Income Tax Department: 94 करोड़ रुपये नकद, आठ करोड़ के सोने और हीरे और 30 विदेशी महंगी घड़ियां, 102 करोड़ रुपये से अधिक जब्त
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 16, 2023 08:17 PM2023-10-16T20:17:29+5:302023-10-16T20:22:22+5:30
Income Tax Department: सरकारी ठेकेदारों तथा ‘रियल स्टेट’ करोबारियों के खिलाफ छापे में 94 करोड़ रुपये नकद, आठ करोड़ रुपये मूल्य के सोने और हीरे के आभूषण तथा विदेश में निर्मित 30 महंगी घड़ियां जब्त की हैं।
Income Tax Department: केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सोमवार को कहा कि आयकर विभाग ने कर्नाटक और अन्य राज्यों में सरकारी ठेकेदारों तथा ‘रियल स्टेट’ करोबारियों के खिलाफ छापे में 94 करोड़ रुपये नकद, आठ करोड़ रुपये मूल्य के सोने और हीरे के आभूषण तथा विदेश में निर्मित 30 महंगी घड़ियां जब्त की हैं।
आयकर विभाग ने ये छापे 12 अक्टूबर को बेंगलुरु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश के कुछ शहरों और दिल्ली में 55 ठिकानों पर मारे थे। सीबीडीटी ने एक बयान में कहा,‘‘ छापे में करीब 94 करोड़ की बेहिसाबी नकदी, आठ करोड़ रुपये मूल्य के सोने और हीरे के आभूषण जब्त किए..कुल मिलाकर 102 करोड़ रुपये से अधिक की जब्ती हुई है।’’
बयान में कहा गया,‘‘एक निजी कंपनी में कार्यरत व्यक्ति के परिसर से विदेश निर्मित 30 महंगी घड़ियां बरामद की गईं। उसका घड़ियों के कारोबार से कोई ताल्लुक नहीं है।’’ छापेमारी में ‘बेहिसाबी’नकदी मिलने के बाद इस मुद्दे पर कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है।
CBDT said that Rs 94 crore was seized during the raids. Cash, gold and diamond jewelery worth Rs 8 crore and 30 luxury watches have been seized.#ATDigital#karnataka#ITRaid
— The Update (@princzlee) October 16, 2023
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भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष नलिन कुमार कटील ने कहा कि छापेमारी में मिले रुपयों का संबंध कांग्रेस से है, जबकि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने आरोपों से इनकार करते हुए उन्हें ‘निराधार’ करार दिया है। सीबीडीटी आयकर विभाग के लिए नीतियां तैयार करता है। कथित तौर पर ठेकेदारों और उनसे जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान दस्तावेज और उनकी हार्ड कॉपी, डिजिटल आंकड़े सहित अपराध में ‘संलिप्तता’ से जुड़े काफी सबूत मिले हैं।
सीबीडीटी के मुताबिक, ‘कर चोरी’ के तौर-तरीकों से संकेत मिलता है कि ये ठेकेदार फर्जी खरीद की बुकिंग कर, उप-ठेकेदारों के साथ मिलकर खर्चों का गैर-वास्तविक दावा और अर्हता नहीं होने वाले खर्चों का दावा करके व्यय को बढ़ाकर अपनी आय कम दिखाने में शामिल थे। सीबीडीटी के अनुसार, अनुबंध रसीद के उपयोग में पाई गई ‘अनियमितताओं’ के परिणामस्वरूप ‘भारी मात्रा में बेहिसाब नकदी’ और ‘अघोषित’ संपत्ति बनाई गई।