जम्मू-कश्मीर सेक्स स्कैण्डल: पूर्व डीएसपी और पूर्व डीआईजी समेत 5 को 10 साल की कैद
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: June 6, 2018 16:47 IST2018-06-06T16:14:42+5:302018-06-06T16:47:07+5:30
जम्मू-कश्मीर पुलिस के पूर्व डीएसपी मोहम्मद अशरफ मीर और बीएसएप के पूर्व डीआईजी केसी पाधी पर अदालत ने एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

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सीबीआई की विशेष अदालत ने बुधवार (छह जून) को जम्मू-कश्मीर के नाबालिग लड़कियों के रेप मामले में पाँच लोगों को 10 साल जेल की सजा सुनायी है। 30 मई को अदालत ने इन पाँचों को दोषी पाया था। सजा पाने वालों में पूर्व पुलिस डीएसपी और पूर्व बीएसएफ डीआईजी शामिल हैं। इन सभी को अदालत ने बलात्कार का दोषी पाया है। सीबीआई अदालत ने साल 2006 के इस मामले में कारोबारी मेहराजुद्दीन मलिक और तत्कालीन एडवोकेट जनरल(जम्मू-कश्मीर) अनिल सेठ को सभी आरोपों से बरी कर दिया है। मीडिया में इस मामले को जम्मू-कश्मीर सेक्स काण्ड के नाम से उछाला जाता रहा है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के पूर्व डीएसपी मोहम्मद अशरफ मीर और बीएसएप के पूर्व डीआईजी केसी पाधी पर अदालत ने एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इन दोनों के अलावा तीन दोषियों शब्बीर अहम लावे, शब्बीर अहमद लंगू और मसूद अहम पर सीबीआई अदालत ने 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
अप्रैल 2006 में ये मामला तब सामने आया था जब पुलिस को दो नाबालिग लड़कियों की सीडी मिली थी जिसमें दोनों का यौन उत्पीड़न की घटना दर्ज थी। पीड़ित लड़कियों से पूछताछ के बाद पुलिस को सेक्स रैकेट चलाने वाली सबीना का पता चला था। मामले की सुनवाई के दौरान ही सबीना का देहांत हो गया।
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पुलिस के आरोपपत्र के अनुसार एक पीड़िता ने आरोप लगाया था कि वो सबीना के पास आर्थिक मदद माँगने गयी थी। सबीना उसे एक आरोपी के पास ले गयी और उसने उसे एक नशीला ड्रिंक पीने को दिया जिसके बाद उसके संग सेक्स किया गया। पीड़िता के अनुसार उसे सेक्स के बदले 500 रुपये दिए गये थे। मामले में पुलिस ने करीब 56 लोगों की जाँच की जिनमें कई नेता और बड़े अधिकारी शामिल थे।
मामले में रसूखदार लोगों के आरोपी होने की वजह से सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2006 में मामले को जम्मू-कश्मीर से चण्डीगढ़ की अदालत के लिए ट्रांसफर कर दिया था। जाँच में जब राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का नाम भी लिया जाने लगा तो उन्होंने जुलाई 2009 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। बाद में सीबीआई ने अब्दुल्ला को मामले में क्लीन चिट दे दी थी। ये मामला मई 2006 में सीबीआई को सौंपा गया था। कई आरोपियों को गवाहों को अभाव या मुकर जाने की वजह से मामले में बरी कर दिया गया।
Special CBI court in Chandigarh awarded 10 years of imprisonment to 5 ppl, including a former DSP & a former DIG BSF, who were convicted for rape in 2006 #JammuAndKashmir sex scandal case. Businessman Mehrajuddin Malik & then additional Advocate General of J&K Anil Seth acquitted
— ANI (@ANI) June 6, 2018
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