हनी ट्रैप मामला: लोगों के वीडियो बनाने के लिए लिपिस्टिक एवं चश्मे में लगाये गये थे कैमरे

By भाषा | Published: September 30, 2019 05:14 AM2019-09-30T05:14:35+5:302019-09-30T05:14:35+5:30

इंदौर की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रूचिवर्धन मिश्र ने बताया कि जांचकर्ताओं को संदेह है कि इस गिरोह ने महिलाओं का इस्तेमाल कर राजनेताओं और नौकरशाहों समेत कई रसूखदारों को भी जाल में फंसाया था और इन लोगों से धन उगाही के अलावा अपनी अलग-अलग अनुचित मांगें जबरन मनवायीं।

Honey Trap Case: Lipstick and glasses were used for making videos of people | हनी ट्रैप मामला: लोगों के वीडियो बनाने के लिए लिपिस्टिक एवं चश्मे में लगाये गये थे कैमरे

हनी ट्रैप मामला: लोगों के वीडियो बनाने के लिए लिपिस्टिक एवं चश्मे में लगाये गये थे कैमरे

Highlightsइंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह की शिकायत पर पुलिस ने 19 सितंबर को हनी ट्रैप गिरोह का खुलासा किया था। गिरोह की पांच महिलाओं समेत छह सदस्यों को भोपाल और इंदौर से 18 एवं 19 सितंबर को गिरफ्तार किया गया

मध्यप्रदेश में हाल ही में पुलिस के शिकंजे में आये मोहपाश (हनी ट्रैप) गिरोह के सदस्य अपने जाल में फंसे धनी एवं रसूखदार लोगों के साथ अंतरंग पलों का वीडियो बनाने के लिए कैमरे लिपिस्टिक कवर और चश्मों मे छुपाकर रखते थे। उक्त जानकारी देते हुए पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह गिरोह इन्हीं वीडियो की मदद से धनी एवं रसूखदार लोगों को ब्लैकमेल करता था। गौरतलब है कि इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह की शिकायत पर पुलिस ने 19 सितंबर को हनी ट्रैप गिरोह का खुलासा किया था।

गिरोह की पांच महिलाओं समेत छह सदस्यों को भोपाल और इंदौर से 18 एवं 19 सितंबर को गिरफ्तार किया गया। हनी ट्रैप और ब्लैकमेल कर इस इंजीनियर से तीन करोड़ रुपये मांगने के आरोप में पुलिस ने इन्दौर और भोपाल से पांच युवतियों आरती दयाल (29), मोनिका यादव (18), श्वेता जैन (पति विजय जैन) (39), श्वेता जैन (पति स्वप्निल जैन) (48) और बरखा सोनी (34) को भारतीय दंड संहिता की धारा 405/19, 419, 420, 384, 506, 120-बी एवं 34 के तहत गिरफ्तार किया। इनके एक वाहन चालक ओमप्रकाश कोरी (45) को भी गिरफ्तार किया गया।

इंदौर की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रूचिवर्धन मिश्र ने बताया कि जांचकर्ताओं को संदेह है कि इस गिरोह ने महिलाओं का इस्तेमाल कर राजनेताओं और नौकरशाहों समेत कई रसूखदारों को भी जाल में फंसाया था और इन लोगों से धन उगाही के अलावा अपनी अलग-अलग अनुचित मांगें जबरन मनवायीं। गिरोह खुफिया कैमरों से अंतरंग पलों के वीडियो बनाकर अपने "शिकार" को इस आपत्तिजनक सामग्री के बूते ब्लैकमेल करता था। इनमें से कई वीडियो क्लिप सोशल मीडिया में वायरल भी हुए हैं।

हालांकि, इनमें से कुछ वीडियो में स्पष्ट समझ आता है कि उनसे छेड़छाड़ किया गया है। इस संबंध में प्रतिक्रिया जानने के बाद मिश्र एवं अपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमरेन्द्र सिंह से बार-बार फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन विफल रहा। दोनों अधिकारी हनी ट्रैप मामले की जांच के लिये गठित विशेष जांच दल :एसआईटी: के सदस्य हैं।

Web Title: Honey Trap Case: Lipstick and glasses were used for making videos of people

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