GPF scandal: 15 करोड़ से अधिक गबन का मामला, भैरवगढ़ जेल अधीक्षक उषा राजे पुलिस हिरासत में, जानिए क्या हुआ था
By बृजेश परमार | Updated: March 18, 2023 20:24 IST2023-03-18T20:22:29+5:302023-03-18T20:24:30+5:30
GPF scandal: जेल विभाग ने डीआईजी जेल मंशाराम पटेल एवं वित्त विभाग ने संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा विश्वजीत झारिया के नेतृत्व में जांच के लिए अलग-अलग दल भेजे थे।

पुलिस अधीक्षक उज्जैन सत्येन्द्र कुमार शुक्ल ने पूरे मामले की जांच के लिए एएसपी डा.इंद्रजीत बाकलवार के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया था।
उज्जैनः भैरवगढ़़ सेंट्रल जेल में हुए संभाग की जेलों में पदस्थ प्रहरियों एवं जेल कर्मचारियों के जीपीएफ (डीपीएफ) में हुए 15 करोड़ से अधिक के गबन कांड में पुलिस ने शनिवार को जेल अधीक्षक उषा राजे को हिरासत में ले लिया है। एसआईटी प्रमुख एवं एएसपी डा. इंद्रजीत बाकलवार के अनुसार उषा राजे पुलिस को जांच में सहयोग नहीं कर रही थी, इसके चलते उन्हें हिरासत में लेना पड़ा।
भैरवगढ़ थाना में उनसे महिला अधिकारियों की उपस्थिति में पूछताछ की जा रही है। अंग्रेजों के जमाने की भैरवगढ़ केंद्रीय जेल में हुए गबन कांड पिछले शनिवार को खुला था जब सहायक कोषालय अधिकारी सुरेंद्र भावर ने भैरवगढ़ थाना पुलिस को जीपीएफ (डीपीएफ) में गबन का प्रकरण दर्ज करवाया था।
पुलिस ने भादवि की धारा 420,409 में प्रकरण दर्ज किया था। प्रारंभिक रूप से इसमें जेल प्रहरी रिपूदमनसिंह जो कि जेल में लेखा बाबू का कार्य देख रहा था को आरोपी बनाया गया था। मामला जानकारी में आने पर जेल विभाग ने डीआईजी जेल मंशाराम पटेल एवं वित्त विभाग ने संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा विश्वजीत झारिया के नेतृत्व में जांच के लिए अलग-अलग दल भेजे थे।
पुलिस अधीक्षक उज्जैन सत्येन्द्र कुमार शुक्ल ने पूरे मामले की जांच के लिए एएसपी डा.इंद्रजीत बाकलवार के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया था। जांच के दौरान एक अन्य प्रहरी शैलेन्द्र सिकरवार का नाम सामने आने पर उसे भी पुलिस ने आरोपी बनाया है। दोनों ही आरोपी प्रकरण दर्ज होते ही फरार हो गए थे।
पुलिस ने इस बीच जांच में बयान के लिए जेल अधीक्षक उषा राजे को तीन नोटिस देकर बुलाया लेकिन वे इसके लिए नहीं पहुंची थी। गुरूवार को जेल अधीक्षक के कार्यालय के सामने तीन प्रहरियों एवं उनके परिजनों ने धरना देकर नारे बाजी की थी। इसके साथ ही उनके द्वारा निष्पक्ष जांच के लिए जेल अधीक्षक को हटाने की मांग की थी।
शुक्रवार शाम को निष्पक्ष जांच के लिए जेल विभाग ने जेल अधीक्षक उषा राजे को उज्जैन से भोपाल मुख्यालय अटैच करने के आदेश जारी किए थे।शनिवार पूर्वान्ह भैरवगढ़ थाना प्रभारी जेल अधीक्षक से उनके कार्यालय में जांच के लिए पूछताछ करने पहुंचे थे।
उनके असहयोग को देखते हुए बाद में महिला पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति में उन्हे हिरासत में लेकर भैरवगढ़ थाना लाया गया, जहां महिला पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति में उनसे पूछताछ शुरू की गई तो उनका असहयोग बना हुआ था। पुलिस ने भैरवगढ़ जेल कार्यालय की लेखा शाखा से भी काफी दस्तावेज जप्त किए हैं।
जेल में पदस्थ प्रहरियों सहित 100 कर्मचारियों के पीएफ अकाउंट में हेराफेरी कर 15 करोड़ से अधिक के गबन मामले की शिकायत कर्मचारियों द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार की जाकर जेल अधीक्षक को हटाने की मांग की जा रही थी।
शुक्रवार शाम जेल अधीक्षक को भोपाल अटैच करने के आदेश होने की खबर जेल स्टाफ को लगी तो शनिवार सुबह भेरूगढ़ जेल परिसर में कर्मचारियों ने पटाखे जलाकर खुशियां व्यक्त की थी। इसके कुछ देर उपरांत ही पुलिस ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी जिसमें जेल अधीक्षक को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।