इंदौर शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालयः चूहों का हमला, दोनों नवजात बच्ची ने दम तोड़ा, सरकारी अस्पताल की लापरवाही
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 3, 2025 17:29 IST2025-09-03T17:27:58+5:302025-09-03T17:29:20+5:30
Indore Government Maharaja Yashwantrao Hospital: एमवायएच में सात दिन पहले इस बच्ची का ऑपरेशन किया गया था और 'सेप्टिसीमिया' के कारण उसकी हालत गंभीर थी।

सांकेतिक फोटो
इंदौरः इंदौर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) में चूहों के हमले की शिकार दूसरी नवजात बच्ची ने बुधवार को दम तोड़ दिया जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने दावा किया कि उसकी मौत सेप्टिसीमिया (रक्त विषाक्तता या रक्त संक्रमण) के कारण हुई। एमवायएच के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। एमवायएच के उपाधीक्षक डॉ. जितेंद्र वर्मा ने संवाददाताओं को बताया कि हाल ही में चूहों के हमले की जद में आई एक नवजात बच्ची की इलाज के दौरान मौत हो गई। उन्होंने बताया कि महज 1.60 किलोग्राम वजन वाली यह बच्ची अलग-अलग जन्मजात विकृतियों से जूझ रही थी जिनमें आंतों की विकृति भी शामिल थी। वर्मा ने बताया कि एमवायएच में सात दिन पहले इस बच्ची का ऑपरेशन किया गया था और 'सेप्टिसीमिया' के कारण उसकी हालत गंभीर थी।
उन्होंने कहा कि बच्ची की मृत्यु 'सेप्टिसीमिया' के कारण हुई है। वर्मा ने कहा कि बच्ची के परिजनों की इच्छा के मुताबिक उसके शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया गया है और शव उन्हें सौंप दिया गया है। उन्होंने कहा कि बच्ची को चूहों ने उसके बायें हाथ की दो अंगुलियों पर काटा था जिससे उसे 'हल्की खरोंच' आई थी।
इससे पहले, एमवायएच में चूहों के हमले की शिकार एक अन्य बच्ची की मंगलवार को मौत हो गई थी। एमवायएच के अधिकारियों ने कहा कि यह बच्ची भी अलग-अलग जन्मजात विकृतियों से जूझ रही थी। एमवायएच प्रशासन का दावा है कि इस बच्ची की मौत 'निमोनिया के संक्रमण' से हुई।
चूहों के हमले की शिकार दोनों बच्चियां नवजात बच्चों की सर्जरी से जुड़े विभाग की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती थीं। अधिकारियों ने बताया कि नवजात बच्चों के शरीर को चूहों के कुतरे जाने की घटना की शुरुआती जांच के आधार पर मंगलवार को एमवायएच के दो नर्सिंग अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था और अस्पताल की नर्सिंग अधीक्षक को पद से हटा दिया गया था। उन्होंने बताया कि एमवायएच की साफ-सफाई, सुरक्षा और कीट नियंत्रण के काम के ठेके से जुड़ी एक निजी फर्म को चेतावनी पत्र जारी करते हुए उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था।