुई. गिरफ्तारी की वजह उनके द्वारा आईसीआईसीआई बैंक के खाते में जमा नकद करीब एक करोड रुपये की राशि का हिसाब देने में असमर्थ होना है. गिरफ्तारी के बाद उन्हें ईडी के विशेष जज पीके शर्मा के समक्ष बुधवार की देर शाम पेश किया गया था.
पूजा सिंघल से अब ईडी कार्यालय में पांच दिनों तक पूछताछ होगी. इस अवधि में उनकी चार रातें भी अब ईडी के कार्यालय में, ईडी की हिरासत में गुजरेंगी. वे अब घर नहीं जा पाएंगी, क्योंकि रिमांड अवधि के समापन के बाद उन्हें पुन: बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार में भेज दिया जाएगा. इस बीच ईडी की कार्रवाई के मद्देनजर केंद्र ने मामले में पूरी रिपोर्ट मांगी है.
यहां उल्लेखनीय है कि कम उम्र में यह मुकाम पाने के बाद पूजा सिंघल का नाम 'लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' में भी दर्ज किया गया था. वैसे तो पूजा कई बार सुर्खियों में रहीं, लेकिन पहली बार वो तब चर्चा में आईं जब वे चतरा में बतौर उपायुक्त तैनात थीं. तब उनकी मोबाइल से वरीय अधिकारियों को कई हैरानी भरे मैसेज भेजे गए थे.
अगले दिन उन्होंने जहर खा लिया और फिर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. बाद में मीडिया में इसको लेकर तरह-तरह की बातें हुईं लेकिन बाद में मामला शांत हो गया. सूत्रों के अनुसार पूजा सिंघल जहां भी रहीं, चर्चा में रहीं. जिला से लेकर राज्य स्तर पर कई महत्वपूर्ण पदों पर रहने हुए जिम्मेदारी निभाई. यही कारण है कि सूबे के प्रत्येक सरकार में वह महत्वपूर्ण पद पर रहीं.
बता दें कि झारखंड कैडर की ये पांचवीं आईएएस अधिकारी हैं, जिन्हें जेल की हवा खानी पड़ी है. इनसे पहले चार आईएएस अधिकारी अलग-अलग मामलों में जेल जा चुके हैं. बताया जता है कि पशुपालन घोटाला मामले में सजल चक्रवर्ती को जेल की सजा हुई थी. अशोक कुमार सिंह को बिहार के एक मामले में जेल जाना पड़ा था. हालांकि, वह केस से बरी हो गये थे.
बाद में दोनों अधिकारी झारखंड में मुख्य सचिव के पद पर रहे. इसके अलावा डॉ. प्रदीप कुमार और सियाराम प्रसाद झारखंड में हुए दवा घोटाला मामले में जेल गये थे. यहां स्वास्थ्य विभाग में घोटाला हुआ था. तब विभाग के सचिव डॉ. प्रदीप कुमार थे. उस समय भारी गड़बड़ी हुई थी. इस मामले में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. इसी तरह का घोटाला सचिव सियाराम प्रसाद के कार्यकाल में भी हुआ था.